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- When The Oxygen Ran Out In The Hospital, The Staff Swung Hands And Feet; The Dean Of The Private Hospital Said That The Government Is Not Paying The Outstanding 19 Crore
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उज्जैन23 मिनट पहले
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आरडी गार्डी अस्पताल में लगे ऑक
उज्जैन के आरडी गार्डी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हुई तो स्टाफ के हाथ-पैर फूल गए। प्रशासन को इसकी जानकारी दी तो ताबड़तोड़ ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई। इसके बाद अस्पताल के डीन ने कहा कि सरकार हमारे बकाया 19 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर रही है। इस वजह से अस्पताल चलाने में ही दिक्कत हो रही है।
सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन हकीकत में व्यवस्थाएं बदहाल है। आरडी गार्डी के डीन एमके राठौर ने कहा कि ऑक्सीजन की भारी कमी है। जबकि रोजाना सीएम ने प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित नहीं होने के लिए कहा था। वहीं माधव नगर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी सें हुई मौत के मामले में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा था कि हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। डीन ने बताया कि आज सुबह हमारे स्टाफ की ऑक्सीजन की कमी के चलते सांसे फूल गई थी। सुबह 4 .30 बजे ऑक्सीजन खत्म होने का अलार्म बजा जिसके बाद अपर कलेकटर सहित अन्य अफसर भी आरडी गार्डी अस्पताल आए। उन्होंने ऑक्सीजन की व्यवस्था की और 50 सिलेंडर मंगाए गए। यह व्यवस्था नहीं होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल लिमिटेड रिसोर्सेस से अस्पताल चल रहा है और हमारे डॉक्टर रोजाना डर के साये में काम कर रहे है। आरडी गार्डी के डीन एमके राठौर ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनके अस्पताल की बकाया राशि 19 करोड़ रुपए रोक कर रखी है, जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया। इसके कारण अस्पताल प्रबंधन पर कर्जा बढ़ रहा है। रोजाना अस्पताल के खर्चे में 50 हजार रुपए की पीपीई किट, ढाई लाख रुपए रोज का ऑक्सीजन का खर्चे समेत डॉक्टर और अन्य स्टाफ के वेतन का भी खर्चा अस्पताल प्रबंधन को करना है। मार्च 2020 में हुए अनुबंध के आधार पर हर महीने राशि देना थी लेकिन अभी हालत यह है कि साल बीत जाने के बात भी 19 करोड़ बकाया है। कुल 200 बेड का अनुबंध है सरकार के साथ जिसमे 140 ऑक्सीजन वाले और बाकी 60 सामान्य बेड है।