MP: CM शिवराज ने क्यों दिया जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें का नारा? 

MP: CM शिवराज ने क्यों दिया जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें का नारा? 


मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरचनाओं एवं उसके आस-पास किए गए अतिक्रमणों को हटवाएं और उसके बाद इनकी मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य किया जाए. (फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने निर्देश दिए है कि “जल शक्ति अभियान : कैच द रैन” का मध्यप्रदेश के सभी जिलों में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.

भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) बारिश आने से पहले जल संचय को लेकर बड़े अभियान पर काम करी है. इसी सिलसिले में सीएम शिवराज ने रविवार को जल शक्ति मिशन की समीक्षा की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने निर्देश दिए है कि “जल शक्ति अभियान : कैच द रैन” का मध्यप्रदेश के सभी जिलों में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस पर इस अभियान की शुरूआत की तथा कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता जल संसाधनों और जल सम्पर्क पर निर्भर है. हमारे पूर्वज हमारे लिए जल छोड़कर गए, अब हमारी जिम्मेवारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण करें. भारत में वर्षा का अधिकतर जल बह जाता है. जितना बारिश का पानी बचाएंगे, उतना हमारी भू-जल पर निर्भरता कम होगी. हमें प्रधानमंत्री के आव्हान पर वर्षा जल के संग्रहण के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल शक्ति अभियान : कैच द रैन’ कार्यक्रम (‘Jal Shakti Abhiyan: Catch the Rain’) के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा ‘जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें’.

छोटी नदियों – जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरचनाओं एवं उसके आस-पास किए गए अतिक्रमणों को हटवाएं और उसके बाद इनकी मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य किया जाए. समुदाय को साथ लेकर छोटी नदियों एवं जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में उपलब्ध जल स्त्रोतों एवं भूमि के स्वरूप के आधार पर जल संरक्षण की कार्ययोजना बनाकर लागू की जाए. प्रदेश की सभी जल संरचनाओं की जी.आई.एस. मैपिंग की जाए तथा इनकी सूचियां जिलेवार तैयार की जाएं. जिला मुख्यालय पर जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाए. ये केन्द्र जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय में सूचना, जागरूकता एवं ज्ञान के प्रसारण के केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे.

महिलाओं की दें ट्रेनिंगमुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है. देश में कोविड महामारी के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल की जांच के लिए ट्रेंड किया गया. पानी के जांच के इस अभियान में गांव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है. प्रदेश में भी इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई हो.

ये भी दिए निर्देश
1. वृक्षारोपण के माध्यम से कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट किया जाए.
2. वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान को ग्राम पंचायत स्तर पर जल संरक्षण कार्यों में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाए.
3. देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के आयोजनों के साथ जल शक्ति अभियान को भी जोड़ा जाये.
4. जिले के सरकारी भवनों जैसे- आंगनवाड़ी भवन, पंचायत भवन, स्कूल भवन, स्वास्थ्य केन्द्र आदि में ‘रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग’ की व्यवस्था की जाये.
5. प्रत्येक ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जल शपथ ली जाए और जल शक्ति अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये.









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