गठबंधन पर कोरोना का बंधन भारी: फेरों पर संशय; होटल-गार्डनों में 10 करोड़ रुपए फंसे, 3 हजार से ज्यादा शादियां प्रभावित

गठबंधन पर कोरोना का बंधन भारी: फेरों पर संशय; होटल-गार्डनों में 10 करोड़ रुपए फंसे, 3 हजार से ज्यादा शादियां प्रभावित


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उज्जैन2 मिनट पहले

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  • शादियां टलीं तो 20 हजार से ज्यादा कामगार हो जाएंगे फिर से बेरोजगार
  • 19 तक के लिए आए आदेशों में 50 लोगों की परमिशन : लॉकडाउन बढ़ा तो होगी मुसीबत

कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन कर्फ्यू ने एक बार फिर शहर के वैवाहिक कारोबार पर तलवार लटका दी है। 19 अप्रैल से शादियों के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। शहर के होटल्स और गार्डन्स में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बुकिंग हैं। प्रशासन ने लॉकडाउन में शादी के लिए 50 लोगों की परमिशन देने के आदेश दिए हैं। यदि लॉकडाउन बढ़ता है तो शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 3 हजार शादियां प्रभावित होंगी। एक शादी में 400 से 500 लोगों को रोजगार मिलता है, वह मारा जाएगा। यह कामगार बेरोजगार होंगे। लॉकडाउन कर्फ्यू के बाद शादी-ब्याह वाले घरों के साथ वैवाहिक सीजन से जुड़े कारोबारियों में हलचल मच गई है। विवाह मुहूर्त 23 अप्रैल से हैं। लेकिन कई जगह शादी के कार्यक्रम 19 अप्रैल से ही शुरू हो जाएंगे। यदि 19 के बाद लॉकडाउन बढ़ जाता है तो तीन-चार दिन के लिए होटल-गार्डन बुक कराने वाले लोगों पर गाज गिरेगी।

होटल-गार्डन संचालकों के अनुसार शहरी क्षेत्र के होटल्स-गार्डन्स में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बुकिंग है। इसलिए बुकिंग कराने वाले अभी से आगे की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं और यह भी पूछ रहे हैं कि यदि 50 से ज्यादा की अनुमति नहीं मिली तो रुपए वापस होंगे या नहीं।

कारोबारियों की चिंता- कर्मचारियों व कारीगरों को रोकने के लिए दे चुके हैं एडवांस रुपए

सबसे ज्यादा प्रभावित केटरर व्यवसाय
शादी पर प्रतिबंध लगे तो सबसे ज्यादा प्रभावित केटरर व्यवसाय होगा। लोगों ने होटल-गार्डन बुक किए उनके यहां 500 से 2000 तक मेहमानों का रिसेप्शन होना है। यदि संख्या नहीं बढ़ाई गई तो लोग शादी तो करेंगे लेकिन केटरिंग में कटौती हो जाएगी। केटरर कृष्णा भावसार का कहना है अप्रैल-मई की शादियों में इन श्रमिकों को सबसे ज्यादा काम मिलता है।

व्यापारी के सामने मुश्किल यह है कि उसे श्रमिकों को रोकना पड़ता है, इसके लिए उन्हें एडवांस पैसा देना पड़ता है। कम लोगों की परमिशन मिलने पर व्यक्ति बैंड, बाजा, घोड़ी आदि का सीमित उपयोग कर अपना पैसा वसूल कर लेगा लेकिन केटरर के साथ मौल-भाव करेगा।

होटल-गार्डन संचालकों की चिंता बढ़ी
होटल-गार्डन संचालक चिंतित हैं कि यदि लॉकडाउन बढ़ा तो शादियां कैंसिल भी हो सकती हैं। सीमित संख्या में शादियां होने से ग्राहक तय की गई राशि वापसी को लेकर दबाव बनाएंगे। होटल एसोसिएशन के रवि सोलंकी का कहना है कि इस संबंध में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन संचालक चिंतित हैं।

आने वाले दिनों में क्या परिस्थिति बनती है, इससे कारोबारी परेशान हैं। शादी सीजन के लिए अतिरिक्त कर्मचारी, कारीगर रखे जाते हैं। उन्हें पहले से एडवांस दिया जाता है। शादी 50 लोगों के बीच हो या 500 के बीच बाकी सारे खर्च और इंतजाम को वैसे ही रहते हैं।

लॉकडाउन के कारण शादी के पहले लगन लिखाने का संकट
शादी के पहले लगन लिखाने की परंपरा है। 19 तक लॉकडाउन से लोग पंडितों के पास लगन लिखाने नहीं जा पा रहे। सबसे ज्यादा लगन चिंतामण गणेश मंदिर पर लिखे जाते हैं। पं. सत्यनारायण शर्मा कहते हैं कि लोगों के फोन आ रहे हैं लेकिन हम जवाब देने की स्थिति में नहीं है। लोग कह रहे हैं लगन दे दो, शादी तो हम कर लेंगे।

गुड़ी पड़वा के दूसरे दिन बुधवार को लगन वालों की भीड़ आ सकती है। प्रबंधक अभिषेक शर्मा का कहना है लोग परमिशन लेकर आएंगे तो 10 लोगों की उपस्थिति में शादी कराई जाएगी। लॉकडाउन के चलते लगन लिखाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि भीड़ बढ़ जाएगी।

शहरवासी संक्रमण रोकने में मदद करें, सब कुछ ठीक होगा
सांसद अनिल फिरोजिया कहते हैं 15 को फिर बैठक हो सकती है। इसमें शादी में शामिल होने वालों की संख्या तय करेंगे। इसके पहले नागरिक संक्रमण रोकने के लिए गाइड लाइन का पालन करें। पॉजिटिव और मृतकों की संख्या घटती है तो हम सकारात्मक निर्णय ले सकते हैं, संख्या बढ़ती रही तो मुश्किल होगी।

परिस्थितियां ही निर्णय लेने का आधार बनेंगी। हमें अर्थ व्यवस्था भी देखना है और लोगों की जिंदगी भी बचाना है। विधायक पारस जैन का कहना है कि संक्रमण की स्थिति पर ही सब कुछ निर्भर है। अभी संख्या को लेकर निर्णय नहीं हुआ है। बैठक में तय किया था इसके लिए फिर से बैठक करेंगे।

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