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रतलाम2 घंटे पहले
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- ठगों के फोन आए लेकिन उन्हें जानकारी देने से पहले दो लोगों ने समय पर साइबर सेल को कर दी शिकायत, सेल ने वापस दिलाए रुपए
साइबर अपराधियों ने बैंक अकाउंट से एफडी करवाकर ठगी का नया तरीका निकाला है। अप्रैल में ठगी का शिकार हो रहे दो लोगों ने जानकारी देने से पहले पुलिस को शिकायत कर दी। साइबर सेल ने दोनों को रुपए वापस दिलवाए। एसपी गौरव तिवारी ने लोगों से सजग रहने और समय रहते पुलिस को सूचना देने का आग्रह किया है। ठगी करने वालों ने ऊपरवाड़ा (पिपलौदा) निवासी गीताबाई पति मदनलाल सोलंकी के बैंक अकाउंट से ढाई लाख रुपए और होमगार्ड सैनिक नाथूलाल सिंह परिहार के बैंक अकाउंट से ढाई हजार रुपए की एफडी करा दी। गीताबाई और नाथूलाल ने साइबर सेल और बैंक मैनेजर से शिकायत की। दोनों को रुपए वापस मिल गए।
बैंककर्मी बन प्रोसेस रुकवाने के नाम पर अकाउंट की जानकारी ले लेते हैं
साइबर सेल प्रभारी एसआई अनुराग यादव ने बताया लाॅग इन और पासवर्ड की जानकारी लेकर ठगी करने वाले एफडी कर देते हैं। इस प्रक्रिया में ओटीपी की जरूरत नहीं होती और बैंक खाते से रुपए कट एफडी खाता बन जाता है। बैंक में रुपए खाताधारक के नाम पर दर्ज रहते हैं। एफडी संबंधित मैसेज और बैलेंस कम होने की जानकारी एसएमएस से अकाउंट धारक को पहुंचती है। ठगी करने वाले बैंककर्मी बनकर उसे फोन कॉल करते हैं और प्रोसेस रुकवाने के नाम पर बैंक अकाउंट की जानकारी हासिल कर लेते हैं।
फिर अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल पर मिला ओटीपी पूछकर अकाउंट खाली कर देते हैं। एसआई यादव ने बताया एसबीआई ने ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है। बैंक स्टेटमेंट में ईटीडीआर/एसटीडीआर (इलेक्ट्रानिक टर्म डिपाजिट/इलेक्ट्रानिक स्पेशल टर्म डिपाजिट) के रूप में डेबिट की हुई राशि डेबिट नहीं होती खाते में ही रहती है। एफडी के रूप में बैंक अकाउंट में सुरक्षित रहती है। अकाउंटधारक की जानकारी के बगैर एफडी होने का मैसेज मिले तो बैंक से संपर्क करें।
सावधानी… ओटीपी, डेट ऑफ बर्थ, पेन, आधार शेयर न करें
- किसी भी हाल में ओटीपी, सीडब्ल्यू, एक्सपायरी डेट या डेट ऑफ बर्थ की जानकारी किसी से शेयर ना करें।
- बैंक से प्राप्त होने वाले मैसेज को पूरा पढ़ें, समझ न आने पर जानकार व्यक्ति या बैंक अधिकारियों की मदद लें।
- यदि ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते हैं तो समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें। किसी से साझा न करें।
- किसी भी प्रकार के ओटीपी को कभी भी किसी भी व्यक्ति से साझा न करें। बैंक कभी भी ओटीपी नहीं पूछता है।
- किसी भी प्रकार के अनजान मेल या मैसेज से प्राप्त लिंक पर विश्वास न करें। न ही ऐसी लिंक के माध्यम से वेब पेजों पर निजी व बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी डालें।
- कोई अपराध या ठगी होती है तो पुलिस थाने या डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू सायबर-क्राइम डाट जीओवी डाट इन पर या टोल फ्री नंबर 155260 पर जानकारी दें।