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- In View Of Corona’s Growing Case, The Administration Has Identified Hotel Ginger, Amaltas And Country Inn In The Middle Of The City.
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इंदौर5 मिनट पहले
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प्रतीकात्मक फोटो
मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डेढ से दो हजार नए कोरोना मरीज हर 24 घंटे में आ रहे हैं। हालांकि 70 प्रतिशत से अधिक का इलाज होम आइसोलेशन में ही हो रहा है। बावजूद 400 से अधिक मरीजों को भर्ती करवाना पड़ रहा है। आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीजों का इंदौर आना जारी है। इसके चलते अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। वहीं, होटलों से भी उन्हें जोड़ा जा रहा है।
कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें आईसीयू की आवश्यकता नहीं है। डे-केयर सेंटर के रूप में होटलों के कमरों में इलाज हो सकता है। दिल्ली, मुंबई समेत अन्य बड़े शहरों में गत वर्ष मरीजों की संख्या बढ़ने पर इसी तरह होटलों के कमरों में मरीजों को रखा गया था। इंदौर में भी मेडिकल स्टाफ के लिए प्रशासन ने होटलों के कमरे गत वर्ष लिए थे।
बड़े अस्पतालों में जगह नहीं
दरअसल, वर्तमान कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मरीज ज्यादा निकल रहे हैं। इसके चलते शहर के सभी निजी बड़े अस्पतालों में तो जगह ही नहीं बची है। दिनभर मरीजों को भर्ती करवाने की मारामारी जारी रहती है। दो दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों में तो एक भी बेड नहीं बचे हैं। छोटे व सरकारी अस्पतालों में 2 हजार बेड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी उपलब्ध हैं। नए अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए जोड़ा जा रहा है। हालांकि सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में स:शुल्क इलाज ही चल रहा है, जबकि गत वर्ष शासन ने बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों में भी नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी थी। इस बार अभी सिर्फ अरबिंदो में ही 150 बेड नि:शुल्क किए, जो भर गए
मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी
पिछले तीन माह से कोरोना के मरीजों की सीमित संख्या के चलते एक बार फिर अस्पतालों की हालत सामान्य हो चुकी थी, लेकिन पिछले 15 दिनों से यकायक कोरोना के बढ़ते मरीजों की तादाद ने अस्पतालों में मरीजों का अंबार लगा दिया है। कोरोना प्रोटोकॉल के प्रारंभिक डोज खाने के बाद कई लोगों की स्थिति में सुधार आने लगता है, लेकिन जब भी ऐसे मरीजों की हालत बिगड़ती है, वैसे ही उन्हें आईसीयू की आवश्यकता पड़ती है।