इंदौर का डॉक्टर हिमाचल प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बना रहा था. (File)
remdesivir injection: इस इंजेक्शन की कालाबाजारी चरम पर पहुंच चुकी है. अब डॉक्टर सीधा इस धंधे में कूद पड़े हैं. अब इंदौर के डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वो हिमाचल प्रदेश में नकली इंजेक्शन बना रहा था.
चौंकाने वाले एक मामले में एक ऐसा डॉक्टर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा है जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित अपनी कंपनी में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बना रहा था. इसका नाम डॉक्टर विनय त्रिपाठी है. आरोपी के पास से 400 नकली वॉयल भी मिले हैं. वह पिछले एक साल से कांगड़ा में सूरजपुर स्थित फॉर्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चला रहा था.
पेश नहीं कर सका ठोस दस्तावेज- पुलिस
डीआईजी मनीष कपूरिया ने इस कांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक किसी व्यक्ति के पास है. वह इंदौर में सप्लाई करने वाला है. इस पर टीम ने घेरा डालकर त्रिपाठी को पकड़ा. उसने बताया कि वह ये इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश से लाया है. वो इसके लिए ठोस दस्तावेज भी पेश नहीं कर सका. मामले में क्राइम के साथ ड्रग विभाग की टीम भी जांच कर रही है. पता चला है कि व्यक्ति फार्मा बिजनेस से जुड़ा है. पीथमपुर में उसकी यूनिट भी है.कंपनी के मैनेजर ने किया ये खुलासा
पुलिस ने बताया कि डॉ. विनय त्रिपाठी ने पिछले साल दिसंबर में कांगड़ा के एडिशनल ड्रग कंट्रोलर धर्मशाला को संपर्क किया था. उसने कंट्रोलर से इस इंजेक्शन के प्रोडक्शन की अनुमति मांगी थी. लेकिन, उन्हें ये अनुमति नहीं दी गई. इधर, उसके मैनेजर पिंटू कुमार ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन से कंपनी को बंद कर दिया गया. अगस्त 2020 को त्रिपाठी ने कंपनी में फिर से उत्पादन शुरू करवाया.पिंटू ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन हमारी कंपनी में बनाया जा रहा था.