ट्रैफिक कैमरा से बचना मुश्किल ही नहीं असंभव हैं.
Traffic Cameras को ट्रैफिक कंट्रोल रूम से ऑपरेट किया जाता है. इसके लिए डेटा एन्क्रिप्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इस प्रणाली में फोटो और वीडियो को साक्ष्य के तौर पर सुरक्षित भी रखा जाता है.
कैसे काम करते है ट्रैफिक कैमरा – ट्रैफिक उल्लंघन का पता लगाने के लिए सड़क पर 2 मेगापिक्सल और हाई रेजोल्यूशन के कैमरे लगाए जाते हैं. ये कैमरे 60 डिग्री तक आसानी तक घूम सकते है. इसलिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते समय इनसे बचना मुश्किल होता है. इन कैमरों से वाहन की रफ्तार पता करना बहुत ही आसान होता है.
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स्मार्ट तकनीक का होता है इस्तेमाल- ट्रैफिक कैमरा को ट्रैफिक कंट्रोल रूम से ऑपरेट किया जाता है. इसके लिए डेटा एन्क्रिप्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इस प्रणाली में फोटो और वीडियो को साक्ष्य के तौर पर सुरक्षित भी रखा जाता है. जिससे कभी विवाद होने पर इसे न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया जा सके.यह भी पढ़ें: एक शख्स ने बनाई Mahindra Thar SUV की सबसे बड़ी रंगोली, आनंद महिंद्रा ने कही ये बात
कैसे भेजा जाता है चालान – यदि आपने भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है. तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम से आपके मोबाइल पर SMS के जरिए ई-चालान भेज दिया जाता है. यदि आप तय समय पर चालान की राशि जमा नहीं करेंगे तो आपका वाहन जब्त किया जा सकता है. वहीं बता दें ट्रैफिक कंट्रोल रूम में 24×7 काम किया जाता है
ट्रैफिक कैमरा से गलती की संभावना कम – ई-चालन भेजने से पहले इसे दो चरण की प्रक्रिया से गुजरना होता है. सबसे पहले ऑटोमेशन तरीके से पुष्टी होती है कि आपने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन किया है. इसके बाद मैन्युअल तरीके से भी चेक किया जाता है. जिससे गलती की संभावना कम हो जाती है.
न्यायालय में दे सकते है ई-चालान को चुनौती- यदि आपको लगाता है कि आपने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन नहीं किया है. तो आप नज़दीकी ट्रैफिक सेंटर से संपर्क कर सकते हैं. इसके साथ ही आप न्यायालय में ई-चालान को चुनौती दे सकते हैं