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जबलपुर6 घंटे पहलेलेखक: संतोष सिंह
ऑक्सीजन समाप्त होने के चलते महिला की मौत पर हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस और बाहर खड़े परिजन।
जबलपुर में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। बुधवार को रिछाई स्थित एक लिक्विड प्लांट में आई खराबी से दो अस्पतालों में लाइफ सपोर्ट पर भर्ती 84 मरीजों की जान पर बन आई। गुरुवार तड़के आगा चौक स्थित लाइफ मेडिसिटी हार्ट सेंटर में ऑक्सीजन समाप्त होने से 82 वर्षीय वृद्धा ने दम तोड़ दिया। वहीं चार मरीजों की हालत भी नाजुक हो चुकी है। सुखसागर मेडिकल कॉलेज में 4 भी मरीजों की मौत हो गई। परिजनों के हंगामा करने पर डॉक्टर व स्टाफ भाग गए। आनन-फानन में 10 सिलेंडर किसी तरह मांग कर लगाए गए।
यादव कॉलोनी निवासी अनिल खत्री अपनी 82 वर्षीय मां को रविवार को लेकर अस्पताल में आए थे। तब उनकी मां का ऑक्सीजन लेवल 60 पर था। उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। अनिल खत्री के मुताबिक उनकी मां ने इलाज के बाद काफी रिकवर किया था। बुधवार की रात में उनका लाइफ सपोर्ट के साथ ऑक्सीजन लेवल 99 पर पहुंच गया था। रात में दो बजे ऑक्सीजन का प्रेशर कम होते ही हालत बिगड़ने लगी। तड़के चार बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
बेटे अनिल खत्री आपबीती बताते हुए, कैसे ऑक्सीजन समाप्त होने के बाद उनकी मां ने तड़प कर दम तोड़ दिया।
अस्पताल में 104 कोरोना मरीज, 100 ऑक्सीजन सपोर्ट पर
लाइफ मेडिसिटी अस्पताल में कोरोना के 104 मरीज भर्ती हैं। इसमें 60 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 44 वेंटिलेटर पर हैं। ऑक्सीजन समाप्त होने और एक महिला की मौत के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक व नर्स अस्पताल छोड़कर भाग खड़े हुए। परिजन फोन लगाकर अधिकारियों को परेशान हो गए। वहां कोई सुध लेने वाला नहीं था। अस्पताल के प्रबंधक डाॅक्टर मुकेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे, लेकिन आक्रोशित परिजनों को देखकर वे भी मूक दर्शक बने रहे। इस दौरान फोन पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करते रहे।

एसआई इंजन सिंह ने गंभीरता के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया।
एसआई की तत्परता ने बड़ी घटना होने से बचा लिया
लार्डगंज थाने में पदस्थ एसआई इंजन सिंह लटकारी के पड़ाव के पास रोज सुबह मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। वे पहुंचे, तभी अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त होने और एक महिला की मौत की खबर मिली। इंजन सिंह के मुताबिक वे पहुंचे तो सारे मरीजों के परिजन बाहर आ गए। वे रोते हुए गुहार लगाने लगे कि उनके मरीज को बचा लो। अधिकारियों को बोलकर तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करा दो। इंजन सिंह ने तत्काल इसकी सूचना टीआई प्रफुल्ल श्रीवास्तव और सीएसपी कोतवाली दीपक मिश्रा को दी।

सीएसपी कोतवाली के साथ तीन थानों और लाइन का बल पहुंचा।
हंगामे की खबर पाकर पहुंची पुलिस
ऑक्सीजन समाप्त होने की खबर मिलते ही मौके पर सीएसपी मिश्रा, टीआई लार्डगंज, कोतवाली व मदनमहल और लाइन का बल पहुंच गया। हंगामा कर रहे परिजनों को किसी तरह शांत कराया गया। अस्पताल के प्रबंधकों से बात कर तुरंत ऑक्सीजन का इंतजाम करवाया गया। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पल-पल की अपडेट लेते रहे। लगभग 8.30 बजे मौके पर एसडीएम शाहिद खान को भेजा गया।
कलेक्टर साहब को बोलकर ऑक्सीजन का इंतजाम कराओ, नहीं तो लाशों की ढेर लग जाएगी
इसी अस्पताल में अपने कोरोना मरीज को भर्ती कराने वाले कटनी के ओमप्रकाश का गला भर आया। रूआसे होकर बोले कि भैइया कलेक्टर साहब को बोलकर तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करा दो, नहीं तो यहां लाशों का ढेर लग जाएगा। कई मरीज यहां वेंटीलेटर पर हैं। ऑक्सीजन के बिना वे तड़प रहे हैं। हालत देखी नहीं जा रही है। इसी तरह की चिंता दूसरे परिजनों की थी।

10 सिलेंडर का इंतजाम मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन कर पाया।
10 सिलेंडर बुलाया, रोज लगते हैं 250 सिलेंडर
अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि रोज 250 सिलेंडर लगते हैं। बुधवार को ऑक्सीजन प्लांट में खराबी आने की वजह से सिलेंडर नहीं मिल पाया। दोनों ही प्लांटों में खाली सिलेंडर लेकर हमारा स्टाफ खड़ा है। ऑक्सीजन ही नहीं मिल पा रहा है। हम क्या करें। अब तो प्रशासन ही कोई इंतजाम करा सकता है। बिना ऑक्सीजन के मरीजों का इलाज चुनौती है।
सुखसागर मेडिकल कॉलेज में चार की मौत
उधर, चरगवां रोड स्थित सुखसागर मेडिकल कॉलेज में भी रात से ही ऑक्सीजन समाप्त हाे गया। वहां 200 से अधिक मरीज भर्ती हैं। यहां भी 100 से अधिक मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 40 वेंटीलेटर पर हैं। रात में ऑक्सीजन समाप्त होने के बाद से सुबह तक चार लोगों की मौत हो गई। यहां भी परिजन हंगामा करते रहे। मौके पर बरगी पुलिस को हालात संभालना पड़ा।
प्रशासन की खुली पोल, सहकारिता मंत्री भी नहीं कुछ कर पाए
जिले के प्रतिनिधि लगातार जिले में कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को लेकर आवाज उठा रहे हैं। पर कोई सुनने वाला नहीं है। प्रशासन यहां का झूठ पर झूठ बोले जा रहा है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा आंकड़ों की बाजीगरी दिखाकर अपनी नाकामी छुपाने में जुटे हैं। वे संक्रमितों की संख्या और मौत छुपाने में जुटे हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सत्ता पक्ष के विधायक अजय विश्नोई ने हालात बताने की कोशिश की तो उसे भी अनसुना कर दिया गया। बुधवार को उन्होंने सीएम को सोशल मीडिया पर और पत्र लिखकर ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर आवाज उठाई थी। सीएम ने कोरोना के हालात को समझने के लिए सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को भेजा था। वे भी यहां के प्रशासन के आंकड़ों में ही उलझ कर रह गए।

एसडीएम शाहिद खान व सीएसपी मौके पर पहुंचे।
रिछाई स्थित एक प्लांट में आई खराबी से बिगड़े हालात
जबलपुर में रिछाई स्थित जैनिम इंडस्ट्रीज और आदित्य प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। दोनों प्लांटों की क्षमता 2300 सिलेंडर की रोज की है। मेडिकल में लिक्विड प्लांट की क्षमता भी रोज की 1000 सिलेंडर की है। जैनिम प्लांट में लिक्विड आक्सीजन समाप्त हो गया था। गुरुवार सुबह ही 4 बजे लिक्विड ऑक्सीजन पहुंचा है। इसके बाद ये प्लांट शुरू हो पाया। जबकि आदित्य एयर प्रोडक्ट में लिक्विड ऑक्सीजन और एयर सेपरेशन प्लांट है। बुधवार को आदित्य के लिक्विड प्लांट में खराबी आ गई थी।
नागपुर से बुलाए गए इंजीनियरों ने गुरुवार दोपहर तक खराबी दूर की। तब जाकर उत्पादन शुरू हो पाया। आदित्य के दोनों प्लांटों से 1300 और जैनिम से 1000 सिलेंडर का उत्पादन होता है। जैनिम में मंगलवार से लिक्विड ऑक्सीजन समाप्त था। वहीं आदित्य में सिर्फ एयर सेपरेशन प्लांट से ही सिलेंडर मिल पा रहा था। इसकी क्षमता 45 सिलेंडर प्रति घंटे की है। वहीं से चार-पांच की संख्या में सिलेंडर निजी अस्पतालों में दिया गया था। इसी कारण कोरोना इलाज कर रहे शहर के 30 निजी अस्पतालों में व्यवस्था गड़बड़ा गई थी।