कोरोना ने हर वर्ग-उम्र और समुदाय के लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.
Ujjain. उज्जैन (Ujjain) में संक्रमित मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. शहर के बड़े छोटे, निजी और सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. कहीं बेड खाली नहीं हैं.
उज्जैन में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा जिस तरह बेलगाम होता जा रहा है वैसे ही संक्रमित मरीजों की मौत भी लगातार बढ़ रही है रोजाना हर उम्र के संक्रमित मर रहे हैं. शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ. 45 वर्षीय पुलिस कर्मी ललित भावसार, लगभग 60 वर्षीय संत अमृतानंद महाराज, विक्रम विश्व विद्यालय में पदस्थ 33 वर्षीय कर्मचारी जितेन्द्र श्रीवास और बीजेपी नेता पूर्व विधायक शिवा कोटवानी और उनके बड़े भाई मनोहर कोटवानी का निधन हो गया. दोनों भाई कोरोना संक्रमित थे.
6 दिन में 1538 नए संक्रमित मरीज
कुल 6 दिन में 1538 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. ऐसे में शहर के अस्पताल कम पड़ रहे हैं. संभवत उज्जैन में चरक भवन की 6 टी मंजिल पर नया कोविड वार्ड शुरू हो सकता है. महानंदा नगर क्षेत्र में संचालित बिड़ला हॉस्पिटल में भी 50 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. यहां भी मरीजों को भर्ती रखकर इलाज दिया जाएगा. माधवनगर में 40 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. नेता, पुलिस, संत शिक्षक सब शिकार
पुलिस विभाग की स्पेशल ब्रांच एसबी शाखा के 45 साल के प्रधान आरक्षक ललित भावसार का कोरोना से निधन हो गया. भावसार को सांवेर रोड स्थित निजी अस्पताल में 7 अप्रैल को भर्ती किया गया था. लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. गार्ड ऑफ ऑनर देकर शाम को ही पीपीई किट में भावसार का अंतिम संस्कार किया गया. वंहीं निरंजनी अखाड़े के संत अमृतानंद की कोरोना से जंग लड़ते लड़ते मौत होने की खबर भी शहर को लगी. अमृतानंद को कोरोना संक्रमित होने पर उज्जैन के सहर्ष हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. विक्रम विश्वविद्यालय में भी कोरोना से 5 वीं मौत हो गयी. शुक्रवार को अमलतास मेडिकल कॉलेज में भर्ती कुलपति के बॉडीगार्ड जितेन्द्र श्रीवास का निधन हो गया. इससे पहले प्रो अहिरवार और प्रो टिटव सहित दो अन्य लोगों की मौत पहले ही हो चुकी है. बीजेपी नेता पूर्व विधायक शिवा कोटवानी और उनके बड़े भाई मनोहर कोटवानी कानिधन हो गया. दोनों भाई कोरोना संक्रमित थे.
अस्पताल में हंगामा
संक्रमितों की बढ़ती संख्या और अस्पताल में चल रही ऑक्सीजन की कमी के बीच निजी तेजनकर अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया जब कुछ देर की ऑक्सीजन का हवाला देकर अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू में भर्ती करीब 40 मरीज़ों के परिवार से उन्हें ले जाने के लिए कह दिया. रात 11 बजे के लगभग अस्पताल के बाहर परिवार की भीड़ लग गयी. इसके बाद रात को उज्जैन कलेक्टर को इस बात से अवगत कराया गया तब ऑक्सीजन की व्यवस्था हो पायी.
संक्रमण ने शहर और तहसील में पैर पसारे
उज्जैन में संक्रमित मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और अब बड़ी संख्या में मरीजों को सांस लेने में दिक्कत का सामान करना पड़ रहा है. शहर के बड़े छोटे, निजी और सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. कहीं भी बेड खाली नहीं हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि शहर में संक्रमण किस तरह से पैर पसार रहा है. उज्जैन शहर के अलावा बड़नगर, नागदा, तराना, महिदपुर, खाचरोद सहित अन्य ग्रामीण इलाको में भी संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है.