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भोपाल7 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबे
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न्यू मार्केट में स्वास्थ्य विभाग की टीम और एनजीओ द्वारा बिना मास्क घूम रहे लोगों को मास्क बांटे और एक नुक्कड़ नाटक से कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क उपयोग करने का संदेश दिया।
- लॉकडाउन के एक दिन पहले से लेकर लगातार 4 दिन आए केस बना आधार
मध्यप्रदेश में शासन की तमाम कोशिशों और सख्तियों के बाद भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर नाई कर्फ्यू के साथ ही संडे क लॉकडाउन शुरू कर दिया गया। हालांकि इसका असर होता नहीं दिख रहा है। इन तीनों शहरों में ही संडे के लॉकडाउन होने के बाद भी नए केसों में बढ़ोतरी हुई है।
हालत यह हैं कि इंदौर में यह 700 के करीब और भोपाल में 500 तक पहुंच गए हैं, जबकि जबलपुर में पहले लॉकडाउन के 100 मरीज आ रहे थे, अब यह संख्या पौने 200 पहुंच गई है। ऐसे में शासन के नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इधर एक्सपर्ट का कहना है कि नए ट्रेंड को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले 15 दिन ज्यादा केस बढ़ेंगे।

मास्क पर आधी-अधूरी कार्रवाई
कोरोना के बढ़ने के कारण भोपाल समेत तीनों शहरों में पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी है। चौराहों और तिराहों पर पुलिस लोगों पर मास्क नहीं पहनने पर सख्ती करते हुए जुर्माना वसूल रही है, लेकिन भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
किसी भी कार्यक्रम में अधिकतम 100 लोगों की पाबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं, लेकिन पुलिस की नजर सिर्फ वाहन चालकों पर रहती है। कई बार हेलमेट पहने होने और बाइक पर अकेले होने पर भी पुलिस रसीद काट देते है। इसको लेकर कई जगह विवाद की स्थिति भी बन रही हैं।

15 दिन केस बढ़ेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जरूरी
जिस तरह से ट्रेंड आ रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले 15 दिन क्रूसल रहेंगे। 15 अप्रैल तक कोरोना के केस बढ़ेंगे। इस दौरान कोरोना को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी है। शासन द्वारा उठाए जा रहे कदम को सबको सपोर्ट करना चाहिए। सभी बंद करना संभव नहीं है। ऐसे में यह लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे सजग रहें और प्रोटोकाल का पालन करें। संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण आवागमन होता है। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
-डॉक्टर एसके सक्सेना, रिटायर्ड अधीक्षक हमीदिया अस्पताल

छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे मामले
छत्तीसगढ़ में रोजाना औसतन तीन हजार केस रोज आ रहे हैं। बुधवार को 4563 केस आए थे। पाजिटिविटी रेट औसतन 7% है। जिलों के शहरी क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगा है। बड़े और व्यस्त शहरों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक और छोटे शहरों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक दुकानें-कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैँ। लॉकडाउन कहीं नहीं है।
राजस्थान में भी बिगड़ रहे हालात
मध्यप्रदेश से सटे राजस्थान में भी हालत बिगड़ रहे हैं। बीते करीब दो सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह लगातार बढ़ रहे हैं। गत 21 मार्च को 476 केस आए थे, लेकिन 1 अप्रैल को यह संख्या 1300 के पार पहुंच गई। यह बीते 12 दिन में सबसे ज्यादा है। 28 मार्च को सबसे ज्यादा करीब 1 हजार से ज्यादा केस आए थे, लेकिन उसके बाद कमी आई थी। 31 मार्च के बाद केस बढ़ने लगे और अब यह करीब 1300 के पर हो गए हैं।
महाराष्ट्र के कारण ज्यादा चिंता
मध्यप्रदेश के लिए सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में केस बढ़ना चिंता का विषय है। महाराष्ट्र में हर दिन 30 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में यहां से आने वाले लोगों के कारण मध्यप्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है, लेकिन यह नाकाफी ही साबित हो रहे हैं। 21 मार्च को महाराष्ट्र में करीब 30 हजार केस आए थे, जबकि 31 मार्च को यह संख्या 40 हजार के करीब पहुंच गई। यह संख्या एक दिन के आंकड़ों के अनुसार है।