बेशर्म सिस्टम ने सांसें रोकीं: जेपी के कोविड वार्ड में आधी रात ऑक्सीजन सप्लाई अटकी, 2 कोरोना मरीजों की मौत

बेशर्म सिस्टम ने सांसें रोकीं: जेपी के कोविड वार्ड में आधी रात ऑक्सीजन सप्लाई अटकी, 2 कोरोना मरीजों की मौत


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपालएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

रामरती की मौत देर रात हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उनके बेटे को दोपहर में शव सौंपा। इसके लिए भी बेटे को मिन्नतें करनी पड़ीं।

  • अस्पताल का तर्क… दोनों मरीज गंभीर थे इसलिए हुई मौत
  • एक मरीज आईसीयू में, जबकि दूसरा संदिग्ध वार्ड में भर्ती था, परिजन बोले- रात तक दोनों ठीक थे
  • चार महीने पहले हमीदिया में बिजली गुल होने से तीन मरीजों की जान गई थी

जेपी अस्पताल के कोरोना वार्ड में बुधवार-गुरुवार को आधी रात दो मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में शामिल भानपुर के कल्याण नगर की 50 वर्षीय रामरती अहिरवार कोरोना के आईसीयू में भर्ती थीं, जबकि दूसरे मरीज सीबी मेश्राम कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती थे। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि रात में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी, जिसके कारण मरीजों की जान चली गई।

हालांकि आरोपों पर जेपी के सिविल सर्जन डॉ. राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई नहीं रुकी थी। दोनों मरीजों की हालत गंभीर थी। फिलहाल शासन ने अब तक इस मामले पर किसी तरह की जांच के आदेश नहीं दिए हैं। 11 दिसंबर 2020 को हमीदिया के कोरोना वार्ड की दो घंटे बिजली गुल होने से ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई थी। तब ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे तीन मरीजों की एक के बाद एक मौत हो गई थी। हालांकि, जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी गई थी।

बेटे का दर्द, उसी की जुबानी; रात ढाई बजे कोई मरीज चिल्ला रहा था, गार्ड ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया

मां को 28 मार्च को जेपी में भर्ती कराया था, तब उन्हें तेज बुखार था। 29 को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुधवार रात को मां की हालत अच्छी थी। उन्होंने मुझसे बात की, दलिया खाया और सो गई थीं। मैं रात में वार्ड के बाहर ही रुका था। रात ढाई बजे वार्ड में कोई मरीज बुरी तरह चिल्ला रहा था। तब मैं वार्ड में जाना चाहता था, लेकिन गार्ड ने अंदर नहीं जाने दिया। सुबह 7 बजे डॉक्टर ने फोन कर बताया कि मां की हालत बहुत खराब है, आकर देख लो। अंदर मां बेसुध पड़ी थीं। हम मां को दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे, उन्हें बाहर भी ले आए, लेकिन अस्पताल वालों ने पुलिस बुला ली और हमें मां को नहीं ले जाने दिया। – जैसा रामरती के बेटे जीवन ने भास्कर को बताया

एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव थी, फिर भी जान चली गई
दूसरे मृतक सीबी मेश्राम को दो दिन पहले ही परिजनों ने यहां भर्ती किया था। उनको निमोनिया था। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो उनकी कोरोना जांच कराई गई, लेकिन रेपिड एंटीजन टेस्ट निगेटिव थी। ऐसे में आरटीपीसीआर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट नहीं आने की स्थिति में उनको कोरोना सस्पेक्टेड वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा था। जहां गुरुवार तड़के करीब तीन बजे उनकी मौत हो गई।

खबरें और भी हैं…



Source link