कोरोना की वजह से भोपाल की हालत खराब है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस (Coronavirus)की पहली लहर ने पिछले साल बस्तियों में कोहराम मचाया था, लेकिन इस बार पॉश इलाके हॉटस्पॉट (Corona Hotspot) बन रहे हैं. कोलार और गोविंदपुरा जैसे पॉश इलाकों में नेता से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी रहते हैं.
पिछले साल कोरोना की पहली लहर ने जहांगीराबाद, बुधवारा, भोई पूरा, इतवारा इब्राहिम गंज, इस्लामपुरा और जाट खेड़ी में तेजी से दस्तक दी थी. पूरे मध्य प्रदेश में इन जगहों पर सबसे ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ रहे थे और यहीं सबसे ज्यादा लोगों की जान गई थी, लेकिन अब दूसरी लहर जो कि सबसे खतरनाक है उससे यह सभी इलाके बचे हुए हैं. बता दें कि यहां पर संक्रमण का आंकड़ा पिछली बार की तरह नहीं हैं.
कोलार, गोविंदपुरा बने हॉटस्पॉट
दूसरी कोरोना की लहर ने भोपाल के सबसे पॉश इलाके कोलार और गोविंदपुरा को अपनी चपेट में लिया है. पिछले 5 दिनों में शहर में 5 हजार से अधिक संक्रमित मरीज सामने आए हैं. इसमें 2000 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों के साथ पहले नंबर पर कोलार है, तो दूसरे नंबर पर गोविंदपुरा में 1500 से ज्यादा संक्रमित मरीज मिले हैं. इन दोनों इलाकों में लगातार 300 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. यहीं कारण था कि सबसे पहले कोलार को प्रदेश का सबसे बडा कंटेनमेंट क्षेत्र बनाया गया था. वहीं, गोविंदपुरा को दूसरा बडा कंटेनमेंट बनाया जाना था, लेकिन सरकार ने पूरे शहर को सुरक्षित और संक्रमण से बचाने के लिए लोग तो लगा दिये हैं.दूसरी लहर सबसे खतरनाक…
पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर सबसे खतरनाक है. इस लहर में संक्रमितों के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोलार और गोविंदपुरा इलाके में लाखों की आबादी निवास करती है. इन दोनों इलाकों में अधिकांश पॉश कॉलोनी है, यहां पर कई बड़े बिजनेसमैन से लेकर रसूखदार लोग रहते हैं. कई प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और कर्मचारी भी इन इलाकों में रहते हैं. लोगों का मानना है कि लापरवाही की वजह से कोरोना पॉश कॉलोनी में शिफ्ट हो गया है. लोगों ने पहली लहर के बाद लापरवाही बरती और उसी का नतीजा है कि अब एक व्यक्ति से उसके पूरे परिवार को कोरोना हो रहा है.