सख्ती: प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटने वाले 3200 कॉलोनाइजरों के खिलाफ होगी एफआईआर

सख्ती: प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटने वाले 3200 कॉलोनाइजरों के खिलाफ होगी एफआईआर


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भोपाल2 घंटे पहले

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राजधानी में लगातार जारी है अवैध कॉलोनियों को तोड़ने का सिलसिला

  • सरकार प्रदेश की 6600 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए लाएगी बिल
  • हाईकोर्ट के आदेश मानने के लिए एकसाथ होगी कार्रवाई

प्रदेश की 6600 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सरकार नया बिल लाने के साथ कॉलोनाइजरों के खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई करेगी। प्रदेश में पिछले 20 साल में अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ एक साथ एफआईआर कराई जाएगी। ऐसे 3200 से ज्यादा कॉलोनाइजर्स है, जिन्होंने सरकारी और खेती की जमीनों पर बिना डायवर्जन और मूलभूत सुविधाओं के अवैध कॉलोनी काट दी। इसके बाद ही सभी कॉलोनी वैध हो पाएगी। राज्य शासन ने पिछले सप्ताह कैबिनेट में मप्र नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है। इसके बिल को अध्यादेश से लागू किया जाएगा। इसके पहले हाईकोर्ट के आदेश के पालन के लिए अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। शासन ने वर्ष 2018 के पहले सभी कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है, जिसके अंतर्गत कॉलोनाइजर्स पर एफआईआर के लिए कलेक्टर और निगम आयुक्त मिलकर कार्रवाई करेंगे।

कॉलोनाइजर्स और अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं…
हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया वाली धारा 15 (क) को शून्य घोषित कर दिया था। इसके चलते सारी कॉलोनी अवैध हो गई थीं। नगरीय विकास विभाग ने अक्टूबर 2020 में धारा 15 (क) को विलोपित कर दिया था। हाईकोर्ट ने कॉलोनाइजर्स और अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। इसके चलते सबसे पहले 3200 कॉलोनाइजर्स के खिलाफ कार्रवाई होगी। शासन विधिक राय के आधार पर अफसरों के खिलाफ कदम उठाएगा।
प्रदेश में सबसे ज्यादा… भोपाल और इंदौर में ही 2600 अवैध कॉलोनी
प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनी भोपाल और इंदौर में काटी गई। अकेले भोपाल में संभाग में 1200 से ज्यादा अवैध कॉलोनी है। इंदौर में 1400 से ज्यादा चिह्नित की जा चुकी हैं। अभी तक रिकॉर्ड के मुताबिक 3200 कॉलोनाइजर्स के नाम हैं, जिन पर एफआईआर की जाएगी। भोपाल में कोलार, रातीबढ़, नीलबढ़ जैसे क्षेत्र प्रमुख है। भोपाल-इंदौर निगम की कॉलोनी सेल में 10 साल से ज्यादा पदस्थ प्रभारी और कर्मचारियों को हटाया जाएगा। अफसरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश होगी।
अब तक क्या-क्या हुआ

  • राज्य सरकार ने 1998 में मप्र कॉलोनाईजर नियम 1998 में नियम-15(ए) बनाया था। इस नियम से 30 जून 1998 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला लिया था।
  • 30 जून 2002 तक, 30 जून 2007 तक, 21 दिसंबर 2012 तक और आखिरी बार 31 दिसंबर 2016 तक कट चुकीं अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले लिए गए।
  • सरकार ने नियम 15(ए) के अंतर्गत 6876 अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला लिया था। सार्वजनिक सूचना जारी हुई थी। नगरीय निकायों ने आपत्तियां सुनी थीं। कॉलोनियों से विकास शुल्क लेकर और राशि जमा कराने के बाद नियमितीकरण शुरू कर दिया गया था।
  • हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 3 जून 2019 को राज्य शासन की धारा 15(ए) को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292-ई के प्रावधान के पालन में धारा 15(ए) को अवैध करार दिया। इसके साथ ही अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए।
  • शासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद धारा 15(ए) विलोपित कर दी है। नए बिल के मुताबिक सभी कॉलोनी नियमित करने की कार्रवाई शुरू होगी।

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