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भोपाल4 घंटे पहले
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चिरायु कैंपस में रखे ऑक्सीजन भरे जंबो सिलेंडर।
प्रदेश के 70% प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है। प्रमुख मेडिकल कॉलेजों से जुड़े सरकारी अस्पतालों को छोड़कर ज्यादातर निजी अस्पतालों में डिमांड से 40% कम सप्लाई हो रही है। गंभीर मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण हर दिन 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, जबकि उपलब्ध 267 मीट्रिक टन ही है। शासन ने ओडिशा, झारखंड से संपर्क किया है। इनसे 250 एमटी ऑक्सीजन मिलने की उम्मीद है। गुजरात से 80 एमटी ऑक्सीजन मिलने लगी है। भिलाई स्टील प्लांट से 187 मीट्रिक टन मिल रही है, जो 8 अप्रैल तक 130 एमटी मिल रही थी।
महाराष्ट्र से नहीं आ रहे टैंकर : महाराष्ट्र से कोशिशों के बावजूद ऑक्सीजन टैंकर नहीं आ रहे है। इन दिनों 90% मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। जबकि डिमांड के हिसाब से उपलब्धता आधी है। 30 अप्रैल तक 1 लाख एक्टिव मरीज होने की संभावना है, इसलिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। शासन ने केंद्र सरकार से 1000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मांगी है।