वन विभाग की भूमि पर कब्जा: देश में MP है नंबर-1, प्रदेश में 5.34 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण, चार साल पहले हाईकोर्ट ने दिया था विस्तृत दिशा-निर्देश

वन विभाग की भूमि पर कब्जा: देश में MP है नंबर-1, प्रदेश में 5.34 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण, चार साल पहले हाईकोर्ट ने दिया था विस्तृत दिशा-निर्देश


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

जबलपुरएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

वन विभाग की भूमि पर कब्जा।

  • कोर्ट की अवमानना बता उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच न्यायालय में प्रकरण उठाने की तैयारी में

देश में वन विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण में एमपी नंबर-1 है। हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने वन मंत्री और प्रमुख सचिव वन विभाग को पत्र लिखकर ठोस कार्रवाई की मांग की है। मंच ने इसे कोर्ट की अवमानना बता कर न्यायालय में प्रकरण उठाने की बात कही है।

जानकारी के अनुसार केंद्रीय पर्यावरण एवं न वन मंत्री ने एक जानकारी के दौरान बताया कि देश भर में 12.81 लाख हेक्टेयर भूमि पर कब्जा है। इसमें एमपी में सबसे अधिक 5.34 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। वहीं असम में 3.17 लाख हेक्टेयर भूमि, ओडिशा में 78 हजार, महाराष्ट्र में 60 हजार, अरुणाचल प्रदेश में 58 हजार, गुजरात में 34 हजार, कर्नाटक में 28 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि पर कब्जा है।
करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद कब्जा
मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने बताया कि एमपी वन विभाग द्वारा वनों की सुरक्षा के लिए 2014 से 2017 के बीच 20 करोड़ रुपए खर्च हुए। वहीं 2017 से 2021 के बीच में भी 30 करोड़ से अधिक का खर्च हो चुका है। वनों में गश्त के लिए वाहनों की खरीदी पर ही विभाग 18 करोड़ खर्च कर चुका है। वहीं सवा करोड़ रुपए रिवाल्वर की खरीदी पर किया गया है। बावजूद वनाें की भूमि पर कब्जा नहीं हटाया जा सका।
न्यायालय की अवमानना, लगाएंगे याचिका
मनीष शर्मा के मुताबिक ये न्यायालय की अवमानना है। 2016-17 में वनों में अग्नि और अतिक्रमण को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने वन विभाग को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए थे। पर उसका पालन नहीं किया जा रहा है। वन भूमि पर कब्जा इसका सबूत है। मंच की ओर से अवमानना का प्रकरण जल्द ही लगाने की बात मनीष शर्मा ने कही है।

खबरें और भी हैं…



Source link