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छतरपुर/नौगांव19 घंटे पहले
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नौगांव | थाने में बैठा बैंक कर्मचारी और पुलिस जवान।
- 31 मार्च को क्लोजिंग के दौरान कैश कम होने का मामला आया सामने, पुलिस बैंक अधिकारियों से कर रही पूछताछ
नगर में स्थित एचडीएफसी की शाखा में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। जब तत्कालीन ब्रांच मैनेजर के तबादले के बाद 31 मार्च को नए ब्रांच मैनेजर ने अपना चार्ज संभाला तो 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 900 रुपए शार्ट मिले। जब ब्रांच मैनेजर को स्टाफ से पूछताछ करने पर जानकारी नहीं मिली तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले की जानकारी दी जिसके बाद थाने में शिकायती आवेदन दिया।
आवेदन के बाद टीआई सहित पुलिस बल ने एचडीएफसी बैंक पहुंचकर पूछताछ की और जरूरी दस्तावेज खंगालने के बाद अज्ञात पर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। पूरा मामला एचडीएफसी बैंक ब्रांच नौगांव का है जहां बैंक की रकम में ही गबन का मामला सामने आया है, ब्रांच मैनेजर सौरभ खरे द्वारा पुलिस को 1 करोड़ 11 लाख 50 हजार 900 रुपये शॉर्ट होने की लिखित में सूचना मिलते ही पुलिस एक्शन में आई और तत्काल दल बल के साथ बैंक पहुंची जहां जरूरी दस्तावेजों को खंगालने के बाद अज्ञात व्यक्ति पर धारा 420, 406 एवं 409 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी का तबादला 30 मार्च को नौगांव से सीहोर हो गया था। 31 मार्च को बरेठा से सौरभ खरे ने नौगांव ब्रांच में अपना चार्ज संभाला। इसमें मार्च क्लोजिंग के दौरान ऑडिट में गबन का मामला सामने आया तो स्टाफ से पूछताछ के बाद ब्रांच मैनेजर सौरभ खरे ने गबन की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद सभी अधिकारी नौगांव पहुंचे और 1 करोड़ से अधिक राशि के मामले की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद अज्ञात पर मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी, कैशियर मेघा सिंह चौहान एवं सहायक मैनेजर संजीव तिवारी से पूछताछ करके छोड़ दिया है।
सुबह बैंक खुलते ही टीआई संजय वेदिया पुलिस बल के साथ एचडीएफसी बैंक मौका मुआयना करने पहुंचे। वहीं भोपाल से आई टीम में आशु गर्ग एचआर और जबलपुर से आई टीम के सीआर आशीष टंगरेजा ने बैंक के कर्मचारियों से पूछताछ की और कैश लॉकर का मुआयना कर तत्कालीन ब्रांच मैनेजर गिरीश तिवारी कैशियर मेघा सिंह चौहान और सहायक मैनेजर संजीव शर्मा के लैपटॉप और मोबाइल फोन भी खंगाले गए। जांच में पुलिस और बैंक अधिकारियों को आवश्यक जानकारी हासिल हुई।
मैनेजर द्वारा शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई अब जांच का विषय यह है बैंक लॉकर से आखिर रुपए निकले कैसे, क्योंकि लॉकर 2 चाबियों से खुलता है। सूत्रों की मानें तो लॉकर से एटीएम में कैश डालने का कार्य सहायक मैनेजर संजीव शर्मा के द्वारा किया जाता था।
बैंक के संजीव शर्मा ने व्यापारियों से कर्ज लिया है
इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि बैंक अधिकारी संजीव शर्मा नगर के कई व्यापारियों से बड़ी रकम ब्याज पर लिए हुए है। पुलिस द्वारा पूरे दिन थाने में संजीव शर्मा से पूछताछ की गई, उसने जिन व्यापारियों से ब्याज पर रुपए ले रखे हैं, पुलिस ने इन व्यापारियों को भी थाने बुलाया, लेकिन ब्याज पर रुपए देने की बात से सभी इंकार कर रहे हैं।
बैंक में गबन के बाद खाताधारकों में हड़कंप
एचडीएफसी बैंक में इतनी बड़ी राशि के गबन की खबर जैसे ही बैंक के खाताधारकों को लगी तो बैंक के सामने भीड़ जमा हो गई। इतना ही नहीं खाताधारक अपनी-अपनी पासबुक लेकर बैंक से पैसे निकालने के लिए भी आने लगे, लेकिन मार्च क्लोजिंग एवं बैंक में हुए गबन की वजह से बैंक का कामकाज पूरी तरह से बंद रहा, जिससे ग्राहकों को परेशानी हुई।
कैश शार्टेज का मामला, जल्द करेंगे खुलासा
टीआई संजय बेदिया का कहना है कि एचडीएफसी बैंक मैनेजर के द्वारा 1 करोड़ 11 लाख से अधिक राशि गबन की शिकायत की गई। मामला बैंक के लॉकर में कैश की शार्टेज का है। जिस पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ जारी है। जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।