अब भी संभल जाइए : वॉर्ड फुल, कोरोना के संदिग्ध मरीज़ों को फर्श पर लेटाकर दी जा रही है ऑक्सीजन, देखें Video

अब भी संभल जाइए : वॉर्ड फुल, कोरोना के संदिग्ध मरीज़ों को फर्श पर लेटाकर दी जा रही है ऑक्सीजन, देखें Video


उज्जैन में पिछले 24 घंटे में 137 नये मरीज मिले

उज्जैन. माधव नगर अस्पताल में कोरोना से सभी वार्ड फुल हो चुके हैं. यहां पहले से ही कोरोना के 135 मरीज भर्ती हैं.

उज्जैन. उज्जैन से एक रोंगटे खड़े करने वाला वीडियो (Video) सामने आया है. इसमें कोरोना से पैदा हुए हालात की हकीकत दिख रही है. अस्पतालों में बेड (bed) की कमी है और मरीज़ फर्श पर लेटे हैं. वहीं उन्हें ऑक्सीजन लगायी जा रही है. ये मरीज़ कोरोना के हैं या नहीं इसका पता रिपोर्ट आने के बाद चलेगा. लेकिन सभी को सांस लेने में तकलीफ थी. अगर ये कोरोना पॉजिटिव हैं तो खुले में इनका इलाज करना कितना घातक है ये आसानी से समझा जा सकता है. खुले में भर्ती करने के कारण कोरोना संक्रमण ओपीडी में आने वाले बाकी मरीज़ों को अपनी चपेट में ले सकता है.

ये वीडियो माधव नगर अस्पताल का है. यहां एक कमरे में एक साथ कई मरीज़ों को फर्श पर लेटाकर ऑक्सीजन दी जा रही है. जो पेशेंट ज़मीन पर नहीं लेट पाये वो कुर्सी पर बैठाकर अपने जीवन से संघर्ष कर रहा है.

एक साथ आये मरीज़
यहां माधव नगर कोविड अस्पताल में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज़ पहुंचे जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी. एक साथ कई मरीजों के पहुंचने से अस्पताल में बेड कम पड़े गए. इसलिए सभी को ओपीडी में ही भर्ती कर फर्श पर लेटा दिया गया और उन्हें वंही पर ऑक्सीजन लगा दी गयी. ऐसे एक दो नहीं कुल छः  मरीज हैं. जिन्हें ओपीडी में ऑक्सीजन दी जा रही है. इनमें से एक को कुर्सी पर तो बाकी को फर्श पर लेटा कर ही इलाज किया जा रहा है.

Youtube Video

कोरोना वॉर्ड फुल

ये वंही अस्पताल है जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण  कुछ मरीजों की मौत की खबर सामने आयी थी. इस अस्पताल में पहले से ही 135 मरीज भर्ती हैं. माधव नगर अस्पताल में कोरोना से सभी वार्ड फुल हो चुके हैं. उज्जैन में भी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. आज ही यहां संक्रमितों के सारे आंकड़े ध्वस्त हो गए. बीती रात आये बुलेटिन में कोरोना के 317 नये संक्रमित मरीज मिले. अस्पतालों में कहीं भी जगह नहीं है.

OPD में रोज 200 मरीज़
माधव नगर अस्पताल में ओपीडी में भी रोजाना करीब 200 मरीज सर्दी खासी के आ रहे हैं. ऐसे में कुछ कोरोना संक्रमित भी होते हैं. ओपीडी में जिन 6 मरीजों को भर्ती किया गया है उनकी जांच रिपोर्ट अभी आयी नहीं है.अगर वो कोरोना संक्रमित हुए तो ये स्थिति और बिगाड़ सकती है क्योंकि उन्हें खुले में भर्ती करने से वायरस और पता नहीं कितने लोगों को लगा होगा. ओपीडी में आ रहे बाकी मरीजों के लिए ये खतरा है.









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