किवदंतियों के अनुसार इस मंदिर की कहानी दो बहनों के जीवन पर आधारित है. दोनों बहनों में मतभेद हो जाने के बाद वे एक-दूसरे से विपरीत हो गईं. इनके बीच में पड़ी दरार की लकीर आज भी इस बात की साक्षी है. बड़ी मां तुलजा भवानी हैं, जबकि छोटी मां चामुंडा देवी हैं. माना जाता है कि इनका जन्म सती के रक्त से हुआ. तुलजा भवानी मा और चामुंडा मां दिन में तीन रूप बदलती हैं, बाल, जवान और वृद्ध.