इंदौर का तनाव भरा ट्रैफिर सुधारने के लिए बड़ी योजना बनाई जा रही है. (File)
इंदौर शहर के ट्रैफिक का हाल बेहाल है. यहां गाड़ी चलाने का मतलब है तनाव लेना. इसी तनाव को दूर करने के लिए यहां केबल कार चलाए जाने की योजना बन रही है.
इस तैयारी के मद्देनजर संबंधित विभागों के बीच बड़ी बैठक हुई. बैठक में केबल कार चलाने वाली कंपनी ने प्रजेंटेशन दिया. गौरतलब है कि अब तक देश के किसी भी शहरी क्षेत्र में सड़क पर ट्रैफिक की सुगमता के लिए केबल कार नहीं चली है. इंदौर देश का पहला शहर होगा, जहां यह सुविधा शुरू होगी. जानकारी के मुताबिक, जवाहर मार्ग से राजबाड़ा, कालानी नगर से सुदामा नगर, क्लॉथ मार्केट से महाराणा प्रताप नगर और इंदौर रेलवे स्टेशन से भंवरकुआं तक के रूट के लिए फिजिबिलिटी सर्वे किया जाएगा.
कंपनी ने दीं कई जानकारियां
जानकारी के मुताबिक, केबल कार का संचालन करने वाली कपनी वेपकॉस ने कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा के सामने प्रजेंटेशन दिया. बता दें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ महीनों पहले ही इंदौर में रोप-वे केबल कार चलाने की मंजूरी दी थी. इसी के बाद कमिश्नर ने यह पहली बैठक ली. कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें रोप-वे से जुड़ी कई जानकारियां दीं.कलेक्टर ने इन पहलुओं पर की बात
प्रजेंटेशन में कलेक्टर मनीष सिंह ने घने बसे मध्य क्षेत्र में इस सुविधा की बात कही. खासकर रेलवे स्टेशन को जोड़ते हुए. यह रूट करीब नौ से दस किमी का होगा. इससे इन क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही में कमी आ सकेगी और ट्रैफिक सुगम होगा. यह प्रोजेक्ट करीब 500 करोड़ का होगा.
कंपनी के प्रपोजल में ये जगहें शामिल
जानकारी के मुताबिक कंपनी ने प्रजेंटेशन में जवाहर मार्ग से राजबाड़ा, कालानी नगर से सुदामा नगर, क्लॉथ मार्केट से महाराणा प्रताप नगर और इंदौर रेलवे स्टेशन से भंवरकुआं तक के चार क्षेत्रों में रोप-वे केबल कार चलाने का प्रस्ताव रखा गया. इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) अब फिजिबिलिटी सर्वे करवाया जाएगा और तय करेगा कि केबल कार इंदौर में चलाई जा सकती है या नहीं? इसके साथ ही इसकी लागत, डिजाइन सहित सभी के लिए टेंडर जारी किया जाएगा. संभागायुक्त ने बताया कि शीघ्र ही सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद प्रस्तावित रोप-वे केबल नेटवर्क के रूट का निर्धारण किया जाएगा.