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- From Illegal Recovery To Masks In The Name Of Masks, Corporations Beat The Road .. Threatens To Take Them To The Police Station If They Protest .. Video Viral
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इंदौर4 घंटे पहले
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झोन पर बिना मास्क लगाये निगम कर्मी
2020 में लॉकडाउन के दौरान सामने आया ठेला कांड और शहर से बुजुर्गों के साथ अमानवीय हरकत के बाद एक बार फिर से कोरोना काल में निगम की पीली गैंग की दादागिरी सामने आने लगी है। इसके कई उदाहरण सामने आए हैं । जबरन वसूली और मास्क के नाम पर लोगों को धमकाने के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। रंग पंचमी के दिन भी ऐसे ही कुछ विडियो सामने आए। जिसमें निगम की पीली गैंग की हाथापाई से लेकर लोगों को धमकाते तक नजर आए । इस दौरान वह खुलकर दादागिरी करते रहे और किसी से भी नहीं डरने की बात करते रहे ।
वायरल वीडियो1– रंग पंचमी के नगर निगम कर्मियों के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिसमें पहला मामला पाटनीपुरा से एलआईजी चौराहा के बीच का है जहां पर अपने परिवार के साथ जा रहे। युवक को निगमकर्मी रोकते हैं और महिला द्वारा हाथ जोड़कर विनती करने पर भी नहीं मांगते हैं और सीधे थाने में ले जाने की बात करते हुए दिखाई देते हैं। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा था कि निगम कर्मी अभद्रता करते हुए दिखाई दे रहे थे।
वायरल वीडियो2– रंग पंचमी पर एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें नगर निगम जोन पर एक दुकान संचालक द्वारा इस बात की जानकारी लेना चाहिए कि आपने नगर निगम की सील के बिना ही हमें यह चालान दे दिया, लेकिन जैसे ही दुकान संचालक झोन के अंदर जाता है तो निगम कर्मी बिना मास्क लगाए बैठे हुए नजर आ रहे हैं वीडियो बनाने पर दुकान संचालक से भी अभद्रता करते हुए निगम कर्मी दिखाई दिए और अंत में मोबाइल भी दुकान संचालक से छीन लिया।

निगम कर्मियों के हाथ जोड़ती महिला
यह वह दो मामले हैं जिसमें नगर निगम की खूब धज्जियां उड़ चुकी है–
पिछले वर्ष का पहला मामल — ।
दूसरा मामल था जनवरी 2021 का – जनवरी माह में एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई थी। जिसमे नगर निगम के कर्मचारी बूढ़े भिखारियों को एक डंपर में मवेशियों की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ गए थे । जिसका विडियो भी बहुत वायरल हुआ था। कर्मचारी बुजुर्ग भिखारियों को इंदौर-देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। वो गाड़ी में एक के ऊपर एक लदे हुए थे। उस समय भी निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने रैन बसेरा के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था ।