Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल15 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
अब मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में उपाध्यक्ष का नया पद सृजित किया गया है। साथ ही आयोग में एक महिला सदस्य को रखने की अनिवार्यता भी होगी। आयोग पांच सदस्यीय होगा। इस निर्णय का गजट में नोटिफिकेशन भी हो गया है। पूर्व में यह व्यवस्था नहीं थी। प्रथम आयोग में अवश्य ही श्रीमती मेहरुन्निसा परवेज सदस्य रही थी लेकिन इसके बाद पांच बार आयोग का गठन हुआ लेकिन किसी में भी महिला को सदस्य के रूप में शामिल नहीं किया गया।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अलावा अन्य आयोगों में उपाध्यक्ष का पद नहीं है। हालांकि महिलाओं को सदस्य के रूप में चुनिंदा आयोग में नियुक्ति मिली है लेकिन अनिवार्यता शब्द का उपयोग पहली बार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में हुआ है। गौरतलब है कि फिलहाल पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष समेत सदस्यों के पद खाली है। ऐसी स्थिति करीब एक दर्जन आयोग में भी है। दूसरी ओर सरकार के इस फैसले के राजनीतिक अर्थ भी निकाले जा रहे हैं। संगठन से किसी महिला को एडजस्ट करने के लिए ऐसा फैसला होना बताया गया है जबकि सरकारी अफसर इससे इंकार करते हैं।
केंद्र का अनुसरण किया
^राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में उपाध्यक्ष पद का गठन केंद्र के कारण हुआ है। वहां भी आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में एक महिला सदस्य को रखना जरुरी होगा।
-एमके अग्रवाल, सचिव पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग