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ग्वालियर6 मिनट पहले
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ज्यादा संक्रमित होने वाले इलाके चिह्नित होने के बाद भी प्रशासन नहीं कर रहा सख्ती।
- पीएस ने पूछा- मरीज बढ़े ताे क्या करेंगे, सही जवाब नहीं दे पाए अफसर, अब 4000 बेड रिजर्व करने के आदेश
काेराेना संक्रमण की दूसरी लहर से शहर के 66 में से 5 वार्ड सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। वार्ड 18, 29, 58 और 60 में 371 मरीज सामने आए हैं। जाहिर है कि ये सबसे संवेदनशील वार्ड हैं। ये खुलासा साेमवार काे जिले के प्रभारी और प्रमुख सचिव संजय दुबे की समीक्षा बैठक में हुआ। सर्वाधिक संक्रमित क्षेत्र को लेकर बात हाेने पर उन्हें बताया गया कि मुरार, डीडीनगर, थाटीपुर, बड़ागांव, खुरैरी के पांच वार्डों सर्वाधिक संक्रमण है।
कारण पूछने पर बताया गया कि इन वार्डाें में भिंड-मुरैना और मालनपुर के कारखानों में काम करने वाले लोग ज्यादा रहते हैं, लेकिन श्री दुबे ने जब सवाल किया कि भिंड व मुरैना में तो ज्यादा संक्रमण नहीं है। इसके बाद उन्हें बताया गया कि वार्ड 18 का डीडीनगर क्षेत्र ऐसा हैं जहां पर बेंगलुरु, दिल्ली, मालनपुर की फैक्टरियों के लोग ज्यादा रहते हैं। आज यदि यहां आरटीपीसीआर की मुहिम चलाई जाए तो यहां भारी संख्या में मरीज और मिलेंगे। बैठक में पीएस ने स्वास्थ्य महकमे के अफसरों से पूछा कि मरीज बढ़ेंगे तो क्या करेंगे? इसका ठोस जवाब अफसर नहीं दे पाए। इसके बाद प्रमुख सचिव ने कहा कि ऐसी प्लानिंग करें कि जरूरत पड़ने पर एक साथ 4 हजार मरीजों को भर्ती किया जा सके। होम आइसोलेशन की छूट सिर्फ उन्हें ही दें, जिनके घर में पर्याप्त जगह है।

संक्रमण राेकने के लिए पीएस ने बताया ये प्लान
- 5-5 वार्डों के ग्रुप बनाकर 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगवाएं। यदि स्टाफ की कमी है तो बीएलओ, शिक्षक व आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा लें।
- ऐसे संस्थान, कारोबार जिनमें मास्क, सोशल डिस्टेंस व सेनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है उन्हें दो दिन के लिए सील करें। रोज 25 का टारगेट तय कर निकलें। इसके बाद भी सुधार न हो तो फिर प्रकरण दर्ज कराएं।
- प्रभारी सचिव ने डीन से पूछा कि संक्रमित मरीजों की मृत्यु के कारण में पहले से अभी क्या बदलाव आया है। उन्हें बताया गया कि पहले संक्रमण चेस्ट पर आने में वक्त लग रहा था अब वायरस सीधे छाती पर असर कर रहा है।
लोगों को समझाने अब यमराज सामने आए
पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के दल ने बस स्टैंड पर कोरोना वायरस और यमराज बनकर लोगों को गाइड लाइन का पालन करने की समझाइश दी। दूसरी तरफ खुली जेल के नोडल अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि गोला मंदिर व अन्य क्षेत्रों में बिना मास्क घूम रहे 46 लोगों को पकड़कर स्टेडियम की खुली जेल में भेजा गया। यहां पर सभी को दो घंटे से अधिक बैठाकर रिहा कर दिया गया। उधर, शासकीय प्रेस के पीछे एसडीएम अनिल बनवारिया जब रिया गारमेंट पर पहु्ंचे तो उन्हें पांच लोग बिना मास्क लगाए बैठे मिले।
पहले उन्होंने दुकान सील करने के निर्देश टीम को दिए। जब दुकान संचालक माफी मांगने लगा तो उन्होंने दो हजार रुपए जुर्माना लेकर भविष्य में मास्क लगाने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। एसडीएम ने दौलतगंज, बैंड मार्केट, बाड़ा क्षेत्र में 51 लोगों को बिना मास्क मिलने पर 10 हजार 50 रुपए जुर्माना किया। एक दिन पहले इसी टीम ने राममंदिर पर महेश फ्लॉवर को सील किया था। सोमवार को दुकान संचालक के माफी मांगने पर एक हजार रुपए का चालान और चेतावनी देकर छोड़ा गया।
बॉर्डर से बाजार तक प्राेटाेकाॅल में ढील, स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की खानापूर्ति
कोरोना संक्रमण के केस राेज बढ़ने के बाद भी आमजन व सरकारी अफसर-कर्मचारी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। जहां लोग मास्क, डिस्टेंसिंग आदि नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं वहीं इन नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार अफसर भी बहुत उदासीनता बरत रहे हैं।
एंट्री प्वाइंट: निरावली की जगह पुरानी छावनी थाने पर लगा कैंप
निरावली पर चेकिंग कैंप लगाने का आदेश कलेक्टर ने दिए थे, लेकिन कोई कैंप नहीं लगाया गया, बल्कि करीब 4.5 किलोमीटर दूर पुरानी छावनी थाने के बाहर ये कैंप लगा।
रेलवे स्टेशन: थर्मल स्क्रीनिंग की खानापूर्ति, कोई रोकटोक भी नहीं
महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के संक्रमित शहरों से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशन पर सख्ती नहीं है। थर्मल स्क्रीनिंग की खानापूर्ति की जा रही है।
जेएएच के मनोरोग विभाग की डॉक्टर और उनका बेटा पॉजिटिव
जेएएच के मनोरोग विभाग की महिला डॉक्टर और उनके 4 साल के बेटे को कोरोना होने की पुष्टि हुई है। बीते रोज उनके पति स्किन रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संक्रमित पाए गए थे। गर्भवती होने के कारण उन्हें कोरोना से बचाव का टीका नहीं लगा है। न्यूरोसर्जरी के जूनियर डॉक्टर ने एक माह पहले टीका लगवाया था, फिर भी वे संक्रमित हो गए।
पुणे की फ्लाइट में कोई पॉजिटिव नहीं
पुणे से आई फ्लाइट में जिला अस्पताल मुरार की टीम ने 16 लोगों के सैंपल लिए इनमें से किसी को भी कोरोना होने की पुष्टि नहीं हुई है। अन्य मरीज अपनी आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आए थे। जिला अस्पताल मुरार की टीम एयरपोर्ट गई थी। इस कारण रेलवे स्टेशन पर सोमवार को टीम नहीं जा पाई,क्योंकि कोविड के लिए जो टीम दी गई है, उसमें लोग कम हैं।
जम्मू व लखनऊ से लौटे 3 संक्रमित
किलागेट निवासी वृद्ध और उनका सराफा कारोबारी दामाद एक सप्ताह पहले लखनऊ से लौटे हैं। जांच कराई तो दोनों को कोरोना निकला। इसी तरह ललितपुर कॉलोनी निवासी 56 वर्षीय संक्रमित पिछले दिनों ही जम्मू से लौटा है और बुखार आने पर जांच कराई।
खांसी, जुकाम, बुखार है तो जांच कराएं
जीआरएमसी के मेडिसिन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विजय गर्ग का कहना है कि अब विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोना गंभीर रूप लेने लगा है। इसलिए अगर खांसी, जुकाम, बुखार हो तो तुरंत कोरोना की जांच कराकर विशेषज्ञ की राय लें। मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।