लॉकडाउन में और बढ़ गया संक्रमण: 12 दिनों में 200 से 600 हो गई संक्रमितों की संख्या, पिछले 14 दिनों से लगातार बढ़ रहा है ग्राफ, एक्टिव केस भी 38 सौ पार

लॉकडाउन में और बढ़ गया संक्रमण: 12 दिनों में 200 से 600 हो गई संक्रमितों की संख्या, पिछले 14 दिनों से लगातार बढ़ रहा है ग्राफ, एक्टिव केस भी 38 सौ पार


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जबलपुर14 मिनट पहले

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कोरोना का संक्रमण बेकाबू।

  • जिले में कोरोना विकट हाल, सरकारी अस्पतालों में बेइलाज तोड़ रहे लोग दम

जिले में संक्रमण की रफ्तार ने सारे रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं। आलम ये है कि पिछले 14 दिनों में हर दिन पिछले की तुलना में अधिक संक्रमित सामने आए। महज 12 दिनों में संक्रमण का आंकड़ा 200 से बढ़कर 600 पहुंच गया। ये आंकड़ा इस कारण और चिंता बढ़ाने वाली है कि लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू का भी कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। कोरोना से होने वाली मौतों की चित्कार को प्रशासन अपने आंकड़ों से छुपाने में जुटा है। और मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पतालों की बदइंतजामी ऐसी की लोगों को रोना आ जाए।

जानकारी के अनुसार जिले में एक अप्रैल को 185 संक्रमित सामने आए थे। 12 दिन बाद संक्रमितों की संख्या 602 पहुंच गई। दो अप्रैल को 200 का आंकड़ा पार हुआ था। आठवें दिन 300, 10वें दिन 400, 12वें दिन 500 और 13वें दिन 600 का आंकड़ा पार हो गया। कोरोना की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गली-मोहल्ले की दुकानों में कोरोना के इलाज संबंधी दवाओं की बिक्री बढ़ गई है। दुकानों पर सुबह से लेकर देर रात तक लाइन लग रही है।

600 से अधिक मरीज वेंटीलेटर के सहारे जिंदगी की जंग लड़ रहे

प्रशासन आरटीपीसीआर टेस्ट के आधार पर ही आंकड़े जारी कर रहा है। जबकि विक्टोरिया सहित निजी अस्पतालों में लक्षणाें और रैपिड टेस्ट के आधार पर ही मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जा रहा है। ये संख्या जोड़ें तो वर्तमान में शहर के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें भी गंभीर मरीजों की संख्या 600 से अधिक पहुंच गई है। सभी वेंटीलेटर के सहारे जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
14 अप्रैल को 653 संक्रमित आए सामने
जिला प्रशासन की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को कुल 2847 सेम्पल की जांच में 653 नए संक्रमित सामने आए हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 24 हजार 222 हो गई है। वहीं कुल 298 लोग स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से स्वस्थ होने वालों की संख्या 20 हजार 327 पर पहुंच गई है।

वहीं बुधवार को 6 लोगाें की मौत के बाद कुल आंकड़ा 303 हो चुकी है। जिले में रिकवरी रेट घटकर 83.91 प्रतिशत पर आ गया है। जबकि कोरोना के एक्टिव केस अब 3890 हो गए हैं। मौत के सरकारी आंकड़े से अलग चौहानी शमशान घाट में लाशों का अंतिम संस्कार रात तक हुआ।
सरकारी अस्पतालों में इलाज भगवान भरोसे
पूर्व महापौर सदानंद गोडबोले की 77 वर्षीय कोरोना संक्रमित मां ने मेडिकल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मां का निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए वे सारे प्रयास कर डाले थे। मेडिकल में इलाज के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा।
दूसरा केस और भी डराने वाला है। जबलपुर सिटी के पूर्व अधीक्षण यंत्री आई के त्रिपाठी की चाची मेडिकल कॉलेज में 3 दिन पूर्व भर्ती हुई थी। डॉक्टर उन्हें बेहतर बता रहे थे। अचानक मंगलवार की देर रात को 3:00 बजे उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने 12 घंटे बाद परिजनों को बुधवार दोपहर 1:30 बजे बताया कि उनकी मौत हो गई है।
मेडिकल में भर्ती मरीजों के इलाज में हद दर्जे की लापरवाही का आरोप
मेडिकल कॉलेज में 11 अप्रैल को एमपी-सीज के हेल्थ डायरेक्टर रहे डॉक्टर पीएस साेन की मौत हो गई थी। िपता की मौत के बाद मेडिकल की अव्यवस्था को लेकर बेटे का आक्रोश फूट पड़ा था। बेटे ने आरोप लगाया है कि कोरोना के लिए बने सुपर स्पेशलिटी सिर्फ नाम का है। वहां कोई सीनियर डाॅक्टर मरीजों को देखने नहीं जाता।

सुबह सफाई होने के बाद मरीज गंदगी में पड़े रहते हैं। पानी के लिए तड़पते हैं और वहां पढ़ाई करने वाले छात्र डांट कर चुप करा देते हैं। परिजनों को मिलने तक नहीं दिया जाता है। मरीजों से फोन तक छुड़ा लिया जाता है कि वे अपनों से वहां की परेशानी न बता पाएं। जब हेल्थ डायरेक्टर रह चुके मेरे पिता के इलाज में इस हद दर्जे की लापरवाही हो सकती है, तो आम मरीजों के साथ वहां क्या होता होगा।

प्रशासन और शमशान घाट में जलाई जा ही चिताओं के आंकड़े में फर्क दिख रहा।

प्रशासन और शमशान घाट में जलाई जा ही चिताओं के आंकड़े में फर्क दिख रहा।

सितंबर 2020 से बुरे हालात
जिले में 2020 में कोरोना का सबसे अधिक संक्रमण काल सितंबर में दिखा था। तब एक महीने में सबसे अधिक 5793 लोग संक्रमित हुए थे। उस समय 69 लोगों की मौत हुई थी। सितंबर में एक दिन में सबसे अधिक संक्रमित 251 और अधिकतम चार मौत हुई थी। पर अप्रैल 2021 का महीना हर रिकॉर्ड तोड़ने को आतुर है। 14 दिनों में जिले में 5047 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यही रफ्तार रही तो महीना समाप्त होते-होते 12 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो जाएंगे। सरकारी रिकॉर्ड में अभी 14 दिनों में 33 लोगों की मौत हुई है।

14 दिनों में इस तरह कोरोना के केस आए सामने
तारीख केस स्वस्थ एक्टिव केस रिकवरी रेट मौत
01 अप्रैल 185 138 1328 91.75 प्रतिशत 02
02 अप्रैल 205 122 1409 91.41 प्रतिशत 02
03 अप्रैल 224 193 1439 91.35 प्रतिशत 01
04 अप्रैल 236 155 1519 91.05 प्रतिशत 01
05 अप्रैल 257 168 1607 90.72 प्रतिशत 01
06 अप्रैल 269 148 1727 90.25 प्रतिशत 01
07 अप्रैल 298 182 1841 89.84 प्रतिशत 02
08 अप्रैल 326 151 2015 89.17 प्रतिशत 01
09 अप्रैल 369 165 2217 88.40 प्रतिशत 02
10 अप्रैल 402 179 2436 87.60 प्रतिशत 04
11 अप्रैल 469 245 2656 86.86 प्रतिशत 04
12 अप्रैल 552 252 2952 85.87 प्रतिशत 04
13 अप्रैल 602 306 3549 84.98 प्रतिशत 05
14 अप्रैल 653 298 3890 83.91 प्रतिशत 06

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