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- 20 Died In 24 Hours, Angry Family Members Said To SDM Not To Slaughter The Hospital … There Are Murders; Wife’s Pain: Husband Was Healthy At 10:45 Pm, Death After 4 Minutes
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खंडवा5 मिनट पहले
मृतक ओमप्रकाश पांडे के परिजनों को रो-रोककर बुरा हाल था।
ऑक्सीजन, इंजेक्शन, बेड की कमी या सरकार और सिस्टम की लापरवाही। खंडवा के कोविड अस्पताल में 24 घंटे के दरमियान करीब 20 लोगों ने दम तोड़ दिया। सुबह अस्पताल पहुंचे परिजन ने सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाई तो पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें बाहर कर दिया।
सुबह के 11 बजे कोविड अस्पताल के बाहर गांव भामगढ़ निवासी मृतक ओमप्रकाश पांडे (58) की पत्नी, बच्चें, बहू और रिश्तेदारों का रो-रोककर बुरा हाल था। मौके पर पहुंची एसडीएम ममता खेड़े समझाइश देने लगी तो परिजन ने कहा – यह अस्पताल नहीं कत्लखाना है, इलाज की बजाय यहां भर्ती मरीजों की निर्मम हत्याएं हो रही हैं। बेटे सेतु ने सिस्टम के हाथ जोड़ लिए, नम आंखों से कहा 5 दिन से भर्ती मेरे पिता पूरी तरह स्वस्थ्य थे, ऑक्सीजन सेचुरेशन भी 85% से ज्यादा था। वे कोरोना पॉजिटिव भी नहीं थे, अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें मार दिया गया हैं। पत्नी अरूणा पांडे बेसुध हो गई, उनके शब्द यहीं कहते रहे कि पति से सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर बात हुई थी, 4 मिनट बाद जाकर अस्पताल वालों ने मौत की सूचना दे दी। बेटे ने एसडीएम को बताया कि वह पिता के लिए 2 हजार रूपए का ऑक्सीजन मास्क खरीदकर लाया। यकीन ना हो तो मेडिकल स्टोर का बिल देख लिजिए। इलाज की बजाय अस्पताल वाले बार-बार उनका बेड बदलते रहें। जो सुलूक मेरे पिता के साथ किया वह किसी दूसरे के साथ मत करना।
– बुजुर्ग मां के बेटे ने कहा : मां स्वस्थ थी, ये हत्या नहीं तो क्या ? इधर, गांव पिपलोदा राणा के गंगाधरसिंह को सुबह 8 बजे सूचना मिली कि उनकी मां सुंदरबाई पति संभाजी (57) की मौत हो गई। बेटे ने बताया यकीन नहीं हुआ कि मां दुनिया छोड़कर चली गई। क्योंकि मैं खुद गुरूवार की रात 10 बजे उन्हें भर्ती कराकर गया। चार्जिंग करके मोबाइल उन्हें देकर गया था लेकिन अस्पताल वालों ने मोबाइल बंद कर दिया। सुबह स्वीच ऑन करके बताया कि आपकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही। रिश्तेदारों के साथ सुबह अस्पताल पहुंचा तो दोपहर तक मां का पार्थिव शरीर लेने का इंतजार करता रहा।