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खंडवा4 घंटे पहले
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सिरसौद बंजारी में कोरोना पॉजिटिव और उसके परिजनों काे पुलिस ने पीटा।
- घटना से आमजन में आक्रोश, कुनबी पटेल समाज व पंधाना विधायक ने कहा- दोषियों पर एफआईआर दर्ज हो
छैगांवमाखन के सिरसौद बंजारी में रविवार को कोरोना संक्रमित और उसके परिवार की पिटाई मामले में स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की कहानी लोगों को हजम नहीं हो रही है। छैगांवमाखन सीएचसी की डॉ. पूर्वा कुशवाहा का कहना है कि दोपहर डेढ़ बजे हम टीम के साथ ललित पटेल के घर पहुंचे। उसने देखते ही हम पर पथराव कर दिया। हम बचाव कर मौके से भागे। इस दौरान मैं गिर गई। फिर मैंने छैगांवमाखन पुलिस को सूचना देकर बुलाया।वहीं ललित की मां लक्ष्मीबाई का कहना है कि दोपहर दो बजे घर में मेरा बेटा ललित, पति श्रीराम पटेल, बेटी रानू चाय पी रहे थे।
पुलिस सीधे हमारे घर में घुसी। ललित की कॉलर पकड़कर उठाया। जब हमने इस बात का विरोध किया तो एक जवान ने बंदूक दिखाते हुए मेरे पति से कहा ज्यादा बात करेगा तो सिर में उतार दूंगा। इतना कहते ही पुलिसकर्मियों ने मारपीट शुरू कर दी। जब हम बीच बचाव के लिए दौड़े तो हम पर बेदर्दी से लाठियां भांजी। इस बर्बरता पूर्वक मारपीट से पटेल समाज में आक्रोश है। समाजजन द्वारा सोमवार को गांव में बैठक होगी। जिसमें एसपी और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज कर उन्हें सस्पेंड करने की मांग की जाएगी।
संक्रमित मरीज सहित चार लाेगों पर प्रकरण दर्ज किया
घटना के बाद छैगांवमाखन पुलिस ने फरियादी डॉ. अपूर्वी पति महेश कुशवाह निवासी सीएचसी छैगांवमाखन की शिकायत पर आरोपी श्रीराम पिता शोभाराम पटेल, ललित पिता श्रीराम पटेल कुन्बी, रानू पिता श्रीराम पटेल, लक्ष्मीबाई पति श्रीराम पटेल निवासी सिरसौद बंजारी के विरुद्ध धारा 353, 332, 342, 506, 294, 188 आईपीसी सहित 52 अापदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत प्रकरण दर्ज किया।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए
रविवार रात पुलिस कंट्रोलरूम में विधायक राम दांगोरे, भाजपा जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल व कुनबी पटेल समाज के पदाधिकारियों के साथ सीएसपी ललित गठरे व एसडीएम ममता खेड़े ने चर्चा की। कहा पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज होना चाहिए। मामले को पांच घंटे बीतने के बाद भी पीड़ितों की एमएलसी नहीं हुई। पंधाना विधायक राम दांगोरे ने कहा पीड़ित परिवार के साथ मारपीट के सबूत मिले हैं, दोषियों पर एफआईआर हो।
सिविल लाइंस में होम आइसोलेट किया
संक्रमित ललित व उसके परिजन की गिरफ्तारी के बाद सिविल लाइंस स्थित एक छात्रावास में आइसोलेट किया है। इसके अलावा छैगांवमाखन थाने के पुलिसकर्मियों जो मारपीट में शामिल थे, सभी को होम क्वारेंटाइन कर दिया।
टीआई सहित एक आरक्षक लाइन अटैच
वायरल वीडियो देख एसपी विवेक सिंह ने सीएसपी ललित गठरे को छैगांवमाखन भेजा। विधायक राम दांगोरे भी थाने पहुंचे। उन्होंने घटना की जानकारी एसपी को दी। एसपी ने टीआई गणपत कनेल व आरक्षक आकाश को लाइन अटैच कर दिया। एसपी विवेक सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया मामले की जांच जारी है।
अब क्या पुलिस लाठियों से करेगी कोरोना का इलाज…
को रोना संक्रमण बेकाबू है, मौतें रूकने का नाम नहीं ले रही..रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत भी बरकरार है..ऊपर से पुलिस पॉजिटिव मरीज के प्रति हमदर्दी दिखाने के बजाय उन पर लाठियां बरसा रही है..ये अधिकार पुलिस को दिया किसने? सरकार ने…शायद नहीं तो फिर कैसे सिरसौद बंजारी के मरीज पर पुलिसकर्मी लाठियां लेकर टूट पड़े, घर से खींचकर बाहर निकाला और मां-बहनों को बेरहमी से पीटा, उनकी आंखों से निकलने वाले आंसू और चित्कार सुनकर भी उनका दिल नहीं पसीजा।
उन पर अपराधियों की तरह केस लाद दिए गए। माफ कीजिएगा अगर कोरोना संक्रमण काल में पुलिस को लोगों की सेवा के लिए सैल्यूट किया जा रहा है, ऐसे समय में मरीज से मारपीट करना उनकी छवि को और खराब कर रहा है। सोचिए अगर आज किसी के परिवार में कोई पॉजिटिव रिपोर्ट आ जाए तो उन पर क्या बीतती होगी, सभी सदस्य डर जाते हैं, उन्हें ये डर सताता है कि मरीज ठीक होगा या नहीं? ऐसे में मारपीट करना कौन सा न्याय है बल्कि देशभक्ति और जनसेवा के नारे की आड़ में यह सरासर अन्याय और अत्याचार है, जिसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
सिर्फ लाइन अटैच सजा कभी नहीं हो सकती। ऐसे पुलिसकर्मियों को इतनी कड़ी सजा मिलना चाहिए कि दोबारा कोई खाकी की आड़ में किसी गरीब और बीमार पर इस तरह अत्याचार की हिम्मत न जुटा सके। ऐसा ही वाक्या इंदौर में हुआ तब पुलिसकर्मियों को सस्पैंड कर दिया गया था, क्या आला अफसर ऐसा कोई कदम उठाएंगे या जांच के नाम पर मामला लंबित कर दिया जाएगा?