श्रीलंका के पूर्व ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन आज 49 साल के हो गए. अपने दो दशक लंबे करियर में उन्होंने 1300 से ज्यादा इंटरनेशनल विकेट लिए. (Muttiah Muralitharan instagram)
टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले इकलौते और सबसे ज्यादा 44039 गेंद फेंकने वाले श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan Happy Birthday) का आज जन्मदिन है. 17 अप्रैल 1972 को कैंडी शहर में जन्मे मुरलीधरन 49 बरस के हो गए हैं. उन्होंने 133 टेस्ट में सबसे ज्यादा 800 विकेट लिए हैं.
टेस्ट डेब्यू के तीन साल बाद 1995 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मुरलीधरन एक्शन को लेकर विवादों में आ गए. बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हेयर ने मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगाकर उन्हें गेंदबाजी से रोक दिया. इसके तीन साल बाद फिर उन पर यही आरोप लगा और एक बार फिर अंपायर ऑस्ट्रेलियाई ही था. तब ऑस्ट्रेलिया के अंपायर रॉस एमरसन ने उन पर चकिंग के आरोप लगाए. 2004 में उन्हें ‘दूसरा’ के इस्तेमाल को रोकने के लिए कहा गया. क्योंकि जांच के बाद ये पाया गया कि गेंदबाजी के दौरान उन हाथ 15 डिग्री की तय लिमिट से ज्यादा घुम रहा है. हालांकि, बाद में वो इससे मुक्त हो गए.
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1996 में श्रीलंका को पहली बार वनडे का वर्ल्ड चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई.
मुरलीधरन वर्ल्ड कप में मैक्ग्रा के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजतब इस स्पिनर ने पूरे टूर्नामेंट में 3.77 की इकॉनोमी रेट से रन रन दिए. उन्होंने फाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 ओवर में सिर्फ 31 रन दिए और एक विकेट हासिल किया. उन्होंने तब टूर्नामेंट में कुल 7 विकेट लिए. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले उन्होंने वर्ल्ड कप के 40 मैच में 19.63 के औसत से कुल 68 विकेट लिए. सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा ने उनसे ज्यादा 71 विकेट लिए हैं. 2011 में भारत के हाथों आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में हारने के बाद ही उन्होंने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। इस दौरान भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया।
1998 में इंग्लैंड टीम मुरली की धुन पर नाची थी
1998 में श्रीलंका टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी. तब मेजबान देश को घेरने की रणनीति का केंद्र मुरलीधरन ही थे. इसी दौर पर ओवल टेस्ट के दौरान श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणातुंगा ने टॉस जीतने के बाद सबको चौंकाते हुए गेंदबाजी का फैसला किया. इसके पीछे उनकी यही रणनीति थी कि अगर मैच में इंग्लैंड को दोनों पारियों में आउट करना है तो मुरलीधरन को ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी का मौका देना होगा.तब मुरलीधरन ने मैच में कुल 113.5 ओवर गेंदबाजी की थी. ये 1962 के बाद किसी गेंदबाज द्वारा टेस्ट में सबसे ज्यादा ओवर फेंकने का रिकॉर्ड था. जो आज भी कायम है.
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मुरलीधरन ने मैच की पहली पारी में 59.3 ओवर में 155 रन देकर सात विकेट लिए और इंग्लैंड की पूरी टीम 445 रन पर ऑल आउट हो गई. वहीं, दूसरी पारी में मुरलीधरन ने और घातक गेंदबाजी की और 65 रन देकर 9 विकेट लिए. इंग्लैंड की पूरी पारी 181 रन पर सिमट गई और श्रीलंका ने 36 रन के लक्ष्य को हासिल करते हुए मैच जीत लिया. तब मुरलीधरन ने मैच में 220 रन देकर कुल 16 विकेट लिए थे. ये एक टेस्ट में किसी गेंदबाज का पांचवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
मुरलीधरन ने टेस्ट में 67 बार पांच विकेट लिए
मुरलीधरन ने अपने करीब 20 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में 133 टेस्ट, 350 वनडे और 12 टी20 मैच खेले थे. वो टेस्ट में 800 विकेट लेने वाले दुनिया के इकलौते गेंदबाज हैं. उन्होंने टेस्ट में सबसे ज्यादा 67 बार पांच विकेट लिए थे. वहीं, 22 बार 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया. वनडे में इस गेंदबाज ने 534 विकेट लिए. इस फॉर्मेट में उन्होंने चार विकेट 15 बार और पांच विकेट 10 बार हासिल किए.