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रीवा6 घंटे पहले
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- जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे, ऐसे में चरमरा जाएगी अस्पताल की व्यवस्था
रीवा शहर का कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं भगवान भरोसे चल रही हैं। यहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जिले में 28 लाख की आबादी पर महज 16 डॉक्टर और 50 स्टाफ नर्स हैं। यानि डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी पर महज एक डॉक्टर है। ऊपर से कोरोना महामारी। ऐसे में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई हैँ।
रविवार सुबह 10 बजे भास्कर ने जिला अस्पताल का जायजा लिया। कोरोना कंट्रोल रूम पूरी तरह अनकंट्रोल दिखा। फीवर क्लीनिक में कोरोना जांच कराने के लिए भीड़ थी। गाइडलाइन का पालन तो दूर-दूर तक नहीं हो रहा था। ये स्थिति तब है, जब पिछले तीन दिनों में 260 कोरोना का नए मामले सामने आए। शनिवार को जिलेभर में 95 पॉजिटिव केस मिले। ऐसे में एक्टिव केस 520 हो गए हैँ। वहीं, कोरोना से 37 की मौत हो गई है।
10 रुपए की रजिस्ट्रेशन पर्ची से शुरुआत
जिला अस्पताल में मौजूद गार्ड ने बताया, जिनको सेंपल देना है अथवा कोरोना की जांच कराना है, तो वे पहले 10 रुपए की रजिस्ट्रेशन पर्ची काउंटर से जाकर कटाए। रजिस्ट्रेशन के काउंटर तो कई थे, लेकिन रविवार के कारण सिर्फ एक कर्मचारी बैठा था। जो क्रमश: लोगों की पर्ची बना रहा था। हालांकि लाइनें कई बनी थीं। ऐसे में कई लोग रजिस्ट्रेशन काउंटर में बैठे कम्प्यूटर ऑपरेटर से झगड़ भी रहे थे। फिर भी कम्प्यूटर ऑपरेटर सभी की बातें सुनता हुआ रजिस्ट्रेशन कर रहा था।
फीवर क्लीनिक को ही चढ़ा बुखार
लोग फीवर क्लीनिक के एक दूसरे से चिपके खड़े थे। क्योंकि सामने समय सारणी लिखी थी। लिखा था-कोविड 19 सेंपलिंग समय सारिणी चार प्रकार से थी। पहली 11.30 बजे अर्थात सुबह रजिस्ट्रेशन कराने वाले 11.30 बजे तक सैंपल लिया जाएगा। 10 बजे के रजिस्ट्रेशन वालों को दोपहर 1 बजे के बाद सैंपलिंग होगी। 11 बजे आने वालों को 3.30 बजे सैंपल लिया जाएगा। इसी तरह, दोपहर के रजिस्ट्रेशनों को शाम 5.30 बजे सैंपल लिया जाएगा। यहां 20 से 25 लोगों की जानकारी फीड करने के बाद एक ओपन कमरे में पीपीई किट पहना डॉक्टर पहले से मिले टोकन के आधार पर क्रमश: सैंपल लेगा। इसके बाद से सैंपल जमा हो जाएंगे, जिसकी जानकारी दो दिन बाद फोन पर मैसेज के माध्यम से दी जाती है।
सैंपल देते समय कोरोना का डर
ज्यादातर सैंपल देने आए लोग परिचितों को फोन कर जानकारी ले रहे थे, लेकिन सैंपल देते समय कोरोना का डर सबको लग रहा था। फिर भी नर्सिग स्टाफ के आभाव में लोग एक-दूसरे से दूरियां बनाना भूल रहे थे।
16 चिकित्सक के भरोसे जिला
सीएमएचओ डॉ. एमएल गुप्ता ने बताया, कोरोना के 13 सेंटर है, जहां फीवर क्लीनिक के साथ सेंपलिंग होती है। यहां अभी कुल 16 डॉक्टर पदस्थ हैं, जबकि चार डॉक्टरों की और डिमांड की गई है। वहीं, 13 कोविड सेंटरों में एक एक लैब टेक्नीशिन है। डाटा फीडिंग के लिए कुल पांच कम्प्यूटर ऑपरेटर मिले हैं। अभी 21 स्टाफ नर्स है 8 की और डिमांड है।
28 लाख की आबादी भगवान भरोसे
2011 की जनगणना के अनुसार रीवा जिले की आबादी 23 लाख 63 हजार है, जबकि अब मतदाता 28 लाख के आसपास पहुंच गए होंगे। ऐसे में 1 लाख की आबादी में एक लाख डॉक्टर तक नहीं है। ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि रीवा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी चल रही होगी। गांव से आए लोगों का आरोप है कि जिले में स्वास्थ्य के नाम पर सिर्फ बिल्डिंग बनी है। इलाज के लिए चिकित्सकों की पदस्थापना ही नहीं की गई है।
आने वाले दिनों में हालत बिगड़ सकती है
जिस तरह से रीवा में कोरोना को लेकर तैयारी नहीं है, ऐसे में आने वाले दिनों में हालत बिगड़ सकती है। आलम ये है, कोरोना पीड़ितों की सुनने वाला तक कोई नहीं है।
हेल्प लाइन नंबर नहीं कर रहे हेल्प
कोरोना पीड़ितों ने बताया, जिला प्रशासन द्वारा जारी हेल्प लाइन नंबर में हेल्प नहीं मिल रही है। जो फोन रिसीव करता है, एक दूसरे पर छोड़ देता है।