सेन्ट्रल जेल में हत्यारे ने की धोखाधड़ी: सिर्फ 4 दिन की सजा बढ़ाकर दिखाने पर कम हो रही थी 6 महीने की सजा, रिकॉर्ड से हुआ खुलासा अब 2 साल ज्यादा जेल में रहना पड़ेगा

सेन्ट्रल जेल में हत्यारे ने की धोखाधड़ी: सिर्फ 4 दिन की सजा बढ़ाकर दिखाने पर कम हो रही थी 6 महीने की सजा, रिकॉर्ड से हुआ खुलासा अब 2 साल ज्यादा जेल में रहना पड़ेगा


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  • Sentence Of Just 4 Days Was Reduced To 6 Months On Showing, The Record Reveals That Now Will Have To Remain In Jail For 2 More Years.

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ग्वालियर4 मिनट पहले

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  • सजा के दस्तावेज में कूटरचना की खुद का 4 दिन पुलिस कस्टडी में दिखाया

सेन्ट्रल जेल में बंद हत्यारे ने धोखाधड़ी कर शासन की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया है। हत्यारे ने अपनी 6 महीने की सजा कम करने के चक्कर में रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर 4 दिन की सजा बढ़ाकर दिखा दी। जिससे वह 26 जनवरी 2022 की जगह 15 अगस्त 2021 में ही छूट जाए। घटना मार्च 2020 सेन्ट्रल सेल ग्वालियर की है। पर रिकॉर्ड से पूरे मामले का खुलासा हो गया। अब आजीवन कारावास की सजा काट रहे हत्यारे पर बहोड़ापुर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी में होने वाली 2 साल की अतिरिक्त सजा उसे और भुगतना पड़ेगी।

जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि जेल में हत्या के मामले में वर्ष 2007 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी दुर्गेश भदौरिया को जेल में वारंट का काम सौंपा गया था। जहां उसने मार्च 2020 तक उसने काम किया। साल 2021 में उसकी सजा का समय पूरा होने वाला था और 26 जनवरी 2022 में गणतंत्र दिवस पर रिहा होने वाले बंदियों की सूची में उसका नाम जाना था। उसकी सजा में सिर्फ 4 दिन का अंतर आ रहा था। यह 4 दिन बच जाते तो वह 15 अगस्त 2021 में ही रिहा हो सकता था। जेल वारंट सेल में काम करने के दौरान बंदी दुर्गेश के मन में लालच आ गया। यहां उसने अपनी सजा से जुड़े दस्तावेज में 4 दिन अतिरिक्त पुलिस कस्टडी के जोड़ लिए थे। जिससे उसकी रिहाई 6 महीने पहले ही हो जाए। जब उसका रिकॉर्ड वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा तो उन्हें संदेह हुआ। साथ ही मामले की जांच की तो पता चला कि हत्यारे दुर्गेश ने शातिर दिमाग का उपयोग कर चार दिन जोड़कर दस्तावेज में छेड़छाड़ की है।

वैरीफिकेशन से हुआ खुलासा

जेल प्रबंधन ने मामले की जानकारी के लिए पहले कोर्ट से वर्ष 2007 का रिकॉर्ड निकाला, जिसमें उसे कस्टडी में रखने की जानकारी नहीं थी, फिर संबंधित थाना पुलिस से जानकारी मांगी तो पता चला कि उसे पुलिस कस्टडी में नहीं रखा गया था। इसका पता चलते ही जेल प्रबंधन ने मामले की शिकायत बहोड़ापुर थाना पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

2 साल की ज्यादा सजा भुगतना पड़ेगी

आजीवन कारावास की सजा काट रहे दुर्गेश ने 6 महीने की सजा बचाने के लिए 4 दिन की सजा बढ़ा दी। अब वह ऐसा फंस गया है कि उसे धोखाधड़ी की 2 से साल की अतिरिक्त सजा अलग से भुगतना पड़ेगी।

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