Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली2 मिनट पहले
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग (IPL) शुक्रवार से शुरू हो रही है। इसमें देश-दुनिया के अधिकांश बड़े क्रिकेटर्स, अंपायर्स, मैच रेफरी, कमेंटेटर्स हिस्सा ले रहे हैं। इस बार का आयोजन अब तक हुए तमाम आयोजनों से अलग और चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले में जल्द ही भारत, ब्राजील को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर आ सकता है। देश में अभी रोजाना 1.25 लाख से ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ और ऑफिशियल्स को कोरोना से बचाना और बायो बबल में उनके मेंटल ब्रेकडाउन को रोकना BCCI और तमाम फ्रेंचाइजीज के सामने सबसे बड़ा टास्क है।
खेल की बात करें तो इस बार ऋषभ पंत और संजू सैमसन के रूप में नए कप्तान दिखेंगे। साथ ही स्पिनर्स की डिमांड भी पिछले सीजन से ज्यादा हो सकती है। चलिए पांच पॉइंट में जानने की कोशिश करते हैं कि इस बार IPL में सबसे ज्यादा फोकस किन बातों पर होगा।
1. बायो बबल में खिलाड़ियों को उत्साहित रखने की चुनौती
पिछले साल (2020) कोरोना के कारण ही IPL का आयोजन UAE में हुआ था। तब सभी टीमों ने लग्जरी होटल्स और प्राइवेट बीच भी बुक कराए थे, ताकि उनके खिलाड़ी बायो बबल से ऊब न जाएं। लेकिन इतनी कोशिशों के बावजूद आधे सीजन के बाद बायो बबल के कारण खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब हुआ और मुंबई इंडियंस को छोड़कर अन्य कोई भी टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। दिल्ली की टीम 9 में से 7 मैच जीतने के बाद लगातार 4 मैच हार गई थी। इस बार भी सभी टीमों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वे कैसे अपने खिलाड़ियों को करीब दो महीने तक उत्साहित रख पाते हैं।
2. टी-20 वर्ल्ड कप को देखते हुए प्रैक्टिस
अगला टी-20 वर्ल्ड कप इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में ही होना है। लिहाजा इस IPL को सभी देशों के खिलाड़ी वर्ल्ड कप की तैयारी मानकर भी खेल सकते हैं। ज्यादातर खिलाड़ी उसी पोजीशन पर खेलना चाहेंगे जिस पोजीशन पर वे नेशनल टीम में खेलते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक टी-20 वर्ल्ड कप पर बहुत ज्यादा फोकस से IPL में प्रदर्शन खराब भी हो सकता है।
3. स्पिनर्स का फिर दिख सकता है दबदबा
UAE में स्पिनर्स का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था और उन्होंने 34.03 की औसत से विकेट लिए थे। यह 2016 के बाद IPL में स्पिनर्स का सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा था। पिछले पूरे सीजन में स्पिनर्स सिर्फ 198 विकेट ले सके थे। यह IPL में उनका तीसरा सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा। इस बार भारत में आयोजन होने से स्पिनर्स की परफॉर्मेंस फिर बेहतर हो सकती है।

4. न्यूट्रल ग्राउंड्स पर टीमों का प्रदर्शन
ऐसा पहली बार है कि IPL भारत में हो रहा है, लेकिन कोई भी टीम अपने होम ग्राउंड पर मैच नहीं खेलेगी। इस कारण लगभग तमाम टीमों को अपनी रणनीति फिर से तैयार करनी पड़ी है। चेन्नई की टीम अपने होम ग्राउंड पर स्पिन ट्रैक बनवाती थी, लेकिन इस बार उसके ज्यादातर मैच बैटिंग के लिए अनुकूल माने जाने वाले बेंगलुरू और मुंबई में हैं। इसी तरह एन चिन्नास्वामी स्टेडियम की बैटिंग पिचों पर खेलने को आदी RCB की टीम को कई मैच स्पिन ट्रैक पर खेलने हैं।

5. पंत और सैमसन की कप्तानी
इस बार दिल्ली कैपिटल्स ने 23 साल के ऋषभ पंत और राजस्थान रॉयल्स ने 26 साल के संजू सैमसन को कप्तान बनाने का फैसला किया है। ऋषभ पंत ने इंटरनेशनल क्रिकेट में पिछले 6 महीने में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। फैंस को पंत बनाम धोनी, पंत बनाम विराट जैसे मुकाबलों का इंतजार है। वहीं, संजू सैमसन पहली बार जोस बटलर, जोफ्रा आर्चर जैसे सितारों की अगुआई करेंगे।