भोपाल कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर: स्वास्थ्य आयुक्त ने वीडियो कॉलिंग से होम आइसोलेशन के मरीज से की बात, पूछा सांस लेने में कोई दिक्कत तो नहीं, कंट्रोल रूम से आपको रोजाना आ रहा कॉल

भोपाल कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर: स्वास्थ्य आयुक्त ने वीडियो कॉलिंग से होम आइसोलेशन के मरीज से की बात, पूछा सांस लेने में कोई दिक्कत तो नहीं, कंट्रोल रूम से आपको रोजाना आ रहा कॉल


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भोपाल3 मिनट पहले

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स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने सोमवार को डिस्टिक्ट कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर का निरीक्षण किया

  • 60 से ज्यादा डाॅक्टरों की टीम रोजाना होम आईसोलेशन के मरीजों से 4 हजार से ज्यादा वीडियो कॉलिंग से कर रही निगरानी

राजधानी के गोविंदपुरा स्मार्ट सिटी कार्यालय में स्थित डिस्ट्रिक्ट कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के स्वास्थ्य का हालचाल लेने के साथ ही उनकी निगरानी की जा रही है। सोमवार को स्वास्थ्य आयुक्त संजय गोयल ने कलेक्टर अविनाश लवानिया के साथ कोरोना कमांड सेंटर पहुंच मरीजों से वीडियो कॉलिंग कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। गोयल ने वीडियो कॉलिंग से मरीज से बात की और पूछा कि आपकी तबीयत कैसी है। सांस लेने में दिक्कत तो नहीं हो रही है। कंट्रोल रूम से आपके पास प्रतिदिन कॉल आ रहा है या नहीं। इस दौरान भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया भी उनके साथ मौजूद थे। बता दें भोपाल में अभी करीब 2700 से ज्यादा कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में है। स्वास्थ्य आयुक्त संजय गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि डिस्ट्रिक्ट कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर से जब भी कोई व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो मरीज तक जल्द से जल्द इलाज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। मरीज की क्लीनिक स्थिति का पता लगा कर तय किया जाता है कि उसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है या फिर होम आइसोलेशन में रह सकता है। इसके लिए घर पर होम आइसोलेशन के लिए तय स्पेस की जानकारी जुटाई जाती है। इसके बाद मरीज को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती है। इसके बाद एक टीम मरीज के घर जाकर भी स्पेस की जांच करती है, ताकि संक्रमण न फैले सुनिश्चित किया जाता है। संबंधित टीम ही मरीज को दवा की किट भी उपलब्ध कराती है। आयुक्त ने आरटी पीसीआर की जांच रिपोर्ट देरे से आने के सवाल पर कहा कि हमने लोगों के लिए रैपिड टेस्ट का इंतजाम किया है। रैपिड टेस्ट रिपोर्ट और कोरोना के लक्षण दिखने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट लेब को भी टेस्ट की अनुमति दी है।

संक्रमण रोकने बना सकते है और कंटेनमेंट जोन

कलेक्टर अविनाश लवानिया ने गोविंदपुरा में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर पूछ सवाल के जवाब में कहा कि हम लगातार नए आने वालों मामले के इलाकों की समीक्षा कर रहे है। जरूरी होने पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में और कंटेनमेंट जोन बनाने पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी संस्थान को कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के पूछे सवाल पर कहा कि निजी संस्थान खुद ही मदद के लिए आगे आ रहे है। आपको निजी कोविड केयर सेंटर को देखने को मिलेंगे।

रोजाना 5 हजार से ज्यादा वीडियो कॉलिंग

डिस्ट्रिक्ट कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर 24 घंटे 7 दिन काम कर रहा है। यहां पर अभी सुबह-शाम रोजाना 5 हजार वीडियो कॉलिंग कर मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ उनकी निगरानी की जा रही है। इसके लिए 45 आयुष डॉक्टरों की टीम तैनात की गई। यह टीम दो शिफ्ट सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक कॉलिंग करती है। इसके अलावा नए केस आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य के लिए 12 से अधिक डॉक्टरों की टीम है, जो उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही होम आइसोलेशन के लिए जरूरी जानकारी देती है। इसके अलावा सेंटर पर 15 मेडिकल ऑफिसर तीन शिफ्ट में काम करते है।

होम आइसोलेशन मरीज से यह पूछे जाते है प्रश्न

? कैसा महसूस कर रहे है?

? बुखार, सर्दी-खंसी, सांस लेने की कठनाई अथवा सीने में जकड़ने जैसे लक्षण तो नहीं है?

? आपका तापमान एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन कितना है?

? कमरे में चलने-फिरने या शौच जाते समय सांस तो नहीं फूल रही है‌?

? क्या आप डॉक्टर की सलाह अनुरूप दवाइयां खा रहे हैं?

? क्या दवा खाने के बावजूद आपको हल्का बुखार तो नहीं है?

? क्या आप घर के अन्य सदस्यों के संपर्क में तो नहीं है?

? क्या घर के किसी अन्य सदस्यों को बुखार, सर्दी-खांसी, सांस लेने की कठिनाई जैसे लक्षण तो नहीं?

24 घंटे काम करता है कॉल सेंटर

“ कमांड सेंटर से रोजाना सुबह 8 से रात 10 बजे तक कॉलिंग कर मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ मॉनिटरिंग की जाती है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों को 101 डिग्री से ज्यादा बुखार रहने या ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 से नीचे जाने पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है। सेंटर रात में भी काम करता है। इस दौरान मरीज 0755 1075 कंट्रोल रूम नंबर पर कोई दिक्कत होने पर वह काल करके मदद ले सकता है। हम होम आईसोलेशन मरीज को अनुमति देने से पहले सुनिश्चित करते है कि उसके घर में अलग रूम और शौचालय हो। जिससे की संक्रमण दूसरे लोगों को न फैले। ”।- डॉ. संगीता टाक, प्रभारी, डिस्ट्रिक कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर, भोपाल

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