राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंथन: स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का अध्ययन करे टास्क फोर्स, नागरिकों-शिक्षाविदों से चर्चा कर दें सुझाव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मंथन: स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का अध्ययन करे टास्क फोर्स, नागरिकों-शिक्षाविदों से चर्चा कर दें सुझाव


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • School Education Minister Inder Singh Parmar Said That After Studying The Draft Of The Task Force Education Policy And Discussing With The Citizens, Academics And Presented Its Suggestion

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल27 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मंत्रालय में हुई।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री इंदर सिंह परमार की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मंत्रालय में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। इस मौके पर मंत्री ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन लाने और विद्यार्थियों के विकास के उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई वर्षों के अध्ययन, चिंतन और विभिन्न शिक्षाविदों के साथ मंथन उपरांत तैयार की गई है।

उन्होंने कहा कि सुझावों के आधार पर क्रियान्वयन की योजना और प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। इसके लिए सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को अच्छे से अध्ययन करे, ड्राफ्ट के बारे में विद्यालय, मोहल्ले, समाज के नागरिकों, शिक्षाविदों आदि से चर्चा करें। सुझाव टास्क फोर्स की बैठकों में प्रस्तुत करें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू करने व स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए सुझाव और मार्गदर्शन के लिए राज्य शासन द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टास्क फोर्स में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को सदस्य सचिव, आयुक्त लोक शिक्षण और आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र संचालक को सदस्य, सचिव मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, संचालक मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और निदेशक महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान को पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। साथ ही, विभिन्न जिलों से शासकीय और अशासकीय क्षेत्र के 24 प्रतिनिधियों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

जिलों के सभी सदस्य कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष से बैठक में वर्चुअली उपस्थित रहें। सदस्यों ने प्रारंभिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, शिक्षक शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा कॉम्प्लेक्स, बुनियादी और आधारभूत शिक्षा, डिजिटल ऑनलाइन शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा आदि विषयों पर सुझाव दिए।

राज्यमंत्री परमार ने सभी उपयुक्त सुझावों को उपसमितियों के माध्यम से पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत, निदेशक हिंदी ग्रंथ अकादमी अशोक कड़ेल, संचालक के.के. द्विवेदी, निदेशक राज्य ओपन बोर्ड प्रभातराज तिवारी सहित संबंधित अधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

खबरें और भी हैं…



Source link