नवरात्रि में पूजा से पहले क्यों करते हैं कलश स्थापना, जानें (credit: shutterstock/sachi gaikwad)
Chaitra Navratri 2021 Ghatasthapana Vidhi Shubh Muhurt: नवरात्रि में घटस्थापना अथवा कलश स्थापना की परंपरा का विधान है, क्योंकि इसी कलश को शास्त्रों में भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है. यही कारण है कि घटस्थापना पूजा शुभ मुहूर्त अनुसार, पूरे विधि-विधान के साथ ही संपन्न की जानी चाहिए.
चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 13 अप्रैल, मंगलवार से हो रहा है और इसकी समाप्ति 21 अप्रैल बुधवार, को नवमी तिथि के साथ होगी. नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना का महत्व होता है. इस दौरान शुभ मुहूर्त अनुसार भक्तजन पूरे विधि-विधान के साथ घटस्थापना करते हुए, मां शैलपुत्री की आराधना करते हैं. आइए जानते हैं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त एवं इसकी विधि…
चैत्र नवरात्रि 2021 घटस्थापना मुहूर्त
दिनांक :13 अप्रैल 2021, मंगलवारघटस्थापना मुहूर्त : 05:58:27 से 10:14:09 तक
अवधि : 4 घंटे 15 मिनट
नवरात्रि का पहला दिन और घटस्थापना का महत्व
हिन्दू पंचांग अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है. इस दौरान घटस्थापना अथवा कलश स्थापना की परंपरा का विधान है, क्योंकि इसी कलश को शास्त्रों में भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है. यही कारण है कि घटस्थापना पूजा शुभ मुहूर्त अनुसार, पूरे विधि-विधान के साथ ही संपन्न की जानी चाहिए.
नवरात्रि के प्रथम दिन होगी मां शैलपुत्री की उपासना
शास्त्रों की मानें तो, देवी शैलपुत्री को ही मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप माना गया है. पर्वत राज हिमालय की पुत्री होने के कारण, मां के इस रूप का नाम शैलपुत्री पड़ा. उनका वाहन वृषभ होने के कारण, मांशैलपुत्री को देवी वृषारूढ़ा नाम से भी जाना जाता है. मां शैलपुत्री के रूप की बात करें तो, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित होता है. इसके अलावा भारत के कई राज्यों में मां का ये रूप, सती नाम से भी विख्यात है. (credit: astrosage)