बहू की सूझबूझ से पकड़ाया सनकी SDO: अंधाधुंध फायरिंग के बाद SDO के पूजा करने जाते ही बहू ने राइफल छुपाई और बाहर खड़े सब इंस्पेक्टर को बता दिया, तब गेट तोड़कर घर में घुसी पुलिस

बहू की सूझबूझ से पकड़ाया सनकी SDO: अंधाधुंध फायरिंग के बाद SDO के पूजा करने जाते ही बहू ने राइफल छुपाई और बाहर खड़े सब इंस्पेक्टर को बता दिया, तब गेट तोड़कर घर में घुसी पुलिस


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रीवा/सुरेश मिश्रा33 मिनट पहले

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रीवा शहर के समान थाना अंतर्गत नेहरू नगर में बीते दिन सनकी एसडीओ के फायरिंग का लाइव वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह फायरिंग कर रहा है। खुलासा हुआ है कि बहू की चतुराई के कारण ही सनकी एसडीओ को पुलिस पकड़ पाई। जब वह दोपहर में पूजा करने गया तो बहू ने उसकी रायफल छुपा दी और बाहर छुपकर खड़े सब इंस्पेक्टर को बता दिया। इसके बाद ही पुलिस गेट तोड़कर घुसी और पत्नी और बहू को बंधक बनाने वाले SDO को हिरासत में लिया। SDO को लेकर बात सामने आई है कि वह निलंबित हो गया था। साथ ही उसने प्रॉपर्टी भाइयों के नाम खरीदी थी, जो बाद में पलट गए थे। पूरे 14 घंटे चले घटनाक्रम में क्या-क्या हुआ, पढ़िए-

साबू दाना की खिचड़ी देखने के बाद चिढ़ता ही चला गया SDO

आरोपी की पत्नी के मुताबिक एसडीओ का बुधवार को एकादशी का व्रत था। रात में 1 बजे आया और खाना मांगा। साबूदाना की खिचड़ी बनाकर दी तो वह नहीं खाई। रात 2 बजे वह घर वालों को गाली गलौज करने लगा। फिर बहू ने अपने पिता को रात में ही सूचना दी। बेटी के फोन के बाद पिता ने अपने समधी से रात में ही फोन में बात की। तब भी उसका हाई वोल्टेज ड्रामा नहीं बंद हुआ तो सुबह 7 बजे बहू ने डायल 100 को सूचना दी। कुछ देर बाद बहू के पिता भी आ गए जो घर के बाहर से ही बात करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं सूचना के बाद विश्वविद्यालय पुलिस के दो जवान और डायल 100 पुलिस मौके पर पहुंची। जिन्होंने मोहल्ले वासियों से थाना ऐरिया पूछा तो पता चला कि यहां का थाना समान लगता है। इसके बाद समान थाना पुलिस को सूचना दी गई। तब समान पुलिस के दो जवान समधी को आगे कर गेट के पास पहुंचे। इतने में आरोपी एसडीओ भड़क गया। 10 बजे के आसपास वह लाइसेंसी बंदूक लेकर बाहर निकाला और पहला फायर मिस हो गया। दूसरा फायर समधी के पैर पर लगा और वह लहुलूहान होकर गिर पड़ा। उसे पुलिस लेकर संजय गांधी अस्पताल चली गई। इसके बाद अन्य थानों का पुलिस बल बुलाकर रेस्क्यू किया गया लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली। अंत में बिछिया थाना प्रभारी जगदीश सिंह 3 बजे के आसपास पहुंचे और गेट तोड़कर उसको कब्जे में कर लिया। कुल मिलाकर रात एक बजे से चला ड्रामा दूसरे दिन चार बजे तक चलता रहा।

बहू की चतुराई से पूरा हुआ रेस्क्यू
श​हरवासियों का कहना है कि दोपहर 3 बजे के आसपास आरोपी एसडीओ पूजा करने चला गया तो तुरंत बहुू ने चतुराई दिखाते हुए बंदूक को अपने कब्जे में लेकर अन्य जगह छिपा ​दी। बाहर रेस्क्यू के लिए खड़े सब इंस्पेक्टर को सूचना दे दी। ऐसे में रेस्क्यू टीम तुरंत गेट तोड़कर अंदर दाखिल हुई और आरोपी एसडीओ को बिना कपड़ों के गिरफ्तार कर लिया गया। चार बजे ड्रामा खत्म हुआ।

कुल 13 राउंड फायर किए
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि सनकी एसडीओ ने कुल 13 फायर किए। पहला और दूसरा फायर सबधी पर किए। तीसरा फायर गाय के पेट में लगा तो वह गिर कर घायल हो गई। चौथा और पांचवा फायर घर के अंदर से किया। इस पर पुलिस वाले भाग गए क्योंकि उसके फायरिंग से घर के दरवाजों में सुराग बन गए। साथ ही पिलर भी छतिग्रस्त हो गया है। इसके बाद छत पर जाकर कई फायर चलते रहे।

कश्मीर जैसा दिखा रीवा का नजारा
विक्रम सिंह ने बताया कि घर से फायरिंग को लेकर गुरुवार को रीवा के नेहरू नगर का नजारा कश्मीर जैसा था। 315 बोर के राइफल की गूंज मोहल्ले में बनी हुई थी। आर्म्स के जानकार कहते है कि ये राइफल की मारक छमता 275 मीटर होती है। ऐसे में पूरे मोहल्ले में गूंज कायम थी। लोग डर के मारे अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। कब किस पर गोली चल जाए कोई नहीं जानता था। उसने कई बार पुलिस वालों पर भी निशाना बनाया है।​ जिससे पुलिस खासी डरी हुई थी।

मोहल्लेवासियों की जुबानी, सनकी एसडीओ की कहानी
सनकी एसडीओ के पड़ोसी प्रेम सिंह ने बताया कि सुरेश मिश्रा का नेहरू नगर स्थित मकान नंबर 23 में नवनिर्मित भवन में रहता था। हालांकि उसका मूल रूप से निवास वार्ड क्रमांक 13 स्थित एक पटेल के मकान को कब्जा कर रहता था। वह डिंडोरी जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर के रूप में पदस्थ था। जो कुछ वर्ष पहले एसडीओ का प्रभार पाया था। जहां पर उसने जमकर भ्रष्टाचार किया। देखते ही देखते कुछ सालों में करोड़ों की दौलत कमाई।

संपत्ति का भी विवाद
लोगों का दावा है कि वह अवैध कमाई कर भाईयों के नाम पर संपत्ति खरीदता था। लेकिन कुछ सालों में भाई संपत्ति लौटाने पर मुकर गए। ऐसे में वह मासिक रूप से परेशान रहने लगा। साथ ही उसको कुछ माह पहले निलंबित कर दिया गया था जिसकी बहाली का इंतजार कर रहा था लेकिन बुधवार को आए निर्णय में वह बहाल नहीं हो पाया। ऐसे में उसके दिमाग पर सनक सवार हो गई।

ऐसा था एसडीओ का परिवार
बताया गया कि सुरेश मिश्रा कुछ माह से पत्नी सहित नेहरू नगर वाले घर में रहता था। जहां उसका बेटा अजय मिश्रा 28 साल और बहू प्रियंका मिश्रा 27 व दो लकड़िया साथ में रहती थी। बुधवार की शाम ही बेटा और छोटी लड़की रेवांचल एक्सप्रेस से भोपाल रवाना हो गए थे। जबकि बड़ी बेटी पहले से ही भोपाल में थी। जो घर में वारदात के बाद गुरुवार की शाम पांच बजे रीवा पहुंचे थे।

आरोपी एसडीओ था भाईयों में सबसे बड़ा
,आरोपी एसडीओ सुरेश मिश्रा अपने चार भाईयों में सबसे बड़ा था। जबकि दूसरे नंबर का भाई राजस्व विभाग में पटवारी आरआई था। एक भाई वकील और सबसे छोटा भाई सरकारी मास्टर था। ​जिनके नाम पर इसने रीवा में कई प्लाट और घर बनाए हुए था। कहते है जिस घर में वारदात हुई है वह भी भाईयों के नाम पर था।

बेटे ने की लव मैरिज
सूत्रों का कहना है कि बेटा अजय मिश्रा बीते दो वर्ष पहले 2019 में लव मैरिज की थी। जिससे आरोपी एसडीओ बहू से नाराज था। अक्सर उसके घर में विवाद की स्थितियां बनती थी। नवनिर्मित घर में आरोपी एसडीओ अपनी पत्नी सहित बहू के साथ रहता था। मोहल्लेवासियों से भी उसकी नहीं पटती थी। इसलिए कोई उससे मतलब नहीं रखता था।

नहीं बनाने दे रहा था सरकार को नाली और सड़क
निवर्तमान पार्षद नम्रता संजय सिंह बघेल ने कलेक्टर को शिकायती आवेदन में बताया ​था कि नेहरू नगर में रहने वाला ग्रामीण विकास विभाग का इंजीनियर सुरेश मिश्रा शासकीय भूमि पर रोड और नाली नहीं बनने देता है। वह बार बार रसूख और पैसे के दम पर स्टे ले लेता है। ऐसे में पूरा नगर निगम का अमला परेशान है। सूत्रों का कहना है कि उसके कुछ रिस्तेदार कलेक्ट्रट और नगर निगम में पदस्थ है जो फाइल गोल करा देते है।

ये भी कर चुका है कारनामा
बता दें कि नाली और रोड निर्माण के लिए 48 लाख रुपए मंजूर है। लेकिन आरोपी नहीं बनने दे रहा है। जब निगम के ठेकेदार बीडी कछवाह ने कार्य शुरु किया तो तहसीलदार से स्टे लाया। जिसको बाद में एसडीएम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वह शासकीय भूमि को अतिक्रमण कर अपना बना लेता है। वह मोहल्ले में 1964 से प्रस्तावित सरकारी रास्ते को अपना बना लिया है। ऐसे में 100 से ज्यादा लोगों की सड़क और नाली प्रभावित है। वह निगम के इंजीनियर को अपना रिश्तेदार व रीवा के नायब तहसीलदार को अपना रिश्ते दार बताता है।

एक गरीब के घर में किया कब्जा
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि नेहरू नगर में सुरेन्द पटेल निवासी झलवार का मकान बना हुआ है। जिसमे कुछ दिन किराये पर रहा, फिर कब्जा लिया है। सरहंग किस्म के एसडीओ से गरीब मकान मालिक डरा हुआ है। वह मालिक को ही घर में नहीं घुसने देता है।

पुलिस ने लिए रक्त के नमूने
आरोपी सुरेश कुमार मिश्रा पिता रामाश्रय मिश्रा 56 वर्ष निवासी नेहरूनगर (मानसनगर) थाना समान के विरूद्ध फरियादी श्रीनिवास तिवारी पिता स्व. रामसुन्दर तिवारी 68 वर्ष निवासी अनन्तपुर थाना विश्वविद्यालय की रिपोर्ट पर धारा- 307,342 ता.हि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। घटना के दूसरे दिन समान पुलिस ने आरोपी एसडीओ के घर पर पहुंचकर मौके से रक्त के 25 ग्राम नमूने लिए है। वहीं आसपास की 25 ग्राम मिटटी को भी साक्षी बनाया है।

पुलिस को नहीं मिल रहे गवाह
रक्त का नमूना लेने आए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मोहलले के लोग गवाह नहीं बन रहे है। ऐसे में आरोपी कोर्ट से बच भी सकता है। इसलिए घटना के हर पहलू पर जांच करते हुए ठोस रिकार्ड जुटाए जा रहे।

तो जा सकती थी सास और बहू की जान
जिस तरह आरोपी एसडीओ धड़ाधड़ फायरिंग कर रहा था। उससे पत्नी, बहू की जान भी जा सकती थी क्योंकि पुलिस इस मामले में आगे ही नहीं बढ़ रही थी। सब लोग दूर से खड़े समझाइश और ज्ञान दे रहे थे। शायद पुलिस की चाहत थी कि कोई बड़ा घटनाक्रम हो तब कुछ करें। वहीं कुछ पुलिस वालों का कहना था कि आभास था कि उसके पास फायर के लिए ज्यादा कारतूस नहीं है। ऐसे में जब कारतूस खत्म हो जाएगी और वह खुद सरेंडर कर देगा।

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