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- People Sitting In The District Hospital, No One To Restrain, People Doing Reckless Arbitrariness, Many Do Not Feel The Need To Put A Mask On Their Mouth
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मुरैना18 मिनट पहले
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जिला अस्पताल में सटकर बैठी महिलाएं
- अस्पताल होने के कारण पुलिस नहीं कर रही रोक-टोक, लेकिन डॉक्टर व महिला नर्सेस को चाहिए रोकना
- डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ को सता रहा संक्रमित होने का भय
मुरैना। पुलिस व प्रशासन पूरे शहर में रोको-टोको अभियान चला रहा है। जो भी व्यक्ति बिना मास्क के या फिर सटकर रिक्शा में बैठे दिखता है, उसे तुरंत रोक कर चालान बनाया जाता है। लेकिन जिला अस्पताल में यह नियम शायद लागू नहीं है। वहां मरीज व उनके अटेण्डर जहां एक दूसरे से सटकर बैठे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ मास्क भी नहीं लगाए हैं। विशेषकर महिलाएं धोती के पल्लू से मुंह ढक लेती हैं, लेकिन मास्क नहीं पहनती हैं। शहर में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उसको देखते हुए जिला व पुलिस प्रशासन को हर उस जगह नजर रखनी चाहिए जहां भीड़ जुड़ रही है। लेकिन ऐसा नहीं है, पुलिस प्रशासन का पूरा ध्यान केवल सड़़क पर आने-जाने वालों पर है, लेकिन अस्पतालों में क्या हो रहा है, उससे उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। शायद यही वजह है कि शहर के बीचो-बीच मौजूद जिला अस्पताल में जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज व उनके अटेण्डर आ रहे हैं, उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जिलाअस्पताल में सटकर बैठे अटेण्डर
चिकित्सक भी नहीं दे रहे ध्यान
सबसे अहम बात यह है कि अस्पताल में मरीज व उनके अटेण्डर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिल्कुल नहीं कर रहे हैं, इसके बावजूद चिकित्सक व अस्पताल का नर्सिंग स्टॉफ इस पर बिल्कुल ध्यान हीं दे रहा है, और न ही उन्हें रोकने-टोकने की जरूरत महसूस कर रहा है।
चिकित्सकों को सता रहा डर
अस्पताल के चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ मरीजों व उनके अटेण्डरों को अटेण्ड करने से डर रहे हैं। उनको डर लग रहा है कि कहीं वे भी किसी कोरना पॉजीटिव के सम्पर्क में न आ जाएं और संक्रमित हो जाएं। इसलिए कोई किसी को रोकने-टोकने की जहमत नहीं उठा रहा है।