संक्रमण बेकाबू: जिले में एक दिन में 552 कोरोना के नए केस मिले, आंकड़ों में चार मौत, शमशान घाट में लाशें जलाने की जगह नहीं, 30 का हुआ अंतिम संस्कार, 4 वेटिंग में ही रह गए

संक्रमण बेकाबू: जिले में एक दिन में 552 कोरोना के नए केस मिले, आंकड़ों में चार मौत, शमशान घाट में लाशें जलाने की जगह नहीं, 30 का हुआ अंतिम संस्कार, 4 वेटिंग में ही रह गए


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जबलपुर8 मिनट पहले

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लाशें बयां कर रहीं हालात।

  • जिले में दो दिनों में 1021 नए संक्रमित मिले, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 2952 पर पहुंची

लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। सोमवार को आंकड़ा 552 पर रुका। वहीं सरकारी आंकड़ों में एक बार फिर चार ही मौत दिखाई गई। पर चौहानी शमशान की हकीकत आंसू लाने वाली थी। यहां लाशों को जलाने के लिए जगह तक नहीं बची थी। घंटों लोगों को इंतजार करना पड़ा। यहां 30 संक्रमितों की लाशें जली। चार सस्पेक्टेड भी पहुंचे थे और इतने ही लाशें मेडिकल व निजी अस्पतालों में वेटिंग में हैं। अब उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को हो पाएगा।

जानकारी के अनुसार जिले में दो दिनों में कोरोना के 1021 नए मामले सामने आए। सोमवार को कुल 552 नए संक्रमितों के बाद अब कुल संख्या 22 हजार 967 पर पहुंच गई है। वहीं 252 लोग स्वस्थ हुए। अब तक कोरोना से 19 हजार 723 लोग ठीक हो चुके हैं।

वहीं चार मौतों के बाद कुल आंकड़ा 292 पर पहुंच गया है। रिकवरी रेट घटकर 85.87 प्रतिशत पर पहुंच गया। एक महीने में लगभग 10 प्रतिशत रिकवरी रेट नीचे आया है। जिले में कोरोना के एक्टिव केस अब 2952 पर पहुंच गया है। सोमवार को 2633 संक्रमितों के सेम्पल लिए गए हैं।
चौहानी शमशान घाट में जगह नहीं
चौहानी शमशान घाट में प्रशासन के दावे के उलट कुल 30 लाशें जलाई गई। वहीं दो सस्पेक्टेड शवों का अंतिम संस्कार किया गया। शमशान घाट में एक साथ इतनी लाशें जलने के बाद जगह नहीं बची। लोगों को घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। कई शवों को मेडिकल सहित निजी अस्पतालों में रोकना पड़ा। जगह की कमी के बावजूद प्रशासन की कान पर जूं नहीं रेंग रहा।
मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर के मुताबिक वह पिछले एक सप्ताह से इस समस्या को प्रशासन के सामने उठा रहे हैं। एक चिता जलाने के बाद उसे ठंडा होने में वक्त लगता है। पर चौहानी शमशान घाट में एक चिता की लपटें भी नहीं कम हो पाती है कि दूसरी चिता सजानी पड़ती है।
कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार करना हो रहा मुश्किल
कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार करने के लिए नगर निगम को जवाबदारी सौंपी गई है। बावजूद उसके कर्मियों की हठधर्मिता के चलते बहुत से परिवार मोक्ष संस्था से संपर्क साधते हैं। पर शासन की ओर से कोई मदद की बजाए उसके राह में रोड़े अटकाए जा रहे हैं।

मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर का सोमवार को दर्द छलका आया। बोले कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए जरूरी पीपीई किट, दस्ताने, लकड़ी तक नहीं मुहैया कराई जाती है। संस्था द्वारा मौत के आंकड़े सामने लाने के बाद से ही वह प्रशासन के निशाने पर है।

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