सरकारी रिकॉर्ड एक दिन में 8 मौत बता रहा है.
14 अप्रैल को 88 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया. भदभदा विश्राम घाट में 54, सुभाष नगर में 29 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया. 5 शवों को कब्रिस्तान में दफनाया गया.
शहर में कोरोना प्रोटोकॉल से हो रहे अंतिम संस्कारों के आंकड़ों में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ है. 14 अप्रैल को 88 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया. भदभदा विश्राम घाट में 54, सुभाष नगर में 29 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया. 5 शवों को कब्रिस्तान में दफनाया गया. 13 अप्रैल को यह आंकड़ा 84 था. बुधवार को शहर में 37 लोगों की सामान्य मौत हुई है.
ये आंकड़ों की हकीकत…
-पहले सरकारी आंकड़ों को देखें तो 8, 9 और 10 अप्रैल को कोरोना से एक-एक मरीज की मौत हुई है. जबकि 11 अप्रैल को तीन, 12 अप्रैल को पांच मौत हुई है. इन 5 दिनों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुल 11 लोगों की कोरोना से मौत हुई है.-अब शहर के मुख्य विश्राम घाट भदभदा और सुभाष विश्राम घाट के साथ झदा कब्रिस्तान के आंकड़ों पर नजर डाले तो इन 5 दिनों में यहां पर अंतिम संस्कार के लिए कुल 426 शव पहुंचे. हैरत की बात है कि 426 में से 266 शवों की कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम क्रिया की गई. इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि शवों के साथ आने वाले परिजन विश्राम घाट प्रबंधन को कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी देते हैं. यह आंकड़ा सरकारी आंकड़ों को झूठा साबित कर रहा है.
– 8 से 12 अप्रैल के बीच भदभदा विश्राम घाट पर सबसे ज्यादा 221 शव पहुंचे. जिसमें से 174 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.
-8 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच सुभाष विश्राम घाट पर 156 शव पहुंचे। जिसमें से 67 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.
-8 से 12 अप्रैल के बीच झदा कब्रस्तान में 49 शव पहुंचे. इनमें से 25 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.
-कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौत हिंदू समाज के लोगों की हो रही है. सबसे ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट में किया जा रहा है.