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रीवा25 मिनट पहले
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वैक्सीनेशन सेंटर में टीकाकरण �
- जिलेभर में एक्टिव केसों की संख्या पहुंची 772, शहर को पीछे छोड़ ग्रामीण क्षेत्रों से आए 90 पॉजिटिव केस
रीवा जिले में कोरोना ने कोहराम मचाते हुए कोविड 19 का नया रिकार्ड बनाया है। यहां एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 166 पॉजिटिव केस आएं है। अब शहर को पीछे जोड़ ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा केस आ रहे है। सोमवार की जारी हेल्थ बुलेटिन में अर्वन में 76 तो रूलर में 90 पॉजिटिव केस मिले है। ओवर हाल जिलेभर में एक्टिव केसों की संख्या 772 पहुंच चुकी है। इसी तरह अगर एक दो दिन और चला तो आने वाले दिन में हजारों एक्टिव केस हो जाएंगे। जो कि जिले के लिए एक दुखद खबर हो सकती है।
हालांकि जिला प्रशासन अपने स्तर से प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के आधार पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में लगी है। लेकिन बेकाबू हो चुके कोरोना का अब कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से देश सहित प्रदेश के कई शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में अन्य शहरों से पलायन कर ज्यादातर लोग आ रहे है। जो अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कोरोना की जांच करा रहे है। ऐसे में दिन प्रतिदिन कोरोना के केसों में अचानक से बढ़ोत्तरी हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों से आए शतक के करीब नए केस
सीएमएचओ डॉ. एमएल गुप्ता ने बताया, 12 अप्रैल को 1968 सैंपलों में अब तक का सर्वाधिक पॉजिटिव रिकॉर्ड 166 केस सोमवार को रहा। पिछले पांच दिनों में 8 अप्रैल को 82, 9 अप्रैल को 83 और 10 अप्रैल को 95, 11 अप्रैल को 107 और 12 अप्रैल को 166 केस एक साथ मिले है। 166 मामलों में से 76 केस अकेले रीवा शहरी क्षेत्र के है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार से अचानक केसों में बढ़ोत्तरी हुई है। जहां गोविंदगढ़ में 6, नईगढ़ी में 9, गंगेव में 4, रायपुर कर्चुलियान में 13, मऊगंज में 13, हनुमाना में 6, जवा में 1, त्योंथर में 14 व सिरमौर में 24 पॉजिटिव केस आए हैं। सबसे ज्यादा सेंपल 1787 आरटीपीसीआर के 139 तो एंटीजिन के 181 सेंपलों में 27 नए केस मिले है।
कोरोना संक्रमितों के होम आइसोलेशन संबंधी निर्देश जारी
रीवा शहरी क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। जिन संक्रमित व्यक्तियों में कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उन्हें स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में उपचार सुविधा दी जा रही है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएल गुप्ता ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति में सर्दी, बुखार, जोड़ों में दर्द, सिर भारी होना, भूख न लगना जैसे लक्षण दिखायी दें तो नजदीकी फीवर क्लीनिक जाकर कोरोना टेस्ट करायें। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पीडि़त व्यक्ति तत्काल अपने संपर्क में आये सभी व्यक्तियों की जानकारी जिला सर्विलेंस अधिकारी को उपलब्ध कराये। पिछले पांच दिनों में संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को टेलीफोन के माध्यम से नजदीकी फीवर क्लीनिक में जाकर कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दें। संपर्क में आये व्यक्तियों में यदि किसी तरह के लक्षण दिखायी नहीं देते हैं तो उन्हें पांचवे से दसवें दिन के बीच जांच कराने का अनुरोध करें।
होम आइसोलेशन वाले इन नियमों का करें पालन
सीएमएचओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइसोलेशन के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। कोरोना के प्रारंभिक लक्षण दिखायी देने वाले कम संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में उपचार सुविधा दी जा रही है। संक्रमित व्यक्ति तथा उसके परिवार के सदस्यों को होम आइसोलेशन के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इनका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। सीएमएचओ ने बताया कि होम आइसोलेशन के लिये संक्रमित व्यक्ति का पृथक हवादार कमरा होना आवश्यक है। इसके साथ शौचालय जुड़ा होना चाहिये। होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को अपने परिवार के भी किसी सदस्य से संपर्क नहीं करना चाहिए। उन्हें कमरे के बाहर से ही सुरक्षित तरीके से भोजन, पानी, नाश्ता, दवायें आदि की आपूर्ति करें। संक्रमित व्यक्ति अपने कपड़े, कमरे की ऐसी वस्तुएं जिन्हें बार-बार छूने की आवश्यकता होती है जैसे दरवाजे के हैण्डल, बिजली के बटन आदि की एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड घोल से सफाई करें।
14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन रहें
सीएमएचओ ने बताया कि यदि किसी परिवार में कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन में है तो उसके परिवार के सदस्य भी 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन रहें। घर से किसी भी स्थिति में बाहर न निकलें। होम आइसोलेशन तथा क्वारेंटीन के निर्देशों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज करके कार्यवाही की जायेगी। होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित व्यक्ति को शासकीय हास्पिटल द्वारा नि:शुल्क दवायें दी जाती हैं। होम आइसोलेशन किट स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाता है। इसमें दवाओं सहित 12 तरह की सामग्री रहती हैं। ऑक्सीमीटर तथा थर्मल स्केनर की व्यवस्था संक्रमित को स्वयं करनी होती है। होम आइसोलेशन में उपचार करा रहे रोगी से कोविड कमाण्ड सेंटर से वीडियो कालिंग अथवा फोन के माध्यम से प्रतिदिन संपर्क किया जाता है। संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य के संबंध में प्रतिदिन जानकारी ली जाती है। यदि रोगी को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है तो उसे तत्काल हास्पिटल में भर्ती कराया जाता है।