भोपाल: नगर निगम ने कोरोना काल में बनाया अनूठा रिकॉर्ड, टैक्स से वसूले 350 करोड़ रुपये

भोपाल: नगर निगम ने कोरोना काल में बनाया अनूठा रिकॉर्ड, टैक्स से वसूले 350 करोड़ रुपये


भोपाल नगर निगम ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ टैक्स वसूली की है. 350 करोड़ रुपए, जो अब तक की सबसे ज्यादा वसूली है.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम ने राजस्व वसूली में नया रिकॉर्ड बनाया है. इस वित्तीय वर्ष निगम ने 350 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की है. इतनी राशि इससे पहले कभी नहीं वसूली गई थी.


  • Last Updated:
    April 2, 2021, 5:56 PM IST

भोपाल. कोरोनाकाल के बावजूद भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) ने राजस्व वसूली में नया रिकॉर्ड (Records tax collection in Corona Period) बना डाला है. नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष 350 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की है. इतनी राशि इससे पहले कभी नहीं वसूली गई थी. निगम अब तक सबसे ज़्यादा 260 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली कर पाया था. लेकिन इस साल सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए निगम ने 350 करोड़ रुपये की ताबड़तोड़ वसूली की है. बताया जा रहा है कि निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने सबसे ज़्यादा फ़ोकस राजस्व वसूली पर रखा, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके कार्यकाल में निगम ने राजस्व वसूली नया रिकॉर्ड बना लिया.

संपत्ति, जल समेत अन्य करों की वसूली के लिए निगम ने काफी जोर-आजमाइश की थी. सख्ती और समझाइश का दौर भी चला. इस दौरान फरवरी में अमला संपत्तियों की कुर्की करने के लिए मैदान में उतर गया था. घर, दुकान या दफ्तर कुर्क होने पर बड़े बकायादारों ने राशि जमा भी कराई. वहीं निगम ने कई जगहों पर जलकर न चुकाने वालों के नल कनेक्शन भी काटे गए. इसका यह नतीजा निकला कि बकाया राशि की वसूली में तेजी आई और निगम ने लक्ष्य को पूरा कर लिया.

घर-घर पहुंचकर कार्रवाई करने के दिए थे निर्देश: नगर आयुक्त 

नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी, ने बताया कि राजस्व वसूली के लिए अलग-अलग टीमें बनाकर घर-घर जाकर बकायादारों से राशि जमा कराने की कार्रवाई करने को कहा था. वहीं, उनसे मोबाइल पर चर्चा कर राशि जल्द से जल्द जमा करने की बात भी कही थी. इसके अलावा कई बकायादारों पर संपत्ति कुर्क की कार्रवाई की गई. नगर निगम ने  संपत्ति समेत अन्य कर अदा न करने वाले सैकड़ो बकायादारों पर संपत्ति कुर्क की कार्रवाई की. कार्रवाई सभी 19 जोन- में की गई. इससे बकायादारों ने मौके पर ही लाखों रुपये की राशि जमा करा दी, जबकि शेष राशि शीघ्र जमा करने का आश्वासन दिया.









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