भोपाल के हमीदिया अस्पताल में घोर लापरवाही : स्टाफ ने बदल दिये शव, हिंदू परिवार ने कर दी मुस्लिम महिला की अंत्येष्टि

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में घोर लापरवाही : स्टाफ ने बदल दिये शव, हिंदू परिवार ने कर दी मुस्लिम महिला की अंत्येष्टि


तनाव को देखते हुए पुलिस भी अस्पताल पहुंच गयी.

Bhopal.इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. इस कांड के बाद अस्पताल प्रशासन को जवाब नहीं सूझ रहा है. डीन आईडी चौरसिया ने इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया (Hamidia hospital) में गैर ज़िम्मेदारी और लापरवाही की हद हो गयी. यहां दो महिलाओं के शव बदल दिये गये. दोनों महिलाओं की कोरोना के कारण मौत हुई थी. मुस्लिम महिला का शव हिंदू परिवार को सौंप दिया गया और परिवार ने उनकी हिंदू रीति-रिवाज से अंत्येष्टि भी कर दी. खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार अपनी मां का शव लेने अस्पताल पहुंचा.

राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में शव बदलने का मामला सामने आया है दो महिलाओं की मौत  के बाद उनके शव अदला बदली कर दिये गए. उनमें से एक हिंदू समुदाय से थी और दूसरी मुस्लिम समुदाय की.

लाशों की अदला बदली
अस्पताल की मॉर्च्यूरी में तैनात स्टाफ इस गंभीर और अमानवीय हरकत के लिए ज़िम्मेदार है. अस्पताल में भर्ती दोनों महिलाओं की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. मौत के बाद उनके परिवारों को सूचना दी गयी. पहले हिंदू महिला का परिवार पार्थिव शरीर लेने पहुंचा. मॉर्च्यूरी स्टाफ ने उन्हें शव सौंप दिया. परिवार नजीराबाद का रहने वाला था. वो लाश लेकर चला गया और वहां हिंदू रीति रिवाज से अंत्येष्टि कर दी.मुस्लिम परिवार ढूंढ़ता रहा लाश

मॉर्च्यूरी स्टाफ की इस गैर ज़िम्मेदाराना हरकत का पता तब चला जब मुस्लिम समुदाय का युवक अपनी अम्मी की डेडबॉडी लेने पहुंचा. लाश मॉर्च्यूरी में नहीं थी. जब उसने छानबीन की तो पता चला कि उसकी मां का तो अंतिम संस्कार नजीराबाद में कर दिया गया है. इतना सुनना था कि परिवार के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी और वो गुस्से में आ गया. तनाव को देखते हुए अस्पताल में फौरन पुलिस बल तैनात किया गया.

इसलिए हुई चूक
हिंदू परिवार को बुलाया गया. उनका कहना था कि अस्पताल स्टाफ ने मां की लाश की शिनाख्त करवाने के बाद बॉडी पैक करने के लिए अंदर भेज दी थी. उसके बाद लाश बदल दी गयी. कोरोना से मौत होने के कारण परिवार ने गाइड लाइन के मुताबिक पैक की हुई बॉडी को खोला नहीं और उसका अंतिम संस्कार कर दिया

अब अम्मी की राख को सुपुर्द-ए-खाक करेगा बेटा
परिवार बेहद गम और गुस्से में है. एक तो मां की मौत का गम और ऊपर से उनका अंतिम दर्शन तक नसीब नहीं हो पाया. बेटे को मलाल है कि वो मां को सुपुर्द-ए-खाक नहीं कर पाये. परिवार अब उनकी राख को दफनाएगा क्योंकि अब यही एक रास्ता बचा है.

कार्रवाई का आश्वासन
इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. इस कांड के बाद अस्पताल प्रशासन को जवाब नहीं सूझ रहा है. डीन आईडी चौरसिया ने इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है. कहा जिसने भी ये गलती की है, उसे तत्काल प्रभाव से जांच कर सस्पेंड किया जाएगा. आगे फिर कभी इस तरह की गलती न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.









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