On This Day in 2011: भारत ने आज ही के दिन 10 साल पहले जीता था वर्ल्ड कप (फोटो-युवराज सिंह इंस्टाग्राम)
2 अप्रैल 2011 को टीम इंडिया ने दूसरी बार वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2011 Win) जीता था. एमएस धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनी थी.
नई दिल्ली. 2 अप्रैल…ये तारीख टीम इंडिया के फैंस और उसके खिलाड़ियों के लिए बेहद खास है क्योंकि इसी दिन साल 2011 में भारत ने दूसरी बार वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2011 Win) जीता था. टीम इंडिया ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. खिताबी मुकाबले में गौतम गंभीर ने 97 और कप्तान एमएस धोनी ने नाबाद 91 रन बनाकर टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. भारतीय टीम ने 275 रनों का लक्ष्य 49वें ओवर में हासिल किया था. इस मुकाबले में वैसे तो कई ऐसी घटनाएं हुई जो शायद अबतक हर फैंस को याद हैं लेकिन हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे वाकयों के बारे में जिन्हें बहुत कम क्रिकेट फैंस जानते होंगे.
वर्ल्ड कप फाइनल में दो बार टॉस हुआ था. दरअसल मैच रेफरी पहली बार हुए टॉस में ये नहीं सुन पाए कि श्रीलंकाई कप्तान ने आखिर क्या मांगा था? इसके बाद मैच रेफरी जेफ क्रो ने दोबारा टॉस कराया और संगकारा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी.
वैसे तो एमएस धोनी को उनके सटीक डीआरएस रिव्यू के लिए जाना जाता है लेकिन फाइनल मुकाबले में युवराज सिंह ने धोनी को बड़ी गलती से बचाया. 39वें ओवर में तिलन समरावीरा के खिलाफ युवराज सिंह की गेंद पर LBW अपील हुई जिसे अंपायर साइमन टॉफेल ने नकार दिया. धोनी ने भी डीआरएस नहीं लेने का फैसला किया था लेकिन युवराज सिंह ने जिद कर भारतीय कप्तान को डीआरएस लेने पर मजबूत किया और नतीजा भारत के पक्ष में गया.
फाइनल मैच में सचिन तेंदुलकर 18 रन बनाकर आउट हो गए और इसके बाद वो पैवेलियन में मसाज टेबल पर बैठे रहे. सचिन तेंदुलकर ने फाइनल मैच में भारतीय बल्लेबाजी देखी ही नहीं. वो पूरी पारी के दौरान उसी मसाज टेबल पर बैठे रहे और उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को भी अपनी जगह से नहीं हिलने दिया.
वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम ने पहले ही ओवर में वीरेंद्र सहवाग का विकेट गंवा दिया था. सहवाग दूसरी ही गेंद पर मलिंगा का शिकार हो गए. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले गौतम गंभीर तैयार ही नहीं हुए थे. उन्होंने सहवाग के आउट होने के वक्त पैड तक नहीं पहने थे. हालांकि सहवाग के विकेट पर डीआरएस लिया गया था जिसके चलते गंभीर को तैयार होने का समय मिल गया और इसके बाद उन्होंने 97 रनों की बेहतरीन पारी खेल भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया.