MP में कोरोना LIVE: जबलपुर में ऑक्सीजन खत्म होने से वेंटिलेटर पर मरीज की मौत, 4 की हालत गंभीर; इंदौर में मेरा मरीज मेरी ऑक्सीजन वाला हाल

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मध्यप्रदेशएक मिनट पहले

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इंदौर में ऑक्सीजन सिलेंडर भरवा कर स्कूटी से लाने की तैयारी करते मरीज के परिजन। यहां 3 हजार गंभीर मरीज भर्ती हैं।

प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। अब जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी से हालात बिगड़ गए हैं। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन समाप्त हो गई। यहां के मेडिसिटी अस्पताल में ऑक्सीजन समाप्त होने से वेंटिलेटर पर 82 वर्षीय महिला ने तड़प कर दम तोड़ दिया। 4 और मरीजों की हालत नाजुक है। इसके पहले भोपाल, सागर और इंदौर में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो चुकी हैं। इंदौर में मरीजों के परिजनों से सिलेंडर मांगा जा रहा है। सरकार 13 जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने जा रही है।

24 घंटे में प्रदेश के 4 बड़े शहरों में ही 4635 नए केस आए हैं और 25 मौतें हुई हैं। एक दिन पहले यहां पर 4511 केस आए थे और 24 की मौत हुई थी। सबसे ज्यादा नए केस इंदौर में 1693 नए मामले आए और 6 ने दम तोड़ दिया। भोपाल में 1637 संक्रमित मिले, 8 लोगों की मौत हो गई। जबलपुर 653 मरीज आए और 6 लोगों की जान चली गई। ग्वालियर में 652 पॉजिटिव मिले और 5 ने जान गंवाई। बुधवार को गुना, रायसेन, रीवा, टीकमगढ़ और छतरपुर में भी लॉकडाउन लगा दिया गया है। अब तक प्रदेश के 52 जिलों में से 28 जिलों में या उनके शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है।

इंदौर में 3 हजार मरीज गंभीर, 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत

इंदौर में अप्रैल के 13 दिन में ही एक्टिव मरीजों की संख्या दोगुना हो चुकी है। एक्टिव केस 10351 हैं। इसमें से तीन हजार मरीज आईसीयू व एचडीयू में गंभीर स्थिति में भर्ती हैं। इस वजह से ऑक्सीजन की खपत 100 टन रोज पर जा पहुंची है, जबकि सप्लाई 60-70 टन ही है। महाराष्ट्र-गुजरात से सप्लाई बहुत कम हो रही है।अस्पतालों में मरीजों के परिजन ड्यूटी दे रहे हैं। जैसे ही कहा जाता है, ऑक्सीजन कम हो रही है। परिजन सिलेंडर भरवाने दौड़ जाते हैं। कार, बाइक, ऑटो से दिन में दो से तीन बार परिजन को सिलेंडर लाना रहे हैं। वहीं, बेड की कमी देखते हुए प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग व्यास को भी कोविड केयर सेंटर बनाने का काम शुरू कर दिया। शुरू में 500 बेड होंगे बाद में इसे 2000 हजार तक किया जाएगा। बेड गत्ते से बनाए जा रहे हैं।

​​​​​​​भोपाल में सबसे ज्यादा 8 मौतें
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24 घंटे में भोपाल में सबसे ज्यादा 8 मौतें हुई हैं, जो प्रदेश के अन्य शहरों से ज्यादा है। वहीं दूसरे नंबर पर पर सबसे ज्यादा 1637 संक्रमित मिले हैं। एक दिन पहले 1497 मरीज मिले थे। जैसे-जैसे मरीजों की संख्या यहां बढ़ रही है, वैसे-वैसे शहर में सख्ती बढ़ाई जा रही है। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए 157 जगहों पर बैरिकेडिंग किया गया है। 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

जबलपुर: 12 दिनों में 200 से बढ़कर 600 आने लगे नए केस

संक्रमण की रफ्तार ने सारे रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं। पिछले 14 दिनों में हर दिन पिछले की तुलना में अधिक संक्रमित सामने आए। 12 दिनों में 200 से बढ़कर 600 नए केस मिलने लगे हैं। 24 घंटे में 653 नए केस आए, जहां 6 ने जान गंवाई है। 2847 सैंपल की जांच की गई थी। ये आंकड़ा इस कारण और चिंता बढ़ाने वाली है कि लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू का भी कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। इसमें भी गंभीर मरीजों की संख्या 600 से अधिक पहुंच गई है। सभी वेंटिलेटर के सहारे जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। बुधवार को यहां के रिछाई प्लांट में खराबी के कारण मुसीबत और बढ़ गई है। अस्पतालों में पुलिस तैनात करनी पड़ी है।

ग्वालियर: थोड़ी राहत, डेढ़ सौ कम नए केस आए

यहां 24 घंटे में राहत की बात रही। 652 संक्रमित मिले और 5 की मौत हुई है, जबकि इसके एक दिन पहले 801 केस मिले थे और 9 लोगों की मौत हुई थी। बुधवार को 2285 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आई। एक्टिव केस बढ़कर 3951 हो गए हैं। बुधवार को सबसे ज्यादा संक्रमित मुरार और लश्कर एरिया में निकले हैं। जिस कारण आधा सैकड़ा स्थानों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। बाजारों में शादियों की खरीदारी और कोरोना कर्फ्यू के डर से उमड़ी भीड़ भी कोरोना संक्रमण के बढ़ने का एक बड़ा कारण है।

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