रीवा किसान आंदोलन: कोरोना के कारण करहिया मंडी से तंबू उठकर पहुंचा बिहरा गांव, 100वें दिन पूरा होने पर जल सत्याग्रह

रीवा किसान आंदोलन: कोरोना के कारण करहिया मंडी से तंबू उठकर पहुंचा बिहरा गांव, 100वें दिन पूरा होने पर जल सत्याग्रह


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रीवा5 घंटे पहले

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  • दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में रीवा के किसानों की लड़ाई जारी
  • 60 घंटे के लॉकडाउन से स्थान हुआ परिवर्तित, कलेक्टर ने मंडी में नहीं दी आंदोलन की परमीशन
  • अब हर दिन एक एक पंचायत में जाकर होगा आंदोलन और लंगर

संसद द्वारा पारित तीनों किसान बिल के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का रीवा जिले के किसानों ने भी समर्थन दिया है। यहां भी लगातार 100 दिन से किसानों का वृहद आंदोलन रीवा शहर की करहिया मंडी में चल रहा था। लेकिन 60 घंटे के लॉकडाउन से अब किसानों का आंदोलन परिवर्तित हो गया है। किसानों का कहना है कि स्यंबर हाल में भाजपा विधायकों की मौजूदगी में हुए बड़े कार्यक्रम की ठीस कलेक्टर इलैया राजा टी हमारे 100 दिन के आंदोलन से उतार रहे है। जबकि हमारा आंदोलन शा​ति पूर्ण और महज 10 से 12 किसानों का रहता है। फिर भी कलेक्टर सरकार के इसारे पर चल रहे है। वे हम लोगों की बात दबाना चाहते है। ऐसे में अब हम लोगों ने तय किया है कि ये आंदोलन बिहरा गांव में चलेगा। साथ ही आने वाले दिनों में हर एक पंचायत में जाकर एक ​एक दिन का आंदोलन होगा। वहीं पर किसान पदाधिकारी लंगर के साथ रात्रि विश्राम करेंगे। फिर दूसरे दिन दूसरे गांव में चले जाएंगे। इसी तरह दूसरी टोली बिहरा गांव के धरने पर बैठी रहेगी।

संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि किसान बिल के विरोध में 100वें दिन ग्राम बिहरा में किसान नेता बिज्जू पांडे के नेतृत्व में धरना दिया गया। धरने में कोविड-19 की नवीन गाइड लाइन का पालन जारी रहा। धरने में प्रमुख रूप से किसान विसर्जन पटेल शिवपुरवा, रामायण पटेल पाती, राम सुमिरन विश्वकर्मा, गोपाल विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। धरने का संचालन किसान नेता रामजीत सिंह ने किया। धरने के 100 दिन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की मांग की। साथ ही रासायनिक खाद के बढ़े हुए मूल्य तथा जिला प्रशासन द्वारा गेहूं खरीदी का दायरा कम किए जाने पर जोर दिया। वहीं गर्मी के दिनों में आगजनी की घटना पर किसानों की फसल का मुआवजा शीघ्र दिलाए जाने की मांग की। इन्हीं सब मुददों को लेकर बिहरा बनकुइयां बांध में 2 घंटे का जल सत्याग्रह किया गया।

राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
जल सत्याग्रह उपरांत राष्ट्रपति को संबोधित 4 सूत्री मांगों का ज्ञापन मेल द्वारा कलेक्टर रीवा को भेजा गया। जल सत्याग्रह दौरान किसान नेता रविदत्त सिंह, कुंवर सिंह, ओमनारायण सिंह, अशोक सिंह, इंद्रजीत सिंह, शोभनाथ कुशवाहा, मिथिला सिंह, तेजभान सिंह, रामनरेश सिंह, संतकुमार पटेल, अभिषेक कुमार पटेल, श्यामलाल द्विवेदी, विनोद कुमार मिश्रा, अजय पांडे, पुष्पराज सिंह सिकरवार, विजय तिवारी बाबा, रामस्वरूप विश्वकर्मा फौजी, यदुवंश प्रताप सिंह, कृष्णदीन सिंह, उमाशंकर कुशवाहा, दीप नारायण पटेल रामू, अनूप सिंह धोनी, सर्वेश सिंह, सचिन सिंह, निर्भय पटेल, इंद्रपाल सिंह, रमेश सिंह, रमाकांत सिंह, दीपेंद्र सिंह, दीपू रामभान सिंह, ओमप्रकाश कुशवाहा आदि सैकड़ों किसान उपस्थित रहें।

अब आंदोलन और मजबूत होगा
किसाना नेताओं का कहना है कि अभी तक दिल्ली बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन का हम लोग समर्थन करते थे। जिसके मददेनजर रीवा शहर की करहिया मंडी में 100 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन​ जिला प्रशासन ने हम लोगों का हटाकर और बड़ी गलती कर दी है। क्यों​कि अभी तक यह आंदोलन शहर तक शाामिल था। अब गांव गांव तक पहुंचेगा। हुंकार भरते हुए किसानों ने कहा कि सरकार कितने भी हथकंडा अपना ले, लेकिन किसी भी सूरत पर आंदोलन बंद नहीं होगा। अब गांव गांव धरना दिया जाएगा। धरने में किसानों का लंगर निरंतर जारी है। किसानों ने कहा कि बिल वापसी के बाद ही घर वापसी होगी।

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