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- Flames Erupt In Nauradehi Sanctuary Adjoining Belkheda, 8 Km Area Destroyed Due To Fire, Danger Of Reaching Crops
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जबलपुर36 मिनट पहले
नौरादेही अभ्यारण में आठ दिनों से भड़की हे आग।
- 15 किमी दूर से दिख रही आग की लपटें, बुझाने का कोई प्रयास नहीं
- गिद्धों का रहवास एरिया भी आग की जद में आया, हजारों एकड़ का जंगल स्वाहा
जबलपुर-दमोह की सीमा पर स्थित नौरादेही अभ्यारण आठ दिनों से धधक रहा है। जंगल से सटे ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं। जंगल में लगी आग बुझाने का कोई प्रयास भी नहीं हो रहा है। आलम ये है कि जंगल की आग खेतों में पहुंचने को आतुर है। आग पूरे जंगल में तेजी से फैलता जा रहा है। इसकी वजह से गिद्धाें का रहवास एरिया भी उसकी जद में आ गया है।
जानकारी के अनुसार बेलखेड़ा से लगे नौरादेही अभ्यारण में आठ दिनों से भड़की आग से राष्ट्रीय संपदा के साथ जीव जंतु की मौत हो रही है। जंगल से सटे विक्रमपुर गांव के ग्रामीण भय के चलते रात भर पहरा देने को मजबूर हैं। ग्रामीण जंगल से लगे खेतों की फसल काट रहे हैं कि कहीं आग उनके खेतों तक न पहुंच जाए।
पास में ही इंदिरा नगर चेक पोस्ट का चौतरफा एरिया आग से खाक हो चुका है। यहां फॉरेस्ट विभाग के परिवार रहते हैं। चेक पोस्ट होने के बावजूद भी आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। जंगल में लगी आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह करीब 15 किलोमीटर दूर से देखी जा सकती है।
रात में दूर से दिख रही आग की लपटें।
पहाड़ की ऊंचाई होने के कारण आग बुझाने में मुश्किलें
पहाड़ की ऊंचाई होने के कारण यहां आग बुझाना भी मुश्किल है। अभी तक हजारों एकड़ का जंगल स्वाहा हो चुका है। आसपास के ग्रामीणों की मानें तो महुआ बीनने के लिए सूखे पत्तों में लगाई गई आग जंगल में फैली है। जंगली जानवर इधर-उधर भाग कर जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। ग्रामीण आशीष ठाकुर ने बताया कि पांच किमी क्षेत्र के जंगल को अपनी चपेट में लेने के बाद अब आग तीन किमी क्षेत्र में और फैल चुकी है। जंगल से लगी गेहूं की फसलें तैयार है। डर है कि कहीं खेतों तक न आग पहुंच जाए।
नौरादेही में गिद्धों का बसेरा
गिद्धों की गणना में नौरादेही में गिद्ध बड़ी संख्या में मिले थे। यहां उनके घोषले से लेकर बच्चे भी मिले थे। जंगल में भड़की अाग गिद्धों के रहवास एरिया को भी अपनी चपेट में ले चुका है। जंगल के पशु-पक्षियों का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस जंगल में हिरन भी बहुतायत में है। वे ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भागने को मजबूर हैं। वहां कुत्तों से उन्हें खतरा है।