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रतलामएक घंटा पहले
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- 2018-19 की केवल 30 फीसदी राशि ही अब तक मिली
कोरोना के चलते निजी स्कूलों को वर्ष 2018-19 की 30 फीसदी राशि तो मिल चुकी है। लेकिन 70 फीसदी राशि अब तक नहीं मिल पाई है। जबकि जिला शिक्षा केंद्र में राशि आ भी चुकी है। लेकिन अब तक यह अकाउंट में पहुंचना शुरू नहीं हुई है। जबकि 20 अप्रैल तक वर्ष 2019-20 की राशि भी विभाग को मिल जाएगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पुरानी ही राशि अब तक नहीं बंट पाई है तो नई राशि कब तक बंट पाएगी।
निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में 25 फीसदी बच्चों को आरटीई में निशुल्क दाखिला देते हैं। इसके एवज में राज्य सरकार उन्हें फीस का भुगतान करती है। यह राशि सत्र खत्म होने के तुरंत बाद मिल जाना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। 2018-19 की पूरी राशि भी अब तक स्कूलों को नहीं मिल पाई है। पहले 30 फीसदी राशि मिली। इसके बाद 70 फीसदी राशि मिलना है। भुगतान के लिए दो करोड़ रुपए से ज्याद की राशि जिला शिक्षा केंद्र को मिल गई है, लेकिन अब तक यह स्कूलों के अकाउंट में डलना शुरू नहीं हो पाई है।
इस संबंध में स्कूल संचालक डीपीसी से लेकर सीईओ तक को मिल चुके हैं लेकिन राशि नहीं मिल पाई है। मप्र प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र से जिला शिक्षा केंद्र को दो करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मिल गई है तो डीपीसी राशि क्यों नहीं बांट रहे हैं। उन्हें अब किस बात का इंतजार है। आखिर क्यों स्कूलों को राशि नहीं बांटी जा रही है। वहीं 2018-19 के आरटीई भुगतान के सत्यापन से जो स्कूल रह गए हैं उनके प्रपोजल भी नहीं लिए जा रहे हैं। 2019-20 के भुगतान के लिए पिपलौदा ब्लाॅक की नोडल मैपिंग भी नहीं की गई है। जब अन्य ब्लाॅकों की मैपिंग हो गई है तो आखिर पिपलौदा ब्लॉक को क्यों छोड़ दिया गया है। जल्द राशि का भुगतान किया जाए।
15 अप्रैल के बाद से भुगतान शुरू हो जाएगा
डीपीएसी एमएल सांसरी ने बताया कि भुगतान की तैयारी चल रही है। सत्यापन किया जा रहा है। 15 अप्रैल से भुगतान शुरू कर देंगे।