इटारसी शांतिधाम में जलाऊ लकड़ी का संकट: जंगल में कटाई कम, मौतेें तीन गुना, शांतिधाम में दाह संस्कार का संकट

इटारसी शांतिधाम में जलाऊ लकड़ी का संकट: जंगल में कटाई कम, मौतेें तीन गुना, शांतिधाम में दाह संस्कार का संकट


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होशंगाबाद2 घंटे पहले

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  • इमरजेंसी स्टॉक भी कम, रोज जल रही औसतन 3 चिताएं, पूरे मार्च में 35 अंतिम संस्कार हुए, अप्रैल के 10 दिन में ही 32 अंत्येष्टि हुईं

इस बार इमारती और जलाऊ लकड़ी की छंटनी कम होने से जंगल में कटाई कम हुई। खेड़ा शांतिधाम में शवों के दाह संस्कार के लिए जलाऊ लकड़ी का संकट मंडरा रहा है। चौकाने वाला तथ्य यह है कि जितने दाह संस्कार (35) पूरे मार्च माह में हुए, लगभग उतने (32) अप्रैल के सिर्फ 10 दिनों में हो चुके हैं। औसतन 3 दाह संस्कार प्रतिदिन हो रहे हैं। शांतिधाम जनभागीदारी समिति सदस्य प्रमोद पगारे का कहना है कि श्मशान घाट में जो लकड़ी बची है उससे 15 से 18 दाह संस्कार ही हो सकते हैं।
100 की जगह 60 फड़ी ही मिली

केसला ब्लाॅक के कालाआखर काष्ठ डिपो में जलाऊ लकड़ी जंगल की कटाई से आती है। इस वर्ष जंगलों की कटाई कम हुई है। इस कारण कालाआखर डिपो में जलाऊ लकड़ी नहीं बची। शांतिधाम समिति को पिछली बार 100 फड़ी कालाआखर डिपो से उठाने के आदेश हुए थे, लेकिन 60 फड़ी ही मिली। यह सप्लाई जलाऊ निस्तार डिपो सूरजगंज से की गई थी। (एक फड़ी में साढ़े चार क्विंटल जलाऊ लकड़ी होती है।)

यह नियम आड़े आ रहा
वन विभाग जलाऊ लकड़ी शांतिधाम को मुहैया कराता है। नियम यह है कि नजदीकी काष्ठ डिपो में लकड़ी की उपलब्धता यदि नहीं है तो श्मशान घाट को लकड़ी नहीं मिल पाती।

ऐसे होगा समाधान- निभोरा डिपो से मिल जाए लकड़ी
सोहागपुर के निभोरा काष्ठ डिपो में इटारसी शांतिधाम श्मशान घाट जनभागीदारी समिति के लिए 100 फड़ी जलाऊ लकड़ी आरक्षित करने डीएफओ सामान्य होशंगाबाद को चार दिन पहले होशंगाबाद विधायक के माध्यम से पत्र भेजा गया है। इसमें बताया गया कि कालाआखर डिपो से 60 फड़ी जलाऊ लकड़ी मिलने के बाद अब वहां स्टॉक नहीं है।

यह भी जानिए : जलाऊ लकड़ी का स्टॉक खत्म होने पर शांतिधाम समिति ने 10 हजार गोबर के कंडों का इंतजाम कर रखा है। एक चिता में 300 कंडे लगाए जाते हैं। लेकिन शव यात्रा लेकर आने वाले परिजन जलाऊ लकड़ी की ही मांग करते हैं। ऐसे में समिति ने निजी व्यक्ति या संस्था को जलाऊ लकड़ी उचित दर पर शांतिधाम पहुंचाने का प्रस्ताव दिया है।

कब कितने अंतिम संस्कार

महीना अंतिम संस्कार
दिसंबर 57
जनवरी 52
फरवरी 40
मार्च 35
अप्रैल 32 (अभी तक)
(प्रतिदिन औसतन 3 दाह संस्कार हुए तो 30 अप्रैल तक यह आंकड़ा 90 पर पहुंच जाएगा।)

सोहागपुर निभोरा में लकड़ी रखी है, ऑर्डर कर दिया है

  • श्मशान घाट के लिए जलाऊ लकड़ी मुहैया कराना हमारी प्राथमिकता है। अगर कोई शव यात्रा आए और चिता जलाने की लकड़ी नहीं मिले तो क्या मतलब है हम लोगों के रहने का। सोहागपुर निभोरा में जलाऊ लकड़ी रिजर्व में रखी है, हमने ऑर्डर कर दिया है। – लालजी मिश्रा, डीएफओ सामान्य होशंगाबाद

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