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जबलपुर2 घंटे पहले
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संक्रमित से बात करते हुए डॉक्ट
- 10 डॉक्टर, 24 स्टाफ की टीम हर दिन 800 से ज्यादा संक्रमित को करती है CALLING और VIDEO CALL
हैल्लो! मैं डॉक्टर निशा बोल रही हूं। कोविड कंट्रोल सेंटर से। आपकी तबियत कैसी है? फीवर कब से नहीं है, आपको। सांस लेने में कोई कठिनाई। ऑक्सीजन लेवल कैसा है? ये चंद सवाल कोविड कंट्रोल सेंटर में बने टेलीमेडिसिन में मौजूद डॉक्टर और उनके सपोर्टिंग स्टाफ द्वारा रोज जिले के 800 से अधिक संक्रमितों से पूछे जाते हैं। कोशिश रहती है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले मरीजों से पहले बात हो जाए। रविवार को दैनिक भास्कर ने जबलपुर में चंडालभाटा स्थित कोविड कमांड एंड कन्ट्रोल रूम से LIVE कवरेज किया।
जानकारी के अनुसार सही डाइट से लेकर मेडिसिन की जानकारी देने के लिए कोविड कमांड एंड कन्ट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहा है। यहां राउंड द क्लॉक 10 डॉक्टर्स और 24 सहयोगी स्टाफ 24 घंटे में 800 से अधिक संक्रमितों से दिन में दो CALLING करते हैं। इसमें 300 से VIDEO CALL करते हुए मरीज से अपना टेम्परेचर और ऑक्सीजन लेवल दिखाने को बोलते हैं। यहां संक्रमित होने वाले मरीजों से बात कर सही गाइडलाइन दी जाती है। वह संक्रमित होने के बाद घबराए नहीं, उसके लक्षणों के आधार पर दवाएं और जांच की सलाह दी जाती है। डाइट से लेकर एक्सरसाइज, सावधानी के बारे में रोज बताया जाता है।

वीडियो काॅल पर ऑक्सीजन लेवल दिखाते हुए संक्रमित।
चलिए, ऑक्सीजन लेवल नाप कर दिखाओ
रविवार शाम चार बजे 55 वर्षीय कोविड संक्रमित से वीडियो कॉल करके टेलीमेडिसिन में मौजूद डॉक्टर निशा ने बात की। 10 दिन पहले संक्रमित हुए पीड़ित से बोली कि चलिए, ऑक्सीजन लेबल नाप कर दिखा दें। मैडम! ये देखिए 97 है। कबसे बुखार नहीं आया? 5 अप्रैल से बुखार नही आया। कोई परेशानी तो नहीं?
मैडम मेरी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, सीटी स्कैन करानी है क्या
28 वर्षीय युवक का कंट्रोल रूम में कॉल आया। टेलीमेडिसिन में मौजूद डॉक्टर अर्चना शुक्ला से बात की। बोला कि मैडम! मेरी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, मुझे सीटी स्कैन कराना पड़ेगा। बहुत घबराहट हो रही है। डॉक्टर शुक्ला ने युवक से उसके लक्षण जाने। ऑक्सीजन लेवल 98 प्रतिशत था। हल्का बुखार आया था। गले में खराश है। डॉक्टर शुक्ला बोली कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है। 98 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल है, मतलब आप का फेफड़ा सही तरीके से काम कर रहा है। होम आइसोलेशन में 17 दिन तक रहें। दवाएं खाएं और नियमित रूप से अपना टम्परेचर, ऑक्सीजन लेवल नापते रहें।
कोविड केयर सेंटर में तीन लेयर पर होती है मॉनीटरिंग
चंडालभाटा में स्थापित कोविड केयर सेंटर में तीन लेयर पर मॉनीटरिंग की जा रही है। भूतल पर संक्रमित केस मॉनिटरिंग जोन बनाया गया है। यहां तीन शिफ्ट में 7-3, 3-10 और 10-7 बजे 16-16 लोगों की टीम काम करती है। सामने डिजिटल डिस्प्ले लगा है। यहां कोविड संक्रमितों के नाम, मोबाइल नंबर प्रदर्शित होते रहते हैं। इसके अलावा शहर में अस्पतालों में उपलब्ध बेड, डाॅक्टरों के नंबर, कोरोना से जुड़ी जांच और उनके तय शुल्क प्रदर्शित होती रहती है। दूसरा टेलीमेडिसिन जोन लेवल 1 और तीसरा टेलीमेडिसिन लेवल टू स्थापित है।

संक्रमित केस मॉनिटरिंग जोन से हर मरीज पर रखी जाती है नजर।
संक्रमित केस मॉनिटरिंग जोन
रविवार दोपहर के शिफ्ट में मौजूद योगेश बालेंदु के मुताबिक संक्रमित केस मॉनिटरिंग जोन में शाम सात बजे के लगभग जैसे ही संक्रमितों की लिस्ट आती हैं। 16 कर्मी सभी को कॉल करते हैं। उनका एड्रेस लेते हैं। वे घर में हैं या अस्पताल में भर्ती हैं, इसकी जानकारी लेते हैं। इसके बाद वार्डवार, एसडीएम वार, जोन वार, रूलर और अर्बन वार लिस्ट बनाई जाती है। इस लिस्ट को संबंधित एसडीएम और आरआरटी टीम को भेज देते हैं, जिससे सैनिटाइजेशन किया जा सके। होम आईसाेलेशन होने पर उसका पूरा विवरण सार्थक पोर्टल पर चढ़ाया जाता है। पहली कोशिश होती है कि सूची में 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों संक्रमित से बात हो जाए। बच गए लोगों से सुबह बात की जाती है।

टेलीमेडिसिन जोन-2 में मौजूद मेडिकल स्टूडेंट संक्रमितों से बात करते हुए।
टेलीमेडिसिन जोन-2 प्रथम तल पर मौजूद टेलीमेडिसिन जोन-टू में 8-8 एमबीबीएस और आयुर्वेदिक स्टूडेंट की ड्यूटी लगी है। यहां भी तीन शिफ्ट में कुल 24 लोगों तैनात हैं। इनका काम सार्थक एप पर चढ़ाए गए संक्रमितों से बात करना है। उनके लक्षणों के आधार पर एप में विवरण पोस्ट करना होता है। सुबह-शाम वे हर मरीज से बात करते हैं। लगभग 800 मरीजों से उनकी बात होती है। वे दवाओं, योगासन और होमआईसोलेशन में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देते हैं। टेलीमेडिसिन जोन-1 प्रथम तल पर ही टेलीमेडिसिन जोन एक है। यहां तीन शिफ्ट में 10 डॉक्टरों की ड्यूटी लगती हैं। सुबह 7 से दोपहर तीन बजे और तीन बजे से रात 10 बजे तक 3-3 डॉक्टर और रात में 10 बजे से सुबह सात बजे तक चार डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है। सार्थक एप पर संक्रमितों के लक्षणों के आधार पर ये मरीजों से बात करते हैं। उन्हें दवाएं, जरूरी जांच के बारे में बताते हैं। गंभीर लक्षण दिखने पर भर्ती होने की सलाह देते हैं। होमआईसोलेशन के 17 दिनों में बरतने वाली सावधानी के बारे में बताते रहते हैं। सुबह-शाम संक्रमित मरीजों से बात करके उनके स्वास्थ्य की जानकारी को सार्थक एप और रजिस्टर में नोट करते हैं। इसके अलावा कोविड कंट्रोल रूम में कॉल कर अपनी समस्या बताने वालों से बात कर उनका निदान करते हैं।

चंडालभाटा स्थित कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होती है संक्रमितों की निगरानी।
17 दिन होमआइसोलेशन में रहना जरूरी
ऑक्सीजन लेबल 97 से ऊपर है तो होम आइसोलेशन में 17 दिन तक रहना होगा। टेलीमेडिसिन में मौजूद डॉक्टर ए. अंसारी के मुताबिक संक्रमितों को हल्दी दूध, ताजे फल, सब्जी खाने की सलाह देते हैं। बात कर संक्रमित के ऑक्सीजन, बुखार, सांस लेने में परेशानी, खांसी तो नहीं आ रही। दवाएं कितनी ली है। दवाएं बची है या नहीं। कोई और समस्या हो तो आप बताएं। तय की गई गाइडलाइन के अनुसार दवांए बताई जाती है। गर्म पानी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बात करने वाले सभी संक्रमितों की समस्याओं को रजिस्टर में नोट करते हैं।
ये सवाल होम आईसोलेशन पेंशट से पूछे जाते हैं
- कोरोना हेल्पलाइन नंबर 0761-2637500 से 5 तक
- क्या पिछले 24 घंटें में आपको बुखार आया है
- तापमान कितना है
- क्या आपको खांसी है।
- क्या आपको सांस लेने में दिक्कत है
- SPO2 कितना है
- क्या आपको कोई अन्य समस्या है
- क्या आप घर के अन्य सदस्यों से सीधे संपर्क में हैं
- परिवार का कोई और सदस्य तो बीमार नहीं है
होम आईसोलेशन की अवधि
होम आइसोलेशन की अवधि बीमारी शुरू होने के 17 दिनों तक रहती है। यदि मरीज को आखिरी 10 दिनों में बुखार या कोई अन्य लक्षण नहीं है, तो होम आइसोलेशन समाप्त कर सकते हैं। पर इसके बाद भी 7 दिन तक घर पर ही अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना होता है।
ये लक्षण
- 101 फारेनहाइट से अधिक बुखार यदि एक सप्ताह से आ रहे हो।
- प्लस रेट 120 प्रति मिनट है या नहीं।
- श्वसन दर 15 मिनट प्रति मिनट है या अधिक
- ऑक्सीजन का लेवब 94 प्रतिशत है या नहीं
होमआइसोलेशन के लिए ये जरूरी
- डिजिटल थर्मामीटर 1
- प्लस ऑक्सीमीटर 1
- सर्जिकल मास्क 20
- अजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी-5 टेबलेट
- मल्टीविटामिन-20 टेबलेट (सुबह-शाम)
- सेट्राजिन 10 एमजी-10 टेबलेट
- पैरासिटामोल-500 एमजी-20 टेबलेट (सुबह-शाम)
- रैनीडीन 150 एमजी-20 टेबलेट (सुबह-शाम)
- जिंक 20 एमजी-10 टेबलेट
- विटामिन सी-1000 एमजी-10 टेबलेट
संक्रमितों को ये खाने की दी जाती है सलाह
घर में बना ताजा खाना, गेहूं का आटा, दलिया, बाजरा, ब्राउन राइस खाएं। प्रोटीन युक्त चीजें बींस, दाल, ताजे फल खास तौर पर खट्टे फल मौसमी, नारंगी, संतरा लें। दिन में 8 से 10 गिलास पानी पिएं। खाने में अदरक, लहसुन, हल्दी जैसे मसालों का उपयोग करें। लो फैट दूध व दही। मांसाहारी लोग स्किनलैस चिकन, मछली व अंडे का सेवन करें।
ये खाने से बचें
मैदा, तला हुआ खाना, जंक फूड, पैकेट वाले जूस, कोल्ड ड्रिंक, चीज, नारियल, मक्खन, और पाल्म ऑयल, मटन, लिवर, फ्राइड और प्रोसेस्ड मीट, अंडे का पीला भाग सप्ताह में एक बार ही खाएं। सप्ताह में नॉनवेज दो से तीन बार ही खाएं।
घबराएं नहीं, हिम्मत से काम लें
लोगों को लगता है कि कोविड संक्रमित हो गए तो अब वह नहीं बचेंगे। कई CALL इस तरह के आते हैं। इसलिए मेरी यही सलाह है कि संक्रमित होने पर घबराएं नहीं, हिम्मत से काम लें। हम लक्षणों के आधार पर बेसिक से इलाज शुरू करते हैं। लक्षणों के आधार पर उसे समझाते हैं। तब जाकर उसकी घबराहट दूर हो पाती है।
डॉक्टर ए अंसारी, कोविड कमांड एंड कन्ट्रोल सेंटर