CM शिवराज का आरोप: महाराष्ट्र सरकार मध्यप्रदेश के कंस्ट्रेटर रोकने का निर्माता कंपनियों पर बना ही दबाव

CM शिवराज का आरोप: महाराष्ट्र सरकार मध्यप्रदेश के कंस्ट्रेटर रोकने का निर्माता कंपनियों पर बना ही दबाव


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भोपाल9 मिनट पहले

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  • मुख्यमंत्री ने कहा- हमने महाराष्ट्र से पहले कंस्ट्रेटर का आर्डर दिया था

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि महाष्ट्र सरकर मध्य प्रदेश के कंसट्रेटर मशीनें रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र से पहले कंसट्रेटर मशीनों का आर्डर दिया था, लेकिन निर्माता कंपनी पर दवाब बनाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश की सप्लाई रोक कर महाराष्ट्र में आपूर्ति करे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 2 हजार ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीनों की पहली खेप आ चुकी है। दूसरी खेप में 650 मशीनें आएंगी। इसके अलावा जिला स्तर पर करीब 1300 मशीने खरीदी जा चुकी है। इन मशीनों को आपात स्थिति से निपटने के लिए खरीदकर रिजर्व किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कोरोना की पहली लहर में सरकार ने पिछले साल सितंबर माह में भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोविड मरीजो के लिए 40 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन लगाई थी। इन मशीनों से कोरोना के गंभीर मरीजों को सीधे हवा दी जाती है, जिससे उनके शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल कम ना हो। बता दें कि एक मशीन का उपयोग 2 मरीजों के लिए होता है। इसलिए इन मशीनों को आईसीयू में इंस्टॉल किया जाता है।

1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए नया आर्डर
मुख्यमंत्री ने कोरोना की समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 1 लाख डोज का नया आर्डर दिया है। जो जल्दी ही प्राप्त हो जाएंगे। इससे पहले अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की शासकीय सप्लाई आ चुकी है। इधर, कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा था- मायलोन कंपनी के उपाध्यक्ष से बात हुई है। वे इंदौर को जल्दी ही 1 हजार से 2 हजार के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन जल्दी ही भेजेंगे।

टेस्टिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी
बैठक में मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग की मौजूदा व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उनहोंने कहा कि 24 घंटे में रिपोर्ट की व्यवस्था करे, छोटे जिलों में रिपोर्ट लेट आ रही है। ये नहीं चलेगा, इसकी व्यवस्था बना कर दें। उन्होंने कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और एसीएस सुलेमान बैठकर तय करें। लैब और निजी अस्पतालों से बात करे कि रिपोर्ट समय पर आए और ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाए ।

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