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- Madhya Pradesh Indore Coronavirus; FIR Lodged Against Apple Hospital, Medical Store Will Be Sealed
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इंदौर30 मिनट पहले
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कलेक्टर के सामने झूठ बाेलने वाले को बैठक से ही पकड़कर थाने ले जाया गया।
कोरोना महामारी के बीच मरीजों से अस्पतालों में लूट खसोट की शिकायतें मिल रही हैं। इस पर शुक्रवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने कड़ा एक्शन ले लिया। एआईसीटीएसएल में सबसे ज्यादा शिकायतों वाले 30 अस्पतालों की कलेक्टर ने बैठक ली। बैठक में गलत जानकारी देने पर एक अस्पताल के पीआरओ को कलेक्टर ने बैठक से ही उठाकर थाने ले जाने को कहा। उसके खिलाफ 151 में कार्रवाई कर एडीएम को उसे जेल भेजने का भी कह दिया।
मिनेश अस्पताल और साईं अस्पताल को तत्काल बंद करने के निर्देश भी दिए। वहीं एप्पल अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन का हिसाब मांगा। रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवाने और ज्यादा कीमत पर इंजेक्शन बेचने की शिकायत मिलने पर अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की बात कही। कलेक्टर के निर्देश के बाद प्रशासन की टीम एप्पल अस्पताल मेडिकल स्टोर को सील करने पहुंच गई। बता दें कि पिछले तीन दिन में अस्पताल को 217 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए, जिसका रिकार्ड अस्पताल उपलब्ध नहीं करवा पाया।
बैठक के कुछ अंश…
कलेक्टर ने कहा कि हम आपको रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवा रहे हैं। उसके बारे में यह शिकायत आ रही है कि ये इंजेक्शन सही मरीज को नहीं लग रहे हैं। ठीक है… आपको लगता है कि 30 मरीज सही हैं, हम आपको 10-20-30 जो भी इंजेक्शन दे रहे हैं। वो जरूरी मरीज को लगनी चाहिए, लेकिन उसमें भी गड़बड़ी हो रही है। आपको नाॅर्मल रेट पर इंजेक्शन मिल रहे हैं। उससे काफी ज्यादा रेट पर आप मरीज को इंजेक्शन दे रहे हैं। आपके बेड का नॉर्मल समय में 100 रुपए चार्ज होगा, उसका आप लोग 10 हजार रुपए चार्ज कर रहे हैं।

इस प्रकार से बैठक के बीच में ही उसे पकड़कर ले जाया गया।
एप्पल अस्पताल से कौन है…
कलेक्टर – एप्पल अस्पताल के प्रतिनिधि से… आप इंजेक्शन का रिकार्ड क्यों नहीं दे पा रहे हैं। जबकि हमने तो फार्मेसी के माध्यम से अस्पताल को इंजेक्शन दिए हैं। आपसे जब रिकार्ड मांगा जा रहा है तो फिर क्यों नहीं दे रहे हैं। इस पर बैठक में मौजूद, एक महिला अधिकारी ने अस्पताल के बारे में कलेक्टर को बताया कि इन्हें 117, फिर 100 आज फिर 50 इंजेक्शन अलॉट हुए हैं। इसके बाद भी यहां से मरीज 12 हजार में इंजेक्शन खरीदकर लगवा रहे हैं। ऐसे कुछ मरीज हमारे पास हैं, जिन्होंने ये इंजेक्शन लगवाए हैं। कलेक्टर ने बैठक में ही कहा कि जो मरीज हैं, उन्हें बुलवाकर बयान लो। इनके खिलाफ ब्लैक मार्केटिंग में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

कलेक्टर से बोला – सर मेरी कोई गलती नहीं, इस पर कलेक्टर ने जमकर फटकारा।
मिनेश अस्पताल का कौन है…
कलेक्टर ने पूछा मिनेश अस्पताल से कौन है। यह अस्पताल कहां है, कौन मालिक है इसका। इस पर कलेक्टर को बताया गया कि यह राउ सर्कल पर स्थित है। इसी दौरान मिनेश अस्पताल के नाम से उपस्थिति दर्ज करवाने वाले से जब पूछा गया तो उसने कहा कि वह तो दूसरे अस्पताल का पीआरओ है। कलेक्टर ने जब उसने पूछा कि मिनेश अस्पताल का नाम क्यों लिखवाया तो बोला कि मिनेश अस्पताल वालों ने कहा था। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल मिनेश अस्पताल को बंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल की बहुत शिकायतें हैं।
ले जाओ इसे उठाकर कलेक्टर को गलत रिकार्ड बता रहा है…
इसके साथ ही सीएमएचओ से कहा कि ये गलत आदमी के नाम की हाजिरी दे रहा था। इसे तत्काल गाड़ी में बिठाकर संयाेगितागंज थाने लेकर जाओ। मैं एडीएम को बोल रहा हूं, इसे अभी जेल भेजेंगे। इसे उठाकर यहां से ले जाओ। इस पर उक्त व्यक्ति बोला – सर मेरी कोई गलती नहीं है.. कलेक्टर ने फटकारते हुए कहा – कलेक्टर को गलत जानकारी दे रहे हो। ले जाओ उठाकर इसे। मजाक समझ रखा है। यही हाल सबका करूंगा, जो गलत कर रहा है। कलेक्टर ने बैठक के बीच में ही थाने पर कॉल कर कहा कि एक दूसरे अस्पताल का पीआरओ जो मीटिंग में गलत आदमी की हाजिरी लगा रहा था। उस पर 151 लगवा देना, मैं एडीएम को बोल रहा हूं, उसे जेल भेज देना। गलत जानकारी देने वाले ने कहा कि उनके पास किसी अटल जी का कॉल आया था। मुझे नहीं पता वो कौन हैं, उन्होंने कहा था कि मेरा नाम लिखवा देना।