सचिन ने सेमीफाइनल से पहले भूख से परेशान खिलाड़ियों को दिया गुरु मंत्र, फिर जो हुआ वो इतिहास बन गया

सचिन ने सेमीफाइनल से पहले भूख से परेशान खिलाड़ियों को दिया गुरु मंत्र, फिर जो हुआ वो इतिहास बन गया


2011 के विश्व कप में भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच रामजी श्रीनिवासन ने खुलासा किया है कि तब पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले सचिन तेंदुलकर( Sachin Tendulkar) ने भूख से परेशान खिलाड़ियों को ऐसी बात कही थी, जिससे उनका हौसला बढ़ गया और नतीजा सबके सामने है. (Suresh Raina/Twitter)

रामजी श्रीनिवासन (Ramji Srinivasan) 2011 वनडे विश्व कप (2011 ODI World Cup) में भारतीय क्रिकेट टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच थे. उन्होंने तब के एक किस्से का जिक्र करते बताया कि कैसे सेमीफाइनल से पहले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के चंद शब्दों ने भूख से परेशान भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उसके बाद जो हुआ, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

नई दिल्ली. 2011 में भारत को वनडे का विश्व चैम्पियन बनाने में खिलाड़ियों के साथ सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों का भी रोल अहम रहा. उन्होंने खाने, ट्रेनिंग और फिटनेस से लेकर हर उस चीज का ध्यान रखा, जो टीम के लिए जरूरी थी. इसमें टीम के तत्कालीन स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच रामजी श्रीनिवासन (Ramji Srinivasan) की भूमिका सबसे अहम थी. उन्होंने वर्ल्ड कप के दौरान हर खिलाड़ी के ट्रेनिंग से लेकर खाने तक का पूरा शेड्यूल तैयार किया था. वो आज भी 2011 में टीम इंडिया की वर्ल्ड कप जीत को नहीं भूले हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट क्रिकेट नेक्स्ट से खास बातचीत में रामजी ने फाइनल के बाद के जश्न, टूर्नामेंट में खिलाड़ियों की फिटनेस के अलावा सचिन तेंदुलकर की उस खास नसीहत के बारे में खुलकर बात की, जो उन्होंने खिलाड़ियों को पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले से कुछ घंटे पहले दी थी.

रामजी ने बताया कि मोहाली में हुए सेमीफाइनल को छोड़ दें, तो पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अच्छा था. लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले कुछ ऐसा हुआ कि रामजी खुद घबरा गए थे. मगर सचिन ने उस हालात को संभाला और खिलाड़ियों की इस तरह हौसला अफजाई की वो अपनी परेशानी भूलकर पाकिस्तान के खिलाफ पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरे.

सचिन ने भूख से परेशान खिलाड़ियों को दिया गुरु मंत्र: रामजी श्रीनिवासनरामजी के मुताबिक, मैं अक्सर मैदान पर जल्दी पहुंचता था और खिलाड़ियों के वार्म-अप से जुड़ी तैयारी करता था. मुझे ये भी पक्का करना होता था कि खिलाड़ी होटल से मैदान पहुंचे, उससे पहले ही उनके लंच का पूरा इंतजाम हो जाए. लेकिन सेमीफाइनल वाले दिन कड़े सुरक्षा इंतजामों के कारण लंच ड्रेसिंग रूम में देरी से पहुंचा. मैं इसे लेकर काफी परेशान था. सभी नर्वस थे. हम पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहे थे. लंच लेट होने की सूरत में मैंने कोशिश की कि खिलाड़ियों के लिए सैंडविच का इंतजाम कर दूं. लेकिन उसमें भी वक्त लग गया. खिलाड़ी भी बैचेन होने लगे क्योंकि खाना नहीं था. कुछ खिलाड़ी तो थोड़े उखड़ गए. लेकिन तभी सचिन आए और उन्होंने खिलाड़ियों को जो बात कही वो मैं अपनी आखिरी सांस तक नहीं भूलूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि आप लोग भूखे हैं. ये मुकाबला बहुत अहम है. आप अपनी भूख यहां नहीं, बल्कि मैदान पर जाकर दिखाएं. हम यही करने के लिए हैं. हमें परेशान होने की बजाए सीधे वॉर्म-अप के लिए जाना चाहिए. हम उसके बाद भी लंच कर सकते हैं.

‘सचिन के कुछ शब्दों ने पूरे ड्रेसिंग रूम का माहौल बदला’
टीम के पूर्व कंडीशनिंग कोच ने कहा कि सचिन की बात सुनकर सभी खिलाड़ी चुप गए और सीधे मैदान पर अभ्यास के लिए चले गए. उनकी इस नसीहत ने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की और ड्रेसिंग रूम का पूरा माहौल ही बदल गया और मैंने भी राहत की सांस ली. रामजी को आज भी याद है कि सचिन के इन शब्दों ने खिलाड़ियों का मूड पूरी तरह बदल दिया और इसके बाद जो हुआ वो सबको पता है.

यह भी पढ़ें: DRS और तीसरे अंपायर के 3 नियमों में बदलाव, ICC ने लिया बड़ा फैसला

‘खिलाड़ियों ने वजन नियंत्रित रखने के लिए बहुत मेहनत की’
रामजी उस वर्ल्ड कप को याद करते हुए कहते हैं कि बतौर स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच मेरे लिए ये सुखद रहा कि टूर्नामेंट के दौरान वर्कलोड के कारण कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं हुआ. हर खिलाड़ी ने डाइट चार्ट का पूरी तरह पालन किया. अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड कप में हमने हर खिलाड़ी को फिटनेस और वजन को लेकर निश्चित टारगेट दिया था. अगर सचिन तेंदुलकर की बात करें तो उन्हें अपना बॉडी फैट 10 फीसदी के भीतर रखना था और जब हमने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले उनकी जांच की तो उनका फैट इतना ही निकला. यही वजह थी कि खिलाड़ी मैदान पर अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर पाए और यही टीम के चैम्पियन बनने की बड़ी वजह भी रही.









Source link