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- By Being An Election Officer, The Thug Charged The Phone To The BLO, Flew 20 Thousand Rupees From The Account In The Name Of Sending Money For Election Duty.
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भिंड3 घंटे पहले
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गिरंदर सिंह, बीएलओ
- बीएलओ एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाकर दे रहे वारदात को अंजाम
- एसपी की सूचना पर कलेक्टर ने सभी कर्मचारियों को बल्क में भेजे मैसेज ऐसे किसी झांसे में नहीं आएं
सायबर ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ठग हर रोज नया तरीका अपना कर लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा रहे हैं। मंगलवार को एक ठग ने बीएलओ को फोन लगाकर चुनाव ड्यूटी के पैसे खाते में डालने के लिए पहले उनके मोबाइल में बीएलओ एनी डेस्क एप (एप्लीकेशन) डाउनलोड करवाया और बाद में सभी जानकारी उसमें भरवाकर खाते से 20 हजार रुपए उड़ा दिए।
वहीं जब बीएलओ को अपने साथ हुई ठगी का आभास तो हुआ उन्होंने पुलिस को शिकायत की। वहीं मामला जब एसपी मनोज कुमार सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस को जानकारी दी। वहीं कलेक्टर ने भी सभी बीएलओ को मैसेज भिजवाया कि वे इस प्रकार के झांसे में नहीं आएं।
दरअसल सरस्वती नगर निवासी गिरंद सिंह यादव शासकीय माध्यमिक विद्यालय सुकांड में शिक्षक हैं। साथ ही इसी गांव मतदान केंद्र भाग-2 के बीएलओ भी हैं। मंगलवार को सुबह जब वे स्कूल गए तभी 11 बजे उनके पास मोबाइल नंबर 9572999045 से फोन आया।
सामने वाले व्यक्ति ने खुद को निर्वाचन कार्यालय मेहगांव का अधिकारी बताते हुए उसी अंदाज में पूछा कि जनवरी महीने में कितने फार्म जमा किए। गिरंद सिंह ने जवाब दिया कि 10-12 फार्म उन्होंने जमा कराएं है। उसके बाद ठग ने पूछा कि कोई रिकार्ड बनाया है। उन्होंने कहा हां सभी जमा किए फार्म का रिकार्ड उनके पास है। इसी बातचीत के दौरान ठग ने कहा कि तुम्हारा चुनाव ड्यूटी का पैसा 2500 रुपए आया है।
उसे तुम्हारे खाते में भेजना है। इस पर गिरंद ने कहा कि आप भेज दीजिए। तभी ठग बोला एक काम करो मोबाइल में बीएलओ एनी डेस्क एप डाउनलोड करो। ठग के बताए अनुसार उन्होंने एप डाउनलोड किया और उसके बताए अनुसार सारी जानकारी उसमें भर दी, तभी उनके खाते से चार बार में 20 हजार रुपए उड़ गए।
इस एप के माध्यम से की गई ठगी

वह एप जिसके माध्यम से बीएलओ के खाते से उठाए ठगों ने रुपए।
एसपी की सूचना पर कलेक्टर ने सभी कर्मचारियों को बल्क में भेजे मैसेज ऐसे किसी झांसे में नहीं आएं
कर्मचारी ने टोका, फिर भी नहीं माने
गिरंद सिंह की मानें तो वे एंड्रायड मोबाइल फोन ज्यादा नहीं चला पाते हैं। ऐसे में यह बात उन्होंने जब फोन पर ठग को बताई तो उसने कहा कि एक काम करो किसी दूसरे नंबर से उन्हें फोन लगाओ मैं बताता जाऊंगा उस प्रकार से करते जाना। इस पर गिरंद सिंह ने अपने साथी एमपी शर्मा के मोबाइल से फोन लगाया।
जब मोबाइल में एप डाउनलोड करने के बाद उसमें नाम, जन्मतिथि और आधार कार्ड नंबर करने के लिए कहा गया तो एमपी शर्मा को शक हुआ उन्होंने गिरंद सिंह को टोका भी रहने दो, मामला ठीक नहीं लग रहा है। लेकिन गिरंद ठग के इतने झांसे में आ चुके थे और उनके खाते से रुपए कट गए।
ठग ने कर ली ऑनलाइन खरीदी
ठग ने शिक्षक गिरंद सिंह के माेबाइल फोन में बीएलओ एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड कराने के बाद उनके खाते से चार बार 5-5 हजार रुपए की आन लाइन खरीदी कर 20 हजार रुपए पार कर दिए। खास बात तो यह कि जब गिरंद सिंह के ठग के इतने झांसे में आ गए थे कि उनके मोबाइल में जब पैसे कटने के मैसेज आना शुरु हुए तो उन्होंने ठग से कहा कि खाते में पैसे आने के बजाए निकलने के मैसेज आ रहे हैं। वहीं ठग ने भी उन्होंने फिर झांसा दिया कि तुम्हारे पुराने मैसेज आ रहे होंगे। जब उन्होंने खाते का बैलेंस चेक किया तो उसमें मात्र 379 रुपए रह गए। शेष 20 हजार रुपए निकल चुके थे।
अन्य बीएलओ को भी लगाया फोन
ठग ने गिरंद सिंह से पहले सुकांड के मतदान केंद्र भाग एक के बीएलओ राजबहादुर सिंह को भी फोन लगाया था। उनसे भी इसी प्रकार का झांसा दिया था। लेकिन उन्होंने ज्यादा बात न करते हुए सीधे निर्वाचन कार्यालय को फोन लगाकर पुष्टि कर ली, जिससे वे बच गए।
वहीं दूसरे नंबर पर उसने गिरंद सिंह को फोन लगाकर ठगा। बाद में भाग क्रमांक तीन के बीएलओ रामसिया शर्मा को फोन लगाया। उन्हें भी यही झांसा दिया। लेकिन रामसिया को तब तक गिरंद सिंह के साथ हुई ठगी का पता चल चुका था। इसलिए उसने कहा कि आप बताओ कहां हो, हम वहीं आकर कार्रवाई कर लेंगे। इस पर ठग ने फोन काट दिया।
इन 10 तरीकों से हो रही सायबर ठगी
1. बैंक खातों की जांच के नाम पर ठगी: ठग बैंक खातों की जांच के नाम पर फोन लगाकर पर्सनल डिटेल पूछते हैं और खाते से पैसे उड़ा देते हैं। हालांकि यह तरीका अब पुराना पड़ गया है।
2. नौकरी के नाम पर ठगी: कई जॉब पोर्टल नौकरी दिलाने के नाम पर जानकारी लेकर ऑनलाइन फीस लेते हैं और बाद में राशि उड़ा देते हैं।
3. शादी की वेबसाइट पर ठगी: ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट पर पार्टनर की तलाशने वालों को चेटिंग कर फ्राड करते हैं।
4. वाट्सएप कॉल के जरिए फर्जीवाड़ा: वाट्स एप कॉल कर ठग अपनी बातों में उलझाकर खातों से पैसे उड़ा देते हैं।
5. यूपीआई के जरिए ठगी: यूपीआई के जरिए ठग किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेज देता हैं और जैसे ही वह उस लिंक पर क्लिक कर अपना पिन डालता हैं तो उसके खाते से पैसे कट जाते हैं।
6. क्यूआर कोड से धोखाधड़ी: क्यूआर कोड लिंक को भेजते हैं जैसे ही उस पर सामने वाला क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं।
7. लॉटरी, पेट्रोल पंप डीलरशिप के नाम पर ऑनलाइन ठगी- ठग ऑयल कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों उसका विज्ञापन भेजते हैं और लॉटरी में पंप अलॉट होने का झांसा देकर राशि ठगते हैं।
8. रिवॉर्ड पाइंट के नाम पर ठगी: रिवॉर्ड पाइंट के नाम पर फ्रॉड करने वाले SMS भेजते हैं. उन SMS में बैंक खाते से जुड़ी जानकारियां मांगी जाती है और जैसे ही जानकारी उनके पास पहुंचती है। वैसे ही ठग खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।
9.हेल्थ एप और वैक्सीन के नाम पर ठगी: कोरोना संक्रमण काल में ठग वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर जानकारी लेकर ठगी कर रहे हैं। साथ ही हेल्थ एप के जरिए भी लोगों के खातों से पैसे उड़ा रहे हैं।
10. ड्यूटी के पैसे के नाम पर ठगी: अब ठग सरकारी कर्मचारियों का डेटा चोरी कर उन्हें फोन पर उनकी ड्यूटी का पैसा खाते में डालने के नाम पर ठगी कर रहे हैं।